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कृषि कानून के खिलाफ 26 मई को किसान मनाएंगे काला दिवस, कांग्रेस का मिला साथ

कृषि कानून के खिलाफ किसानों का आंदोलन जारी है. 26 मई को किसान मोर्चा आंदोलन के छह महीने पूरा होने पर 'काला दिवस' मनाएगा. जिसे कांग्रेस ने भी समर्थन दिया है. झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष सह राज्य के वित्त मंत्री डॉ रामेश्वर उरांव ने किसानों के समर्थन में कार्यकर्ताओं को घरों पर काला झंडा लगाकर काला दिवस को समर्थन देने का निर्देश दिया है.

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किसानों का कांग्रेस का साथ
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Published : May 25, 2021, 7:30 PM IST

रांची: झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष सह राज्य के वित्त मंत्री डॉ रामेश्वर उरांव ने कृषि कानून को वापस लेने की मांग को लेकर संयुक्त किसान मोर्चा द्वारा आंदोलन के छह महीने पूरा होने पर 26 मई को आहूत 'काला दिवस' को समर्थन देने का निर्णय लिया है. प्रदेश अध्यक्ष ने पार्टी के सभी पदाधिकारियों, जिला कांग्रेस अध्यक्षों, विधायकों, सांसदों, पूर्व विधायकों और पूर्व सांसदों को 26 मई को अपने-अपने घर पर काले झंडे लगाने और काला बिल्ला लगाकर अन्नदाताओं के समर्थन में खड़े रहने का निर्देश दिया है.


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रामेश्वर उरांव ने सभी पार्टी नेताओं, कार्यकर्त्ताओं से काला दिवस के समर्थन में खुलकर उतरने की अपील की है. उन्होंने कहा है कि अपनी मांगों को लेकर छह महीने से आंदोलनरत किसानों के पक्ष में जोरदार तरीके से आवाज बुलंद करें और कृषि काला कानून वापस लिए जाने को लेकर केन्द्र सरकार पर दवाब बनाएं. उन्होंने कहा कि देश के किसानों ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि किसानों को कोई थका, डिगा या डरा नहीं सकता है. उन्हांने केंद्र सरकार से भी आग्रह किया है कि तत्काल किसानों की मांग पूरी करते हुए आंदोलन को समाप्त कराने की दिशा में पहल की जाए.

कृषि कानून वापस लेने के लिए पीएम मोदी को लिखा गया पत्र

वित्त मंत्री ने कहा कि पार्टी का मानना है कि स्वामीनाथ समिति की सिफारिशों को लागू किया जाए, काले कानून वापस लिए जाए, न्यूनतम समर्थन मूल्य सुनिश्चित हो, इस सिलसिले में पिछले दिनों 12 मई को कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की अध्यक्षता में भी 12 प्रमुख राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों की वर्चुअल बैठक हुई थी, जिसमें केंद्र सरकार से तत्काल किसानों की मांग को मानने और काले कृषि कानून को वापस लेते हुए किसानों की आर्थिक स्थिति को सुदृढ़ करने की दिशा में पहल करने की अपील की गई है, इसे लेकर प्रधानमंत्री को पत्र भी लिखा गया था.

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कई दलों ने किया किसानों का समर्थन
वहीं प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता आलोक कुमार दूबे ने बताया कि 6 महीने किसानों के आंदोलन पूरे होने पर संयुक्त किसान मोर्चा द्वारा 26 मई को आहुत आंदोलन को समर्थन देने वालों में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के साथ एचडी देवगौड़ा, शरद पवार, ममता बनर्जी, उद्धव ठाकरे, हेमंत सोरेन, एमके स्टालिन, फारूक अब्दुल्ला, अखिलेश यादव, तेजस्वी यादव, डी राजा और सीताराम येचुरी शामिल हैं.

रांची: झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष सह राज्य के वित्त मंत्री डॉ रामेश्वर उरांव ने कृषि कानून को वापस लेने की मांग को लेकर संयुक्त किसान मोर्चा द्वारा आंदोलन के छह महीने पूरा होने पर 26 मई को आहूत 'काला दिवस' को समर्थन देने का निर्णय लिया है. प्रदेश अध्यक्ष ने पार्टी के सभी पदाधिकारियों, जिला कांग्रेस अध्यक्षों, विधायकों, सांसदों, पूर्व विधायकों और पूर्व सांसदों को 26 मई को अपने-अपने घर पर काले झंडे लगाने और काला बिल्ला लगाकर अन्नदाताओं के समर्थन में खड़े रहने का निर्देश दिया है.


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रामेश्वर उरांव ने सभी पार्टी नेताओं, कार्यकर्त्ताओं से काला दिवस के समर्थन में खुलकर उतरने की अपील की है. उन्होंने कहा है कि अपनी मांगों को लेकर छह महीने से आंदोलनरत किसानों के पक्ष में जोरदार तरीके से आवाज बुलंद करें और कृषि काला कानून वापस लिए जाने को लेकर केन्द्र सरकार पर दवाब बनाएं. उन्होंने कहा कि देश के किसानों ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि किसानों को कोई थका, डिगा या डरा नहीं सकता है. उन्हांने केंद्र सरकार से भी आग्रह किया है कि तत्काल किसानों की मांग पूरी करते हुए आंदोलन को समाप्त कराने की दिशा में पहल की जाए.

कृषि कानून वापस लेने के लिए पीएम मोदी को लिखा गया पत्र

वित्त मंत्री ने कहा कि पार्टी का मानना है कि स्वामीनाथ समिति की सिफारिशों को लागू किया जाए, काले कानून वापस लिए जाए, न्यूनतम समर्थन मूल्य सुनिश्चित हो, इस सिलसिले में पिछले दिनों 12 मई को कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की अध्यक्षता में भी 12 प्रमुख राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों की वर्चुअल बैठक हुई थी, जिसमें केंद्र सरकार से तत्काल किसानों की मांग को मानने और काले कृषि कानून को वापस लेते हुए किसानों की आर्थिक स्थिति को सुदृढ़ करने की दिशा में पहल करने की अपील की गई है, इसे लेकर प्रधानमंत्री को पत्र भी लिखा गया था.

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वहीं प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता आलोक कुमार दूबे ने बताया कि 6 महीने किसानों के आंदोलन पूरे होने पर संयुक्त किसान मोर्चा द्वारा 26 मई को आहुत आंदोलन को समर्थन देने वालों में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के साथ एचडी देवगौड़ा, शरद पवार, ममता बनर्जी, उद्धव ठाकरे, हेमंत सोरेन, एमके स्टालिन, फारूक अब्दुल्ला, अखिलेश यादव, तेजस्वी यादव, डी राजा और सीताराम येचुरी शामिल हैं.

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