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बाबूलाल के बयान पर कांग्रेस का पलटवार, विधायक ने कहा- कृषि कानून पर चर्चा करना असंवैधानिक नहीं

भाजपा विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी ने विधानसभा में कृषि कानून पर चर्चा किए जाने को असंवैधानिक बताया है. इस बयान पर कांग्रेस विधायक दीपिका पांडे सिंह ने कहा है कि सदन में कानून पर चर्चा करना असंवैधानिक नहीं हैं. जनता की भावना के अनुरूप कृषि कानून नहीं बना है.

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Published : Mar 21, 2021, 7:41 PM IST

रांची
बाबूलाल के बयान पर कांग्रेस का पलटवार

रांचीः भारतीय जनता पार्टी के विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी ने विधानसभा में कृषि कानून पर चर्चा किए जाने को असंवैधानिक बताया है. उन्होंने रविवार को कहा कि कांग्रेस की तरफ से गलत परंपरा की शुरुआत की गई है. बाबूलाल मरांडी के इस बयान पर कांग्रेस ने पलटवार किया है. कांग्रेस के विधायक दीपिका पांडे सिंह ने कहा है कि किसी भी कानून में बदलाव के प्रावधान संविधान में किए गए है. इसको लेकर सदन में चर्चा करना असंवैधानिक नहीं हैं.

देखें वीडियो

यह भी पढ़ेंःबाघमुंडी में आजसू ने झोंकी ताकत, जनसंपर्क अभियान में जुटे सुदेश महतो

कानून में बदलाव करने का है प्रावधान

दीपिका पांडे ने कहा कि कानून भले ही बन चुका है. लेकिन, कानून में बदलाव का प्रावधान संविधान देता है. जनता की भावना के अनुरूप कृषि कानून नहीं बना है. यही वजह है कि 100 से ज्यादा दिनों से किसान आंदोलन कर रहे हैं. किसान आंदोलन के दौरान कई किसानों की मौत भी हो चुकी है. इस मुद्दे पर चर्चा की जाती है, तो इसमें क्या गलत हैं. उन्होंने कहा कि अगर भाजपा को लगता है कि कानून अच्छा बना है, तो वह कानून के पक्ष में अपनी बातों को रखें. उन्होंने कहा कि लोकसभा में किस तरह से कृषि कानून पारित कराया गया है. यह देश ने देखा है. इसके बावजूद भाजपा कहती है कि कानून पास हो गया है और उसपर चर्चा नहीं होनी चाहिए. यह कहीं से सही नहीं है.

रांचीः भारतीय जनता पार्टी के विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी ने विधानसभा में कृषि कानून पर चर्चा किए जाने को असंवैधानिक बताया है. उन्होंने रविवार को कहा कि कांग्रेस की तरफ से गलत परंपरा की शुरुआत की गई है. बाबूलाल मरांडी के इस बयान पर कांग्रेस ने पलटवार किया है. कांग्रेस के विधायक दीपिका पांडे सिंह ने कहा है कि किसी भी कानून में बदलाव के प्रावधान संविधान में किए गए है. इसको लेकर सदन में चर्चा करना असंवैधानिक नहीं हैं.

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कानून में बदलाव करने का है प्रावधान

दीपिका पांडे ने कहा कि कानून भले ही बन चुका है. लेकिन, कानून में बदलाव का प्रावधान संविधान देता है. जनता की भावना के अनुरूप कृषि कानून नहीं बना है. यही वजह है कि 100 से ज्यादा दिनों से किसान आंदोलन कर रहे हैं. किसान आंदोलन के दौरान कई किसानों की मौत भी हो चुकी है. इस मुद्दे पर चर्चा की जाती है, तो इसमें क्या गलत हैं. उन्होंने कहा कि अगर भाजपा को लगता है कि कानून अच्छा बना है, तो वह कानून के पक्ष में अपनी बातों को रखें. उन्होंने कहा कि लोकसभा में किस तरह से कृषि कानून पारित कराया गया है. यह देश ने देखा है. इसके बावजूद भाजपा कहती है कि कानून पास हो गया है और उसपर चर्चा नहीं होनी चाहिए. यह कहीं से सही नहीं है.

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