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नागालैंड फायरिंग मामला: डॉ अजय ने केंद्रीय गृह मंत्री का मांगा इस्तीफा, कहा- HC के जज की देखरेख में इंक्वायरी कमीशन बैठे - झारखंड खबर

Nagaland Firing Case पर कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता डॉ अजय कुमार ने दुख जताया है. उन्होंने केंद्रीय गृह मंत्री से इस्तीफे की मांग की है. उन्होंने कहा कि AFSPA हटाने की मांग मेघालय के सीएम कोनराड संगमा ने की है. लेकिन जिन राज्यों में इसकी जरूरत है वहां रहना चाहिए.

Congress national spokesperson Dr Ajay Kumar
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Published : Dec 7, 2021, 8:36 PM IST

Updated : Dec 8, 2021, 6:32 AM IST

नई दिल्ली: कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता डॉ अजय कुमार ने Nagaland Firing Case पर दुख व्यक्त किया. उन्होंने कहा कि जिन लोगों का निधन हुआ है उनके परिजनों को सरकार ने 5-5 लाख मुआवजा देने का ऐलान किया है. उनके परिजनों को कम से कम एक करोड़ का मुआवजा मिलना चाहिए. जो घायल हैं उनको इलाज के लिए 10 लाख रुपए मिलना चाहिए.

ये भी पढ़ें- Nagaland firing : नगालैंड का दौरा करेगा कांग्रेस का प्रतिनिधिमंडल, एक सप्ताह में सौंपेगा रिपोर्ट

उन्होंने कहा कि जब घटना हुई तो उसके बाद केंद्रीय गृह मंत्री राजस्थान चले गए. घटना की सूचना मिलने के बाद राजस्थान गए. वहां पर कांग्रेस सरकार गिराने की कोशिश में लग गए. जबकि उनको नागालैंड का दौरा करना चाहिए था. गृह मंत्री अब तक नागालैंड नहीं गए. मैं उनके इस्तीफे की मांग करता हूं. यह घटना इंटेलिजेंस फेल्योर का मामला है. हाई कोर्ट के जज की देखरेख में इंक्वायरी कमीशन बैठनी चाहिए. निष्पक्ष जांच होनी चाहिए.

डॉ अजय कुमार के साथ संवाददाता शशांक कुमार
उन्होंने कहा कि कांग्रेस का डेलिगेशन कल नागालैंड के लिए रवाना होगा. जिसमें 4 सदस्य हैं. इस डेलिगेशन में मैं भी रहूंगा. वहां जाएंगे पूरे मामले को समझेंगे. घटनास्थल पर भी जाएंगे और रिपोर्ट यहां आकर पार्टी नेतृत्व को सौंपेंगे. डॉ अजय कुमार नागालैंड के प्रभारी भी हैं. वहीं घटना के बाद से AFSPA हटाने की मांग उठने लगी है. इसपर अजय कुमार ने कहा कि जिन जिन राज्यों में जरूरी है वहां रहना चाहिए. देश के अखंडता के लिए जरूरी है. लेकिन इस कानून को हटाने की मांग मेघालय के सीएम कोनराड संगमा ने की है. यह मांग अन्य बीजेपी के लोग कर रहे हैं.नागालैंड फायरिंग मामला

नागालैंड में मोन जिले में सुरक्षा बलों की गोलियों से 14 लोगों की मौत हो गई. जबकि 11 से ज्यादा लोग घायल हैं. इस घटना में 1 जवान भी शहीद हुआ. संसद में इस घटना पर जमकर हंगामा हुआ. वहीं, गृह मंत्री ने पूरे मामले पर संसद में सफाई दी. उन्होंने कहा कि नागालैंड में सेना की फायरिंग एक गलती थी. सेना ने नागरिकों को पहचानने में गलती की. इस घटना की जांच के लिए एसआईटी गठिक की गई है, जो एक महीने के अंदर रिपोर्ट सौंपेगी. बता दें 4 दिसंबर को भारत म्यानमार सीमा के पास नागालैंड के मोन जिले में सैन्य गोलीबारी में 14 नागरिक और 1 सैनिक मारे जाने के बाद सियासत तेज हो गई है.

नई दिल्ली: कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता डॉ अजय कुमार ने Nagaland Firing Case पर दुख व्यक्त किया. उन्होंने कहा कि जिन लोगों का निधन हुआ है उनके परिजनों को सरकार ने 5-5 लाख मुआवजा देने का ऐलान किया है. उनके परिजनों को कम से कम एक करोड़ का मुआवजा मिलना चाहिए. जो घायल हैं उनको इलाज के लिए 10 लाख रुपए मिलना चाहिए.

ये भी पढ़ें- Nagaland firing : नगालैंड का दौरा करेगा कांग्रेस का प्रतिनिधिमंडल, एक सप्ताह में सौंपेगा रिपोर्ट

उन्होंने कहा कि जब घटना हुई तो उसके बाद केंद्रीय गृह मंत्री राजस्थान चले गए. घटना की सूचना मिलने के बाद राजस्थान गए. वहां पर कांग्रेस सरकार गिराने की कोशिश में लग गए. जबकि उनको नागालैंड का दौरा करना चाहिए था. गृह मंत्री अब तक नागालैंड नहीं गए. मैं उनके इस्तीफे की मांग करता हूं. यह घटना इंटेलिजेंस फेल्योर का मामला है. हाई कोर्ट के जज की देखरेख में इंक्वायरी कमीशन बैठनी चाहिए. निष्पक्ष जांच होनी चाहिए.

डॉ अजय कुमार के साथ संवाददाता शशांक कुमार
उन्होंने कहा कि कांग्रेस का डेलिगेशन कल नागालैंड के लिए रवाना होगा. जिसमें 4 सदस्य हैं. इस डेलिगेशन में मैं भी रहूंगा. वहां जाएंगे पूरे मामले को समझेंगे. घटनास्थल पर भी जाएंगे और रिपोर्ट यहां आकर पार्टी नेतृत्व को सौंपेंगे. डॉ अजय कुमार नागालैंड के प्रभारी भी हैं. वहीं घटना के बाद से AFSPA हटाने की मांग उठने लगी है. इसपर अजय कुमार ने कहा कि जिन जिन राज्यों में जरूरी है वहां रहना चाहिए. देश के अखंडता के लिए जरूरी है. लेकिन इस कानून को हटाने की मांग मेघालय के सीएम कोनराड संगमा ने की है. यह मांग अन्य बीजेपी के लोग कर रहे हैं.नागालैंड फायरिंग मामला

नागालैंड में मोन जिले में सुरक्षा बलों की गोलियों से 14 लोगों की मौत हो गई. जबकि 11 से ज्यादा लोग घायल हैं. इस घटना में 1 जवान भी शहीद हुआ. संसद में इस घटना पर जमकर हंगामा हुआ. वहीं, गृह मंत्री ने पूरे मामले पर संसद में सफाई दी. उन्होंने कहा कि नागालैंड में सेना की फायरिंग एक गलती थी. सेना ने नागरिकों को पहचानने में गलती की. इस घटना की जांच के लिए एसआईटी गठिक की गई है, जो एक महीने के अंदर रिपोर्ट सौंपेगी. बता दें 4 दिसंबर को भारत म्यानमार सीमा के पास नागालैंड के मोन जिले में सैन्य गोलीबारी में 14 नागरिक और 1 सैनिक मारे जाने के बाद सियासत तेज हो गई है.

Last Updated : Dec 8, 2021, 6:32 AM IST
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