रांचीः अडाणी समूह को लेकर हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के बाद गरमाई देश की राजनीति के बीच कांग्रेस ने एलआईसी और एसबीआई के कार्यालयों के समक्ष छह फरवरी को धरना-प्रदर्शन करने की घोषणा की है. शनिवार को रांची में कांग्रेस के प्रदेश कार्यालय में संवाददाता सम्मेलन में झारखंड में कार्यक्रम की घोषणा की गई. इस दौरान झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष राजेश ठाकुर और कांग्रेस विधायक दल के नेता आलमगीर आलम ने संबोधित किया.
सारे नियम ताक पर रख कर अडाणी को पहुंचाया फायदाः झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने कहा कि मोदी जी जब मुख्यमंत्री थे तब उन्होंने मेहनत की, जब प्रधानमंत्री बने तब मेहनत की. इतनी मेहनत कर के मोदी जी ने एक गुब्बारा फुलाया था, जिसकी हवा अब फुस्स कर निकल गई है. सारे नियम, कायदे, कानून ताक पर रखकर एक आदमी को पीएम मोदी ने पाल-पोस कर बड़ा किया, आज क्या हुआ. ये नरेंद्र मोदी और अडाणी के बीच का मामला होता तो हमें क्या आपत्ति होती, लेकिन यह मामला अब एक-एक भारतवासी का है. उनके पसीने से कमाई अब खतरे में पड़ गई है उसका है. इसलिए कांग्रेसियों में मामले को लेकर आक्रोश है.
मामले की निष्पक्ष जांच की मांगः उन्होंने कहा कि एलआईसी का विज्ञापन तो हम बचपन से ही सुनते आए हैं. "जिंदगी के साथ भी, जिंदगी के बाद भी". अब उसकी भी टैगलाइन बदलनी पड़ेगी. अब वह " जिंदगी के साथ थी, अब अडानी जी के साथ है" हो गई है. राजेश ठाकुर ने कहा कि आम जनता की गाढ़ी कमाई का पैसा लूट रहा है और मोदी जी चुप्पी साधे हैं. साथ ही मामले की जांच तक नहीं करा रहे हैं. उन्होंने कहा कि 40 करोड़ के लगभग निवेशक जिन्होंने अपनी जमा पूंजी एलआईसी में लगाई थी, उनके भविष्य का सवाल है. एलआईसी ने जो अडाणी इंटरप्राइजेज में निवेश एक प्रतिशत से बढ़ा कर 4.23 प्रतिशत अपना निवेश कर दिया यह किसके इशारे पर किया, क्यों किया ? इसकी जांच होनी चाहिए.
प्रधानमंत्री चुप्पी तोड़ें, जनता को जवाब देंः प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने कहा कि "मित्र काल" के हम दो-हमारे दो, देश की संपत्ति बेच दो! का नारा मोदी सरकार चरितार्थ कर रही है. एलआईसी और एसबीआई में हिस्से को प्रधानमंत्री ने ऐसे समूह के हवाले किया जिस पर इस देश के सबसे बड़े कॉरपोरेट फ्रॉड का इलजाम लगा है. करोड़ों भारतीयों की जमा पूंजी डुबाने में कोई कसर नहीं छोड़ी है. हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट में जो अडाणी पर आरोप लगे हैं उसकी जांच कब होगी? मोदी सरकार ने हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट पर ऐसे चुप्पी साध ली है, जैसे कि कुछ हुआ ही नहीं है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से हम कहना चाहते हैं कि आप अपने परम मित्र को धोखा दीजिए, हमें उससे कोई मतलब नहीं है, पर कम से कम भारत के निवेशकों, एलआईसी के 29 करोड़ पॉलिसी होल्डर और एसबीआई के 45 करोड़ खाता धारकों को तो धोखा मत दीजिए.
हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट में लगाया गया है कॉरपोरेट फ्रॉड का आरोपः इस दौरान प्रदेश अध्यक्ष ने बताया कि आज देश को तीन बड़े तथ्य मालूम हैं. पहला अमरीका की प्रतिष्ठित हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट ने अडाणी समूह पर इस देश के अब तक के सबसे बड़े कॉरपोरेट फ्रॉड का इलजाम लगाया है, जिसमें 42 गुना ओवरवैल्यूड शेयर, डेब्ट फ्यूएलड बिजनेस, अडाणी परिवार के सदस्यों ने कथित तौर पर मॉरीशस, यूएई और कैरेबियन द्वीप समूह जैसे टैक्स-हेवन में बेनामी शेल कंपनियां के एक विशाल मायाजाल द्वारा अरबों रुपए के काले धन का खुलासा किया है और इंसाइडर ट्रेडिंग, स्टॉक मैनीपुलेशन के गंभीर आरोप लगाए हैं.
एलआईसी और एसबीआई में जोखिम भरा लेन-देनः दूसरा एलआईसी और एसबीआई जैसे सरकारी संस्थानों में अडाणी समूह का बेहद जोखिम भरा लेन-देन और निवेश मोदी सरकार द्वारा किया गया है. उदाहारण के तौर पर प्रमुख अडाणी इंटरप्राइसेस में एक प्रतिशत से कम से एलआईसी की हिस्सेदारी बढ़कर 4.23% हो गई. अडाणी टोटल गैस में यह हिस्सेदारी एक प्रतिशत से कम से बढ़कर 5.96% पर पहुंच गई है. अडाणी ट्रांसमिशन में LIC की शेयरधारिता 2.42% से बढ़कर 3.65% हो गई है. अडाणी ग्रीन एनर्जी में यह एक प्रतिशत से भी कम से बढ़कर 1.28% हो गई है. मामले में एलआईसी का आधिकारिक रूप से कहना है कि एलआईसी का अडाणी में इक्विटी एक्सपोजर ₹56,142 करोड़ है, पर पिछले कुछ दिनों से जब अडाणी के शेयर गिर रहे हैं, तब से कल तक एलआईसी के 39 करोड़ पॉलिसी धारकों और निवेशकों के ₹33,060 करोड़ डूब चुके हैं. स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) और अन्य भारतीय बैंकों ने अडाणी समूह को ऋण दिया है. अडाणी समूह पर भारतीय बैंकों का करीब ₹80,000 करोड़ का कर्ज है, जो समूह के कुल कर्ज का 38% है. उसमें से निजी बैंकों का जोखिम कुल समूह ऋण के 8% है, जबकि सरकारी बैंकों के पास समूह ऋण का 30% है.
चांग चुंग-लिंग चीनी बिजनेसमैन संदिग्ध गतिविधियांः तीसरा, शायद अब तक का सबसे सनसनीखेज खुलासा जिस पर अब तक ध्यान नहीं दिया गया है, वो है, चांग चुंग-लिंग -एक चीनी बिजनेसमैन संदिग्ध गतिविधियों से भारतीय जांच एजेंसी वाकिफ हैं. उसके और अडाणी समूह में क्या रिश्ता है? प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि चांग चुंग-लिंग गुडामी इंटरनेशनल नाम की एक संस्था चलाता है (या चलाता था) हिंडनबर्ग रिसर्च रिपोर्ट में कहा गया है कि गुडामी इंटरनेशनल पीटीई लिमिटेड को "अडाणी समूह के रत्नों के कथित परिपत्र व्यापार में सरकारी धोखाधड़ी की जांच के हिस्से के रूप में पहचाना गया था और चांग चुंग-लिंग और विनोद अडाणी के सिंगापुर के घर का पता एक ही है.
कांग्रेस ने केंद्र सरकार से की तीन जरूरी मांगः वहीं कांग्रेस विधायक दल के नेता सह संसदीय कार्यमंत्री आलमगीर आलम ने कहा कि अडाणी समूह के डूबने से देश की संपत्ति दांव पर है. करोड़ों निवेशकों की और करोड़ों पॉलिसी होल्डर्स की गाढ़ी कमाई खतरे में है. इस परिपेक्ष्य में कांग्रेस पार्टी मोदी सरकार से ये तीन जरूरी मांग करती है. पहला सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के देख-रेख में एक निष्पक्ष जांच हो, जिसकी रिपोर्ट दिन-प्रतिदिन सार्वजनिक हो, दूसरा हिंडनबर्ग रिसर्च रिपोर्ट की विस्तार से जांच के लिए एक संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) का गठन किया जाना चाहिए और तीसरा एलआईसी, एसबीआई और अन्य राष्ट्रीय बैंकों में जो अडाणी का जोखिम भरा निवेश है उसपर संसद में गहन रूप से चर्चा की जाए और निवेशकों को सुरक्षित करने के लिए उचित कदम उठाए जाएं.
अरबपतियों को नियम विरुद्ध फायदा पहुंचाने के खिलाफ है कांग्रेसः उन्होंने कहा कि हमारे नेता राहुल गांधी जब "सूट-बूट की सरकार", "हम दो-हमारे दो" और अब "मित्र काल" की बात करतें हैं तो वो किसी विशेष उद्योगपति की बात नहीं करते. वे उस सिस्टम की बात करते हैं जो पीएम मोदी ने अपने चुनिंदा मित्रों को देश की मूल्यवान संपत्ति को लूटने के लिए इजाजत दी है. उन्होंने कहा कि हम भारतीय कॉर्पोरेट जगत के खिलाफ नहीं है, हम चुनिंदा अरबपतियों को नियम बदलकर फायदा पहुंचाने के खिलाफ हैं. इस मौके पर राकेश सिन्हा, अमुल्य नीरज खलखो, राजीव रंजन प्रसाद, डॉ एम तौसीफ और विधायक अम्बा प्रसाद मौजूद थीं.