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कोविड-19 के जंग में अधिकारियों की भूमिका पर कांग्रेस ने उठाए सवाल, कहा- मिल रही हैं शिकायतें

झारखंड सरकार में शामिल कांग्रेस ने वैश्विक महामारी कोरोना को लेकर प्रशासनिक अधिकारियों की भूमिका पर सवाल उठाया है. जेपीसीसी के प्रवक्ता आलोक दुबे ने कहा कि ऐसी शिकायतें पार्टी को मिल रही है. उन्होंने कहा कि या तो अधिकारियों के फोन डाइवर्ट किए हुए हैं या फिर वह किसी तरह का जवाब नहीं दे रहे हैं.

CONGRESS RAISES QUESTION ON OFFICERS OF JHARKHAND GOVERNMENT
बैठक करते अधिकारी
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Published : May 6, 2020, 6:26 PM IST

रांचीः वैश्विक महामारी कोरोना को लेकर झारखंड सरकार की कोशिशों में राज्य के प्रशासनिक अधिकारियों की भूमिका को लेकर सरकार में शामिल कांग्रेस ने सवाल खड़े किए हैं. झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमिटी ने साफ कहा कि प्रवासी मजदूरों और छात्रों की वापसी को लेकर बनाए गए नोडल अधिकारी लोगों के फोन कॉल तक नहीं उठा रहे हैं.

देखें पूरी खबर

जेपीसीसी के प्रवक्ता आलोक दुबे ने कहा कि ऐसी शिकायतें पार्टी को मिल रही है. उन्होंने कहा कि या तो अधिकारियों के फोन डाइवर्ट किए हुए हैं या फिर वह किसी तरह का जवाब नहीं दे रहे हैं.

कांग्रेस सरकार के समक्ष रखेगी अपनी बात

हालांकि आलोक दुबे ने कहा कि पार्टी इस बाबत काफी संवेदनशील है और अपनी बात सरकार तक रखेगी. वहीं जेपीसीसी के दूसरे प्रवक्ता लाल किशोर नाथ शाहदेव ने कहा कि दरअसल एक एक अधिकारी के जिम्मे कई राज्य हैं. ऐसे में उन्हें हजारों की संख्या में फोन कॉल आ रहे हैं. यही वजह है कि कई बार बात नहीं हो पा रही है.

बांटी जाए नोडल अधिकारियों की जिम्मेदारी

हालांकि लाल किशोर नाथ शाहदेव ने साफ कहा कि अगर इन अधिकारियों की जिम्मेदारी बांट दी जाए और उनके अंडर अन्य अधिकारियों को तैनात कर दिया जाए तो यह काम थोड़ा आसान हो जाएगा. बता दें कि झारखंड सरकार में कांग्रेस के कोटे से चार मंत्री है. जिनके जिम्मे स्वास्थ्य, वित्त, योजना, कृषि और ग्रामीण विकास जैसे महत्वपूर्ण विभाग हैं.

इन अधिकारियों को मिला है जिम्मा

प्रधान सचिव अमरेंद्र प्रताप सिंह को मुख्य नोडल पदाधिकारी बनाया गया है और उन्हें महाराष्ट्र में फंसे लोगों को वापस लाने की जिम्मेदारी दी गई. जबकि विनय कुमार चौबे को दिल्ली, अजय कुमार सिंह को कर्नाटक, असम और गोवा, अविनाश कुमार को तमिलनाडु और एमपी, हिमानी पांडे को राजस्थान, दादर नगर हवेली, दमन एवं दीव और मेघालय, आराधना पटनायक को यूपी, सिक्किम, नागालैंड, राहुल शर्मा को तेलंगाना, केके सोन को गुजरात, अरुणाचल प्रदेश और त्रिपुरा राहुल पुरवार को ओडिशा, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, पूजा सिंघल को पंजाब, अमिताभ कौशल को पश्चिम बंगाल, आंध्र प्रदेश, लद्दाख, अबू बकर सिद्दीकी को केरल, प्रवीण टोप्पो को चंडीगढ़, जम्मू कश्मीर, बिहार, प्रशांत कुमार को हरियाणा और के रवि कुमार को मणिपुर, मिजोरम, पुडुचेरी, छत्तीसगढ़, अंडमान निकोबार की जिम्मेदारी दी गई है.

रांचीः वैश्विक महामारी कोरोना को लेकर झारखंड सरकार की कोशिशों में राज्य के प्रशासनिक अधिकारियों की भूमिका को लेकर सरकार में शामिल कांग्रेस ने सवाल खड़े किए हैं. झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमिटी ने साफ कहा कि प्रवासी मजदूरों और छात्रों की वापसी को लेकर बनाए गए नोडल अधिकारी लोगों के फोन कॉल तक नहीं उठा रहे हैं.

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जेपीसीसी के प्रवक्ता आलोक दुबे ने कहा कि ऐसी शिकायतें पार्टी को मिल रही है. उन्होंने कहा कि या तो अधिकारियों के फोन डाइवर्ट किए हुए हैं या फिर वह किसी तरह का जवाब नहीं दे रहे हैं.

कांग्रेस सरकार के समक्ष रखेगी अपनी बात

हालांकि आलोक दुबे ने कहा कि पार्टी इस बाबत काफी संवेदनशील है और अपनी बात सरकार तक रखेगी. वहीं जेपीसीसी के दूसरे प्रवक्ता लाल किशोर नाथ शाहदेव ने कहा कि दरअसल एक एक अधिकारी के जिम्मे कई राज्य हैं. ऐसे में उन्हें हजारों की संख्या में फोन कॉल आ रहे हैं. यही वजह है कि कई बार बात नहीं हो पा रही है.

बांटी जाए नोडल अधिकारियों की जिम्मेदारी

हालांकि लाल किशोर नाथ शाहदेव ने साफ कहा कि अगर इन अधिकारियों की जिम्मेदारी बांट दी जाए और उनके अंडर अन्य अधिकारियों को तैनात कर दिया जाए तो यह काम थोड़ा आसान हो जाएगा. बता दें कि झारखंड सरकार में कांग्रेस के कोटे से चार मंत्री है. जिनके जिम्मे स्वास्थ्य, वित्त, योजना, कृषि और ग्रामीण विकास जैसे महत्वपूर्ण विभाग हैं.

इन अधिकारियों को मिला है जिम्मा

प्रधान सचिव अमरेंद्र प्रताप सिंह को मुख्य नोडल पदाधिकारी बनाया गया है और उन्हें महाराष्ट्र में फंसे लोगों को वापस लाने की जिम्मेदारी दी गई. जबकि विनय कुमार चौबे को दिल्ली, अजय कुमार सिंह को कर्नाटक, असम और गोवा, अविनाश कुमार को तमिलनाडु और एमपी, हिमानी पांडे को राजस्थान, दादर नगर हवेली, दमन एवं दीव और मेघालय, आराधना पटनायक को यूपी, सिक्किम, नागालैंड, राहुल शर्मा को तेलंगाना, केके सोन को गुजरात, अरुणाचल प्रदेश और त्रिपुरा राहुल पुरवार को ओडिशा, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, पूजा सिंघल को पंजाब, अमिताभ कौशल को पश्चिम बंगाल, आंध्र प्रदेश, लद्दाख, अबू बकर सिद्दीकी को केरल, प्रवीण टोप्पो को चंडीगढ़, जम्मू कश्मीर, बिहार, प्रशांत कुमार को हरियाणा और के रवि कुमार को मणिपुर, मिजोरम, पुडुचेरी, छत्तीसगढ़, अंडमान निकोबार की जिम्मेदारी दी गई है.

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