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आंकड़ों के विपरीत आता रहा है राज्यसभा चुनाव का परिणाम, 2012 के फार्मूले पर जीत हासिल करने में जुटी कांग्रेस

26 मार्च को होने वाले राज्यसभा चुनाव में गठबंधन के तहत एक सीट के लिए गुरुजी को उम्मीदवार बनाया गया है. जबकि दूसरी सीट पर कांग्रेस उम्मीदवार का उतरना तय हो चुका है. जिसके बाद कांग्रेस अब वर्ष 2012 वाले रणनीति पर काम करने में जुट गई है, क्योंकि 2012 में कांग्रेस के पास मात्र 13 विधायक थे. फिर भी पार्टी उम्मीदवार की जीत हुई थी.

Congress trying to win rajyasabha election with 2012 formula
बैठक
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Published : Mar 8, 2020, 6:18 PM IST

रांची: झारखंड में राज्यसभा के लिए खाली हो रहे 2 सीटों के लिए चुनाव की अधिसूचना जारी हो चुकी है. झारखंड के सत्ताधारी गठबंधन ने पहली सीट के लिए जेएमएम सुप्रीमो शिबू सोरेन को उम्मीदवार घोषित कर दिया है. साथ ही दूसरी सीट पर भी उम्मीदवार देने के संकेत दिए हैं.

देखें पूरी खबर

दूसरी सीट पर कांग्रेस अपना उम्मीदवार उतारेगी. हालांकि दूसरी सीट पर जीत हासिल करने के लिए गठबंधन के पास फिलहाल 22 विधायकों की संख्या है, लेकिन कांग्रेस का मानना है कि राज्यसभा का इतिहास बताता हैं कि यहां परिणाम आंकड़ों के विपरीत आता रहा है. ऐसे में इस बार भी गठबंधन के रणनीतिकार सीएम हेमंत सोरेन और कांग्रेस प्रदेश प्रभारी आरपीएन सिंह दूसरी सीट पर जीत हासिल करने की तैयारी में जुट गए हैं.

ये भी देखें- आदिवासी मूलवासी के विकास के नाम पर सत्ता में आई हेमंत सरकार है संवेदनहीन: अरुण उरांव

ऐसे में कांग्रेस उम्मीदवार पर निर्णय जल्द लेने वाली है. हालांकि आंकड़ों की बात करें तो दूसरी सीट पर गठबंधन से ज्यादा पलड़ा बीजेपी का भारी दिख रहा है. लेकिन कांग्रेस ने अपने 2012 वाले फॉर्मूले पर काम शुरू कर दिया है. उस वक्त भी पार्टी के पास मात्र 13 विधायक थे. लेकिन पार्टी ने राजद के पांच और सात निर्दलीय विधायकों को अपने पाले में कर जीत हासिल की थी. ऐसे में प्रदेश कांग्रेस का इशारा भी बता रहा है कि इस चुनाव में रणनीति 2012 की होगी. साथ ही 2016 वाले समीकरण पर भी गठबंधन सरकार का ध्यान है.

रांची: झारखंड में राज्यसभा के लिए खाली हो रहे 2 सीटों के लिए चुनाव की अधिसूचना जारी हो चुकी है. झारखंड के सत्ताधारी गठबंधन ने पहली सीट के लिए जेएमएम सुप्रीमो शिबू सोरेन को उम्मीदवार घोषित कर दिया है. साथ ही दूसरी सीट पर भी उम्मीदवार देने के संकेत दिए हैं.

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दूसरी सीट पर कांग्रेस अपना उम्मीदवार उतारेगी. हालांकि दूसरी सीट पर जीत हासिल करने के लिए गठबंधन के पास फिलहाल 22 विधायकों की संख्या है, लेकिन कांग्रेस का मानना है कि राज्यसभा का इतिहास बताता हैं कि यहां परिणाम आंकड़ों के विपरीत आता रहा है. ऐसे में इस बार भी गठबंधन के रणनीतिकार सीएम हेमंत सोरेन और कांग्रेस प्रदेश प्रभारी आरपीएन सिंह दूसरी सीट पर जीत हासिल करने की तैयारी में जुट गए हैं.

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ऐसे में कांग्रेस उम्मीदवार पर निर्णय जल्द लेने वाली है. हालांकि आंकड़ों की बात करें तो दूसरी सीट पर गठबंधन से ज्यादा पलड़ा बीजेपी का भारी दिख रहा है. लेकिन कांग्रेस ने अपने 2012 वाले फॉर्मूले पर काम शुरू कर दिया है. उस वक्त भी पार्टी के पास मात्र 13 विधायक थे. लेकिन पार्टी ने राजद के पांच और सात निर्दलीय विधायकों को अपने पाले में कर जीत हासिल की थी. ऐसे में प्रदेश कांग्रेस का इशारा भी बता रहा है कि इस चुनाव में रणनीति 2012 की होगी. साथ ही 2016 वाले समीकरण पर भी गठबंधन सरकार का ध्यान है.

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