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रांची में कांग्रेस ने बिजली बोर्ड मुख्यालय के बाहर किया विरोध-प्रदर्शन, अधिकारियों के खिलाफ की नारेबाजी

रांची में बिजली और केईआई कंपनी विभाग की लापरवाही के खिलाफ कांग्रेस ने बिजली बोर्ड मुख्यालय पर विरोध प्रदर्शन किया. बिजली विभाग के अधिकारियों के खिलाफ नारेबाजी की गई और कार्यालय को बंद रखा.

Congress protests outside electricity board headquarters in Ranchi
रांची में कांग्रेस ने बिजली बोर्ड मुख्यालय के बाहर किया विरोध-प्रदर्शन
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Published : Jul 29, 2020, 5:34 PM IST

रांची. झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी की ओर से बिजली और केईआई कंपनी विभाग की लापरवाही के खिलाफ बुधवार को चरणबद्ध आंदोलन की शुरुआत की गई. आंदोलन के पहले चरण में पार्टी के नेता कार्यकर्त्ताओं ने सामाजिक दूरी का पालन करते हुए बिजली मुख्यालय के समक्ष फेसबुक लाइव के माध्यम से बिजली विभाग और केईआई के कुकृत्यों के बारे में जानकारी दी. वहीं, सिर्फ लॉकडाउन अवधि में ही बिजली विभाग की लापरवाही से राज्य के विभिन्न जिलों में हुई मौत का ब्यौरा देते हुए कहा कि इस अवधि में जितनी मौत कोरोना वायरस से नहीं हुई होगी. उससे ज्यादा मौत करंट लगने से हुई है. साथ ही बिजली बोर्ड मुख्यालय पर विरोध प्रदर्शन किया और बिजली विभाग के अधिकारियों के खिलाफ नारेबाजी की और कार्यालय को बंद रखा.

उन्होंने कहा कि बिजली विभाग के जिन अधिकारियों ने काली कमाई से अवैध संपत्ति अर्जित की है. ऐसे लोगों की सूची तैयार की जा रही है. जल्द ही उसका भी खुलासा किया जाएगा. कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता आलोक कुमार दूबे और डॉ. राजेश गुप्ता छोटू ने कहा कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और खाद्य आपूर्ति मंत्री रामेश्वर उरांव के नेतृत्व में राज्य ईमानदारीपूर्वक काम कर रही है, लेकिन पूर्ववर्ती रघुवर दास ने अपने पांच वर्ष के कार्यकाल में पूरे बिजली विभाग की व्यवस्था को बिगाड़ने का काम किया है. उनके कार्यकाल में बिजली विभाग की मनमानी और भ्रष्टाचार की बात किसी से छिपी नहीं है. नई सरकार गठन के बाद व्यवस्था में बदलाव लाने का प्रयास किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि अब तक उनके पास उपलब्ध सूची के अनुसार सिर्फ लॉकडाउन अवधि में ही बिजली विभाग की लापरवाही से करंट लगने से 20 लोगों की मौत हो गई है.

ये भी पढ़ें: JMM का दावा: भ्रष्टाचार से समझौता नहीं, सीएम के ओएसडी पर की गई कार्रवाई इसका उदाहरण

जबकि सभी जिलों से आंकड़ा प्राप्त हो जाने के बाद यह कहा जा सकता है कि राज्य में जितने लोगों की मौत कोरोना वायरस से नहीं हुई होगा. उससे अधिक मौत बिजली करंट लगने से हुई है. इस दौरान कांग्रेस पार्टी की ओर से सोशल मीडिया के माध्यम से प्रदर्शन कर रहे पार्टी नेताओं ने बिजली विभाग के लापरवाह पदाधिकारियों को निलंबित कर विभागीय कार्यवाई शुरू करने, करंट लगने से मरने वाले आमजनों और बिजली विभाग के कर्मचारियों के आश्रितों को मुआवजा दिलाने और विभिन्न दुर्घटनाओं में जख्मी होने वाले लोगों के इलाज का पूरा खर्च वहन करने की मांग की है. पार्टी नेताओं की ओर से कहा गया है कि करंट लगने से चाहे बिजली विभाग के कर्मचारियों की मौत हुई है या आम जन हादसे के शिकार हुए हो. पार्टी उन परिवारों के आश्रितों को जब तक मुआवजा और सहायता मिल जाता तब तक आंदोलन जारी रखेगी.

बिजली विभाग की लापरवाही के कारण गई आलोक कुमार दुबे का भाई हुआ था जख्मी

बता दें कि राजधानी में बिजली विभाग की लापरवाही का खामियाजा झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता आलोक कुमार दुबे के छोटे भाई को भुगतना पड़ा था. झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता आलोक कुमार दुबे के छोटे भाई गौतम दुबे 'गोपी' शुक्रवार 17 जुलाई की सुबह राजधानी रांची के कोकर चौक पर करंट लगने से जख्मी हो गए थे. आलोक दुबे ने बताया कि बिजली विभाग की घोर लापरवाही से 33 हजार वोल्ट का नंगा तार सड़क पर लटके रहने की वजह से यह हादसा हुआ था. वहीं, इसको लेकर बिजली विभाग पर कार्रवाई के लिए कांग्रेस ने CM को भी पत्र लिखा था. वहीं, विभिन्न 12 थानों में बिजली विभाग के अधिकारियों और विद्युतीकरण कार्य में जुटी केईआई कंपनी के खिलाफ प्रदेश कांग्रेस की ओर से प्राथमिकी दर्ज कराई थी.

रांची. झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी की ओर से बिजली और केईआई कंपनी विभाग की लापरवाही के खिलाफ बुधवार को चरणबद्ध आंदोलन की शुरुआत की गई. आंदोलन के पहले चरण में पार्टी के नेता कार्यकर्त्ताओं ने सामाजिक दूरी का पालन करते हुए बिजली मुख्यालय के समक्ष फेसबुक लाइव के माध्यम से बिजली विभाग और केईआई के कुकृत्यों के बारे में जानकारी दी. वहीं, सिर्फ लॉकडाउन अवधि में ही बिजली विभाग की लापरवाही से राज्य के विभिन्न जिलों में हुई मौत का ब्यौरा देते हुए कहा कि इस अवधि में जितनी मौत कोरोना वायरस से नहीं हुई होगी. उससे ज्यादा मौत करंट लगने से हुई है. साथ ही बिजली बोर्ड मुख्यालय पर विरोध प्रदर्शन किया और बिजली विभाग के अधिकारियों के खिलाफ नारेबाजी की और कार्यालय को बंद रखा.

उन्होंने कहा कि बिजली विभाग के जिन अधिकारियों ने काली कमाई से अवैध संपत्ति अर्जित की है. ऐसे लोगों की सूची तैयार की जा रही है. जल्द ही उसका भी खुलासा किया जाएगा. कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता आलोक कुमार दूबे और डॉ. राजेश गुप्ता छोटू ने कहा कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और खाद्य आपूर्ति मंत्री रामेश्वर उरांव के नेतृत्व में राज्य ईमानदारीपूर्वक काम कर रही है, लेकिन पूर्ववर्ती रघुवर दास ने अपने पांच वर्ष के कार्यकाल में पूरे बिजली विभाग की व्यवस्था को बिगाड़ने का काम किया है. उनके कार्यकाल में बिजली विभाग की मनमानी और भ्रष्टाचार की बात किसी से छिपी नहीं है. नई सरकार गठन के बाद व्यवस्था में बदलाव लाने का प्रयास किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि अब तक उनके पास उपलब्ध सूची के अनुसार सिर्फ लॉकडाउन अवधि में ही बिजली विभाग की लापरवाही से करंट लगने से 20 लोगों की मौत हो गई है.

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जबकि सभी जिलों से आंकड़ा प्राप्त हो जाने के बाद यह कहा जा सकता है कि राज्य में जितने लोगों की मौत कोरोना वायरस से नहीं हुई होगा. उससे अधिक मौत बिजली करंट लगने से हुई है. इस दौरान कांग्रेस पार्टी की ओर से सोशल मीडिया के माध्यम से प्रदर्शन कर रहे पार्टी नेताओं ने बिजली विभाग के लापरवाह पदाधिकारियों को निलंबित कर विभागीय कार्यवाई शुरू करने, करंट लगने से मरने वाले आमजनों और बिजली विभाग के कर्मचारियों के आश्रितों को मुआवजा दिलाने और विभिन्न दुर्घटनाओं में जख्मी होने वाले लोगों के इलाज का पूरा खर्च वहन करने की मांग की है. पार्टी नेताओं की ओर से कहा गया है कि करंट लगने से चाहे बिजली विभाग के कर्मचारियों की मौत हुई है या आम जन हादसे के शिकार हुए हो. पार्टी उन परिवारों के आश्रितों को जब तक मुआवजा और सहायता मिल जाता तब तक आंदोलन जारी रखेगी.

बिजली विभाग की लापरवाही के कारण गई आलोक कुमार दुबे का भाई हुआ था जख्मी

बता दें कि राजधानी में बिजली विभाग की लापरवाही का खामियाजा झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता आलोक कुमार दुबे के छोटे भाई को भुगतना पड़ा था. झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता आलोक कुमार दुबे के छोटे भाई गौतम दुबे 'गोपी' शुक्रवार 17 जुलाई की सुबह राजधानी रांची के कोकर चौक पर करंट लगने से जख्मी हो गए थे. आलोक दुबे ने बताया कि बिजली विभाग की घोर लापरवाही से 33 हजार वोल्ट का नंगा तार सड़क पर लटके रहने की वजह से यह हादसा हुआ था. वहीं, इसको लेकर बिजली विभाग पर कार्रवाई के लिए कांग्रेस ने CM को भी पत्र लिखा था. वहीं, विभिन्न 12 थानों में बिजली विभाग के अधिकारियों और विद्युतीकरण कार्य में जुटी केईआई कंपनी के खिलाफ प्रदेश कांग्रेस की ओर से प्राथमिकी दर्ज कराई थी.

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