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नए संसद भवन के उद्घाटन से राष्ट्रपति को दूर रखना 'लोकतंत्र, आदिवासी और महिला' तीनों का अपमानः कांग्रेस - राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू

नए संसद भवन के उद्घाटन समारोह से राष्ट्रपति को दूर रखने का कांग्रेस विरोध कर रही है. कांग्रेस ने इसके विरोध में रांची में धरना दिया.

Congress protests against inauguration ceremony of new Parliament House in ranchi
Congress protests against inauguration ceremony of new Parliament House in ranchi
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Published : May 28, 2023, 2:14 PM IST

Updated : May 28, 2023, 2:39 PM IST

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रांची: संसद के नए भवन के उद्घाटन कार्यक्रम से राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ को दूर रखे जाने को कांग्रेस एक बड़ा राजनीतिक मुद्दा बनाएगी. आज रांची के बिरसा चौक पर प्रदेश कांग्रेस कमिटी के नेतृत्व में कांग्रेस ने धरना दिया और मोदी सरकार पर निशाना साधा. संविधान के अनुच्छेद 79 का हवाला देते हुए कांग्रेस नेताओं ने कहा कि संविधान में स्पष्ट प्रावधान है कि संसद के तीन अंग राष्ट्रपति, राज्यसभा और लोकसभा हैं. ऐसे में राष्ट्रपति को ही ऐतिहासिक संसद भवन के उद्घाटन कार्यक्रम से दूर रखना, यह साबित करता है कि भाजपा की सोच अनुसूचित जाति-जनजाति विरोधी है.

ये भी पढ़ेंः नए संसद भवन के उद्घाटन को राज्याभिषेक समझ रहे हैं प्रधानमंत्री: राहुल गांधी

धरना पर बैठे कांग्रेस विधायक दल के नेता और मंत्री आलमगीर आलम ने कहा कि हमलोगों को धरना पर इस लिए बैठना पड़ रहा है, क्योंकि केंद्र की मोदी सरकार लोकतांत्रिक व्यवस्था को समाप्त करने में लगी है. आलमगीर आलम ने कहा कि वर्तमान नरेंद्र मोदी सरकार का न सिर्फ आदिवासी विरोधी चेहरा उजागर हुआ है, उनकी दलित विरोधी सोच भी सार्वजनिक हुई है. आलमगीर आलम ने कहा कि नए संसद भवन के शिलान्यास कार्यक्रम में भी तत्कालीन राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को नहीं बुलाया गया था. इस बार जब उद्घाटन हो रहा है तब राष्ट्रपति से उद्घाटन तो दूर एक निमंत्रण पत्र तक नहीं दिया गया.

सांकेतिक धरना के माध्यम से कांग्रेस कर रही है विरोधः धरना पर बैठे झारखंड कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने कहा कि संविधान के अनुच्छेद 79 में स्पष्ट उल्लेखित होने के बावजूद पीएम मोदी ने राष्ट्रपति को नए संसद भवन के उद्घाटन तो दूर समारोह में शामिल होने के लिए अतिथि के रूप में भी नहीं बुलाया, जो दुखद है. इसका सांकेतिक विरोध धरना के माध्यम से कांग्रेस रही है.

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रांची: संसद के नए भवन के उद्घाटन कार्यक्रम से राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ को दूर रखे जाने को कांग्रेस एक बड़ा राजनीतिक मुद्दा बनाएगी. आज रांची के बिरसा चौक पर प्रदेश कांग्रेस कमिटी के नेतृत्व में कांग्रेस ने धरना दिया और मोदी सरकार पर निशाना साधा. संविधान के अनुच्छेद 79 का हवाला देते हुए कांग्रेस नेताओं ने कहा कि संविधान में स्पष्ट प्रावधान है कि संसद के तीन अंग राष्ट्रपति, राज्यसभा और लोकसभा हैं. ऐसे में राष्ट्रपति को ही ऐतिहासिक संसद भवन के उद्घाटन कार्यक्रम से दूर रखना, यह साबित करता है कि भाजपा की सोच अनुसूचित जाति-जनजाति विरोधी है.

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धरना पर बैठे कांग्रेस विधायक दल के नेता और मंत्री आलमगीर आलम ने कहा कि हमलोगों को धरना पर इस लिए बैठना पड़ रहा है, क्योंकि केंद्र की मोदी सरकार लोकतांत्रिक व्यवस्था को समाप्त करने में लगी है. आलमगीर आलम ने कहा कि वर्तमान नरेंद्र मोदी सरकार का न सिर्फ आदिवासी विरोधी चेहरा उजागर हुआ है, उनकी दलित विरोधी सोच भी सार्वजनिक हुई है. आलमगीर आलम ने कहा कि नए संसद भवन के शिलान्यास कार्यक्रम में भी तत्कालीन राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को नहीं बुलाया गया था. इस बार जब उद्घाटन हो रहा है तब राष्ट्रपति से उद्घाटन तो दूर एक निमंत्रण पत्र तक नहीं दिया गया.

सांकेतिक धरना के माध्यम से कांग्रेस कर रही है विरोधः धरना पर बैठे झारखंड कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने कहा कि संविधान के अनुच्छेद 79 में स्पष्ट उल्लेखित होने के बावजूद पीएम मोदी ने राष्ट्रपति को नए संसद भवन के उद्घाटन तो दूर समारोह में शामिल होने के लिए अतिथि के रूप में भी नहीं बुलाया, जो दुखद है. इसका सांकेतिक विरोध धरना के माध्यम से कांग्रेस रही है.

Last Updated : May 28, 2023, 2:39 PM IST
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