रांची: बीजेपी विधायक नवीन जायसवाल और रणधीर सिंह ने सरकारी आवास को अब तक खाली नहीं किया है. इस मामले को लेकर प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता आलोक कुमार दुबे ने प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा है कि बीजेपी विधायक की ये अड़ियल रवैया है, जो गलत राजनीतिक परंपरा है.
बीजेपी विधायक के हाथ लगी निराशा
आलोक कुमार दूबे ने कहा है कि पूर्ववर्ती रघुवर दास सरकार के कार्यकाल में बीजेपी विधायक नवीन जायसवाल को एक ओर जहां राजधानी में आवास बोर्ड के एक भूखंड पर भी कब्जा मिल गया और नियम के विरुद्ध उनपर उस भूखंड पर रास्ता निकालने का भी आरोप लगा, उन्हें विधायक होने के नाते एक सरकारी र्क्वाटर मिलना तय था, लेकिन तत्कालीन सरकार ने सारे नियमों की अनदेखी कर उन्हें मंत्री को आवंटित किए जाने वाला एक बड़ा बंगला ही उपलब्ध करा दिया, यह इनाम उन्हें पिछली बार झाविमो से दलबदल कर बीजेपी में शामिल होकर गठबंधन सरकार को मजबूती प्रदान करने के एवज में मिला, वे मंत्री पद की आस में भी अंतिम तक रघुवर दास की शोभा बढ़ाते रहे, लेकिन आखिरकार उन्हें निराशा ही हाथ लगी.
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नवीन जायसवाल की जिद के आगे प्रशासन ने नहीं की कार्रवाई
कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि विधानसभा चुनाव में जब नई सरकार आई तो नियम अनुसार वरीयता के दृष्टिकोण से नवीन जायसवाल को आवंटित बंगले को पूर्व मंत्री हाजी हुसैन अंसारी को सौंप दिया गया, लेकिन नवीन जायसवाल की जिद के आगे प्रशासन ने कोई कार्रवाई की, उससे पहले ही मंत्री हाजी हुसैन अंसारी की दुःखद मौत हो गई, लेकिन अब तक नवीन जायसवाल अदालत की आड़ में सरकारी बंगले को खाली करने में अड़गेबाजी में लगे हैं.
प्रियंका गांधी के आवास को कराया गया खाली
आलोग दुबे ने कहा कि प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष दीपक प्रकाश और विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी को नवीन जायसवाल और रणधीर सिंह का बचाव करने की जगह उन्हें अपने विधायकों को तत्काल आवास खाली करने का निर्देश देना चाहिए. उन्होंने कहा कि चोरी भी और सीनाजोरी भी एक साथ नहीं चल सकती है, इन दोनों विधायकों के आचरण को राज्य की जनता एक साल से देख रही है, उनके इस गैर जिम्मेदाराना रवैये की राज्य की जनता भर्त्सना कर रही है, इसलिए अब प्रशासन कोई ठोस कार्रवाई करे. उन्होंने कहा कि उससे पहले अपनी इज्जत और क्षेत्र की जनता के सम्मान का ख्याल रखते हुए उन्हें आवंटित दूसरे मकान में शिफ्ट हो जाना चाहिए, बीजेपी नेताओं को यह भी याद रखना चाहिए कि किस तरह से कोरोना काल में दिल्ली में कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी के आवास को खाली कराया था, वहीं जिस परिवार के दो-दो सदस्यों और पूर्व प्रधानमंत्री की हत्या कर दी गई, उस परिवार से एसपीजी सुरक्षा भी छीन ली गई.