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Jharkhand Political Crisis: महामहिम अच्छे आदमी हैं, दबाव में भी लेते हैं सही निर्णय- राजेश ठाकुर - झारखंड न्यूज

झारखंड में राजनीकित संकट (Jharkhand Political Crisis) और चुनाव की रिपोर्ट पर राजभवन की ओर से अब तक स्थिति स्पष्ट नहीं हो पायी है. फिलहाल राज्यपाल दिल्ली दौरे (Governor visit to Delhi) पर हैं. इन सब बातों को लेकर झारखंड प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने कहा कि राज्यपाल अच्छे आदमी हैं.

Congress State President Rajesh Thakur statement over Jharkhand Political Crisis
राजेश ठाकुर
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Published : Sep 6, 2022, 7:09 AM IST

Updated : Sep 6, 2022, 8:15 AM IST

रांची: झारखंड में चल रहे सियासी घमासान (Jharkhand Political Crisis) के बीच सोमवार को मुख्यमंत्री अपने विधायकों एवं समर्थित पार्टियों के साथ 1 दिन के विशेष विधानसभा सत्र में शामिल होकर वापस सर्किट हाउस लौट गए हैं. सोमवार को सदन की कार्रवाई समाप्त होते ही सभी विधायक और मुख्यमंत्री सर्किट हाउस में करीब एक घंटे तक मंत्रणा करते रहे. मुख्यमंत्री से दिशा निर्देश मिलने के बाद सभी विधायक अपने अपने क्षेत्र के लिए निकल गए. विधायकों के निकलने के बाद झारखंड प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने कहा कि यूपीए विधानसभा में विश्वास मत साबित कर चुका है.

इसे भी पढ़ें- झारखंड विधानसभा में हेमंत सोरेन सरकार ने जीता विश्वास मत, BJP-AJSU का बहिष्कार

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने राज्यपाल रमेश बैस को लेकर इशारा करते हुए कहा (Rajesh Thakur statement) कि अब हमें उम्मीद है कि राज्यपाल भारतीय जनता पार्टी के दबाव में नहीं आएंगे. उन्होंने आगे कहा कि रायपुर भी हम इसीलिए गए थे कि वहां की जनता को हम यह कह सकें कि आपके पूर्व लोकसभा सांसद और झारखंड के राज्यपाल बहुत अच्छे आदमी हैं. रायपुर के लोगों ने भी कहा कि महामहिम बहुत अच्छे आदमी हैं, दबाव नहीं पड़ा तो कोई गलत काम नहीं करेंगे. राज्यपाल के दिल्ली प्रवास पर (Governor visit to Delhi) कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने कहा कि दिल्ली से आने के बाद उनके दिए गए निर्णय से स्पष्ट पता चल जाएगा कि उन्होंने दबाव में निर्णय दिया है या फिर बिना किसी दबाव के काम किया है.

झारखंड प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष राजेश ठाकुर



झारखंड में राजनीतिक संकट के बीच सोमवार को विधानसभा के विशेष सत्र में हेमंत सरकार अपना बहुमत साबित कर चुकी है. अब विधायकों और आम लोगों को राज्यपाल के निर्णय का इंतजार है. यहां बता दें कि सीएम हेमंत से जुड़े ऑफिस ऑप प्रॉफिट मामले को लेकर चुनाव आयोग की रिपोर्ट को अभी तक राजभवन की ओर से सार्वजनिक नहीं किया गया है. राज्यपाल के निर्णय के बाद ही यह तय हो पाएगा कि राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की सदस्यता (Hemant Soren membership) रहेगी या फिर जाएगी. इन सबके बीच प्रदेश में राजनीतिक सरगर्मी तेज है. अब देखने वाली बात होगी कि उस बंद लिफाफे के अंदर से क्या कुछ निकल कर सामने आता है.

रांची: झारखंड में चल रहे सियासी घमासान (Jharkhand Political Crisis) के बीच सोमवार को मुख्यमंत्री अपने विधायकों एवं समर्थित पार्टियों के साथ 1 दिन के विशेष विधानसभा सत्र में शामिल होकर वापस सर्किट हाउस लौट गए हैं. सोमवार को सदन की कार्रवाई समाप्त होते ही सभी विधायक और मुख्यमंत्री सर्किट हाउस में करीब एक घंटे तक मंत्रणा करते रहे. मुख्यमंत्री से दिशा निर्देश मिलने के बाद सभी विधायक अपने अपने क्षेत्र के लिए निकल गए. विधायकों के निकलने के बाद झारखंड प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने कहा कि यूपीए विधानसभा में विश्वास मत साबित कर चुका है.

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प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने राज्यपाल रमेश बैस को लेकर इशारा करते हुए कहा (Rajesh Thakur statement) कि अब हमें उम्मीद है कि राज्यपाल भारतीय जनता पार्टी के दबाव में नहीं आएंगे. उन्होंने आगे कहा कि रायपुर भी हम इसीलिए गए थे कि वहां की जनता को हम यह कह सकें कि आपके पूर्व लोकसभा सांसद और झारखंड के राज्यपाल बहुत अच्छे आदमी हैं. रायपुर के लोगों ने भी कहा कि महामहिम बहुत अच्छे आदमी हैं, दबाव नहीं पड़ा तो कोई गलत काम नहीं करेंगे. राज्यपाल के दिल्ली प्रवास पर (Governor visit to Delhi) कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने कहा कि दिल्ली से आने के बाद उनके दिए गए निर्णय से स्पष्ट पता चल जाएगा कि उन्होंने दबाव में निर्णय दिया है या फिर बिना किसी दबाव के काम किया है.

झारखंड प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष राजेश ठाकुर



झारखंड में राजनीतिक संकट के बीच सोमवार को विधानसभा के विशेष सत्र में हेमंत सरकार अपना बहुमत साबित कर चुकी है. अब विधायकों और आम लोगों को राज्यपाल के निर्णय का इंतजार है. यहां बता दें कि सीएम हेमंत से जुड़े ऑफिस ऑप प्रॉफिट मामले को लेकर चुनाव आयोग की रिपोर्ट को अभी तक राजभवन की ओर से सार्वजनिक नहीं किया गया है. राज्यपाल के निर्णय के बाद ही यह तय हो पाएगा कि राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की सदस्यता (Hemant Soren membership) रहेगी या फिर जाएगी. इन सबके बीच प्रदेश में राजनीतिक सरगर्मी तेज है. अब देखने वाली बात होगी कि उस बंद लिफाफे के अंदर से क्या कुछ निकल कर सामने आता है.

Last Updated : Sep 6, 2022, 8:15 AM IST
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