रांची: झारखंड कांग्रेस ने राज्य की 85% आबादी का समर्थन पाने के लिए लीडरशिप डेवलपमेंट मिशन शुरू किया है. इसके तहत पार्टी ने काम करना शुरू कर दिया है. इस मिशन के तहत कांग्रेस प्रखंड स्तर पर अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, पिछड़ा वर्ग और अल्पसंख्यकों की तलाश कर उनमें कैपेसिटी बिल्डिंग का अभियान चलाएगी. झारखंड में इसके लिए जून महीने में बड़ी बैठक भी बुलाई जाएगी, जिसकी तारीख बाद में तय की जाएगी.
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क्या है कांग्रेस की रणनीति: कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने कहा कि हमारी योजना राज्य के आबादी के 85% वाले वर्ग में से नेतृत्व क्षमता वाले युवाओं की पहचान करके उन्हें आगे लाना है. राजेश ठाकुर ने कहा कि मंत्री और विधायक बनाना ही लीडरशिप डेवलपमेंट मिशन का लक्ष्य नहीं है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस का लक्ष्य समाज के ओबीसी, एससी, एसटी, ओबीसी से वैसे नेताओं को तैयार करना है, जो अपने-अपने इलाके में जनता के दुख दर्द को सुनने और उसको दूर करने का काम करेगा.
क्या है कांग्रेस का लक्ष्य: दरअसल, कांग्रेस इस अभियान के माध्यम से अपनी खोयी हुई उन वोटरों को साधना चाहती है, जो किसी ना किसी परिस्थितियों में पार्टी से दूर होते चले गए. कांग्रेस अन्य पिछड़ी जाति, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अल्पसंख्यकों के बीच अपनी पैठ को बनाना चाहती है या उसे और मजबूत करना चाहती है. इसके लिए कांग्रेस ने यह योजना बनाई है कि जब प्रखंड स्तर पर इन वर्गों से नेता आगे आयेंगे, तो उस समाज मे कांग्रेस की पकड़ भी बढ़ेगी.
कांग्रेस के अभियान पर भाजपा का तंज: वहीं कांग्रेस की लीडरशिप डेवलपमेंट मिशन पर तंज कसते हुए कहा कि आज की तारीख में कौन युवा कांग्रेस में शामिल होना चाहता है, जिसमें कांग्रेस लीडरशिप डेवलप करेगी. भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता शिवपूजन पाठक ने तंज भरे लहजे में कहा कि कांग्रेस सिर्फ राजकुमार और महारानी का ख्याल रखती है, ऐसे में प्रखंड स्तर पर नेताओं को खोज कर उनमें लीडरशिप को निखारने की फुरसत कहां है. शिवपूजन पाठक ने कहा कि दूसरी बात यह है कि कोई युवा कांग्रेस में शामिल भी नहीं होना चाहता, कौन डूबते नाव की सवारी करना चाहता है?