नई दिल्लीः झारखंड के कृषि मंत्री और वरिष्ठ कांग्रेसी नेता बादल पत्रलेख ने कहा कि 10 फरवरी को झारखंड के सभी प्रखंडों में कृषि कानूनों के खिलाफ में कांग्रेस किसान सम्मेलन का आयोजन करेगी. जिसमें किसानों को बताया जाएगा कि कृषि कानून से उनको किस तरह नुकसान होगा. 13 फरवरी को झारखंड के सभी 24 जिलों में 15 से 20 किलोमीटर लंबी पदयात्रा निकाली जाएगी.
बादल पत्रलेख ने कहा कि 20 फरवरी को झारखंड के हजारीबाग में कृषि कानून के खिलाफ में कांग्रेस एक बड़ी रैली करेगी. इस रैली में झारखंड सरकार में कांग्रेस कोटे के सभी मंत्री, झारखंड के कांग्रेस के सभी विधायक और पार्टी के सभी अन्य नेता मौजूद रहेंगे. झारखंड कांग्रेस प्रभारी आरपीएन सिंह को भी इस रैली के लिए आमंत्रित किया गया है. वह भी मौजूद रहेंगे. कृषि कानूनों के खिलाफ जो कार्यक्रम चलेगा उसका संयोजक मैं हूं.
'केंद्र को वापस लेना होगा कृषि कानून'
बादल पत्रलेख ने कहा कि कृषि कानून किसानों के हित में नहीं है, काला कानून है, केंद्र सरकार इस को जल्द वापस ले. कुछ उद्योगपतियों को फायदा पहुंचाने के लिए केंद्र सरकार तीनों कृषि कानून लाई है. उन्होंने कहा कि देशभर में आंदोलन फैल चुका है. कई राज्यों में किसान महापंचायत हो रही है जहां लाखों लोग आ रहे हैं. आज नहीं तो कल इस कानून को केंद्र सरकार को वापस लेना ही होगा. केंद्र सरकार घोर किसान विरोधी है. पीएम मोदी ने सोमवार को राज्यसभा में कहा कि किसान आंदोलन खत्म करें, केंद्र सरकार बातचीत को तैयार है. एमएसपी रहेगा, पीएम की बात से कोई संतुष्ट नहीं है, वह बरगला रहे हैं. 100 किसानों की मौत हो गई उसके बाद पीएम जागे हैं.
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किसान आंदोलन को कांग्रेस का समर्थन
कृषि कानूनों के खिलाफ में दिल्ली और उससे सटी सीमाओं पर किसानों का प्रदर्शन कई दिनों से जारी है. पूरे देश भर के अलग-अलग राज्यों में भी प्रदर्शन हो रहा है. किसानों की मांग है कि केंद्र सरकार कृषि कानून को वापस ले और एमएसपी पर गारंटी दे. झारखंड में कांग्रेस कृषि कानूनों के खिलाफ में जोर-शोर से धरना प्रदर्शन करने की तैयारी में कांग्रेस जुट गई है.