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Congress MLA Meets Contractual Nurses: राजेश कच्छप का हाथ पकड़कर नर्सों ने लगाई गुहार, विधायक ने कहा- जल्द आएगा मिठाई खाने का समय

रांची में राजभवन के सामने आमरण अनशन पर बैठे एनएचएम के अनुबंधित स्वास्थ्यकमियों से मिलने कांग्रेस विधायक राजेश कच्छप धरनास्थल पहुंचे. जहां एक नर्स ने विधायक का हाथ पकड़कर उनसे गुहार लगाई. जिसके बाद विधायक ने उन्हें साकारात्मक भरोसा दिलाते हुए कहा कि जल्द ही मिठाई खाने का समय आएगा.

Congress MLA Rajesh Kachhap meets contract workers
नर्स को भरोसा दिलाते कांग्रेस विधायक राजेश कच्छप
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Published : Jan 30, 2023, 4:37 PM IST

Updated : Jan 30, 2023, 7:00 PM IST

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रांची: सेवा नियमितीकरण की मांग को लेकर NHM की अनुबंधित नर्सें और पारा मेडिकलकर्मी 24 जनवरी से आमरण अनशन पर हैं. सोमवार को राजभवन स्थित आमरण अनशन स्थल पर कांग्रेस के खिजरी से विधायक राजेश कच्छप पहुंचे. कांग्रेस के विधायक ने अनशन पर बैठे सभी आंदोलित नर्सों और पारा मेडिकलकर्मियों को भरोसा दिलाया कि जल्द उनके मिठाई खाने का समय आएगा.

ये भी पढ़ें: आमरण अनशन पर बैठे दो पारा मेडिकल कर्मियों की बिगड़ी तबीयत, लोबिन हेंब्रम ने कहा- उचित जगह पर रखेंगे मांग

विधायक राजेश कच्छप से नर्स ने लगाई गुहार: अनशन पर बैठी एक अनुबंधित नर्स ने राजेश कच्छप का हाथ पकड़ कर सेवा स्थायीकरण की गुहार लागते हुए कहा कि क्या आपकी सरकार, हमारी सेवा का यह ईनाम दे रही है? राजेश कच्छप ने सभी आमरण अनशनकारियों से कहा कि वह अपने स्वास्थ्य का ख्याल रखें और थोड़ा समय दें, जल्द मिठाई खाने का समय आएगा. 24 जनवरी से 29 जनवरी तक आमरण अनशन पर बैठे 21 स्वास्थ्यकर्मियों में से 6 की तबीयत बिगड़ने पर उन्हें सदर अस्पताल में भर्ती कराया जा चुका था. 30 जनवरी को फिर बीपी में उतार चढ़ाव और डिहाइड्रेशन की वजह से 3 अनशनकारियों की तबीयत बिगड़ गई, जिसके बाद उन्हें भी सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया है. अब तक कुल 9 अनशनकारियों की तबीयत बिगड़ चुकी है. अभी भी दो नर्सें सदर अस्पताल में ऑक्सीजन सपोर्ट पर हैं.

ये है आंदोलित अनुबंधित नर्सों की मांग: राज्य के आठ हजार से ज्यादा अनुबंधित नर्सें और पारा मेडिकल स्टाफ 15 वर्षों से भी अधिक समय से NHM के तहत अनुबंध पर सेवा दे रहें हैं. इनका कहना है कि 2019 में विधानसभा चुनाव के समय वर्तमान मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने उनकी सेवा नियमित करने का वादा किया था. 3 साल बाद भी सरकार एक कदम भी आगे नहीं बढ़ी है. आंदोलित नर्सों के अनुसार विधानसभा सत्र के दौरान पूछे गए सवाल पर सकारात्मक उत्तर दिया गया था, लेकिन अब सरकार मौन है.

ये नर्सें और लैब टेक्नीशियन बैठे हैं आमरण अनशन पर: झारखंड राज्य राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन जीएनएम एएनएम संघ के आमरण अनशन में बैठने वाले 21 नर्सों और लैब टेक्नीशियन सूची इस तरह है. धरनी कुमारी, सूर्यकांति कुमारी, ममता कुमारी, पूर्णिमा कुमारी, वीणा कुमारी, शिवरानी अंजलिना खाका, पूनम कुमारी, नंदनी कुमारी, ललिता कुमारी, अनिता कुमारी, बबीता कुमारी, टेरेसा मिंज, अरुणा टोप्पो, सुनीता कुमारी, विनय कुमार सिंह, सत्येंद्र कुमारी, नवीन कुमार, रंजन सुशांत कुमारी दास रंजीत सोरेन और प्रदीप कुमार. इनमें से बारी-बारी से कई की तबीयत बिगड़ने पर उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया और ठीक होकर ये फिर आमरण अनशन में शामिल हो जाते हैं. अनशनकारियों के समर्थन में हर दिन अलग-अलग जिलों से सैकड़ों की संख्या में अनुबंधित नर्सें राजभवन के समक्ष पहुंचती हैं और धरना देती हैं. आंदोलनकारियों ने साफ शब्दों में कहा है कि इस बार वह सरकार से सेवा नियमितीकरण लेकर ही घर लौटेंगे.

16 जनवरी के बाद से लगातार आंदोलन पर हैं अनुबंधित नर्सें: झारखंड अनुबंधित पारा चिकित्सा कर्मी संघ और झारखंड राज्य एनएचएम एएनएम/जीएनएम संघ के संयुक्त तत्वावधान में राज्य भर के समस्त पारा मेडिकलकर्मी, एएनएम/जीएनएम की अनुबंधित नर्सें/लैब टेक्नीशियन, फार्मासिस्ट, आप्थाल्मिक असिस्टेंट और फिजियोथैरेपिस्ट ने 16 जनवरी को मुख्यमंत्री आवास का घेराव किया था. 17 से 23 जनवरी तक राजभवन के समक्ष अपनी मांग को लेकर धरना भी दिया था, लेकिन फिर भी उनकी मांग पूरी नहीं हुई. अब 24 जनवरी से 21 नर्स एवं पारा मेडिकलकर्मी आमरण अनशन पर हैं.

स्वास्थ्य व्यवस्था पर पड़ रहा है प्रतिकूल असर: राज्यभर के करीब 8500 अनुबंधित नर्सें और पारा मेडिकल स्टाफ की हड़ताल की वजह से राज्य की स्वास्थ्य व्यवस्था प्रभावित हुई है.
रूटीन टीकाकरण से लेकर ग्रामीण स्वास्थ्य व्यवस्था बेपटरी हुई है. MTC सेंटर पर भी इसका असर हुआ है. स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी आउटसोर्सिंग से बहाल नर्सों के भरोसे स्वास्थ्य सेवा सुचारू रखने का दावा करते हैं, लेकिन वह पर्याप्त नहीं है. अब तक भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश, झामुमो के विधायक लोबिन हेम्ब्रम धरनास्थल पर पहुंचकर आंदोलित नर्सों को अपना समर्थन दे चुके हैं.

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रांची: सेवा नियमितीकरण की मांग को लेकर NHM की अनुबंधित नर्सें और पारा मेडिकलकर्मी 24 जनवरी से आमरण अनशन पर हैं. सोमवार को राजभवन स्थित आमरण अनशन स्थल पर कांग्रेस के खिजरी से विधायक राजेश कच्छप पहुंचे. कांग्रेस के विधायक ने अनशन पर बैठे सभी आंदोलित नर्सों और पारा मेडिकलकर्मियों को भरोसा दिलाया कि जल्द उनके मिठाई खाने का समय आएगा.

ये भी पढ़ें: आमरण अनशन पर बैठे दो पारा मेडिकल कर्मियों की बिगड़ी तबीयत, लोबिन हेंब्रम ने कहा- उचित जगह पर रखेंगे मांग

विधायक राजेश कच्छप से नर्स ने लगाई गुहार: अनशन पर बैठी एक अनुबंधित नर्स ने राजेश कच्छप का हाथ पकड़ कर सेवा स्थायीकरण की गुहार लागते हुए कहा कि क्या आपकी सरकार, हमारी सेवा का यह ईनाम दे रही है? राजेश कच्छप ने सभी आमरण अनशनकारियों से कहा कि वह अपने स्वास्थ्य का ख्याल रखें और थोड़ा समय दें, जल्द मिठाई खाने का समय आएगा. 24 जनवरी से 29 जनवरी तक आमरण अनशन पर बैठे 21 स्वास्थ्यकर्मियों में से 6 की तबीयत बिगड़ने पर उन्हें सदर अस्पताल में भर्ती कराया जा चुका था. 30 जनवरी को फिर बीपी में उतार चढ़ाव और डिहाइड्रेशन की वजह से 3 अनशनकारियों की तबीयत बिगड़ गई, जिसके बाद उन्हें भी सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया है. अब तक कुल 9 अनशनकारियों की तबीयत बिगड़ चुकी है. अभी भी दो नर्सें सदर अस्पताल में ऑक्सीजन सपोर्ट पर हैं.

ये है आंदोलित अनुबंधित नर्सों की मांग: राज्य के आठ हजार से ज्यादा अनुबंधित नर्सें और पारा मेडिकल स्टाफ 15 वर्षों से भी अधिक समय से NHM के तहत अनुबंध पर सेवा दे रहें हैं. इनका कहना है कि 2019 में विधानसभा चुनाव के समय वर्तमान मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने उनकी सेवा नियमित करने का वादा किया था. 3 साल बाद भी सरकार एक कदम भी आगे नहीं बढ़ी है. आंदोलित नर्सों के अनुसार विधानसभा सत्र के दौरान पूछे गए सवाल पर सकारात्मक उत्तर दिया गया था, लेकिन अब सरकार मौन है.

ये नर्सें और लैब टेक्नीशियन बैठे हैं आमरण अनशन पर: झारखंड राज्य राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन जीएनएम एएनएम संघ के आमरण अनशन में बैठने वाले 21 नर्सों और लैब टेक्नीशियन सूची इस तरह है. धरनी कुमारी, सूर्यकांति कुमारी, ममता कुमारी, पूर्णिमा कुमारी, वीणा कुमारी, शिवरानी अंजलिना खाका, पूनम कुमारी, नंदनी कुमारी, ललिता कुमारी, अनिता कुमारी, बबीता कुमारी, टेरेसा मिंज, अरुणा टोप्पो, सुनीता कुमारी, विनय कुमार सिंह, सत्येंद्र कुमारी, नवीन कुमार, रंजन सुशांत कुमारी दास रंजीत सोरेन और प्रदीप कुमार. इनमें से बारी-बारी से कई की तबीयत बिगड़ने पर उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया और ठीक होकर ये फिर आमरण अनशन में शामिल हो जाते हैं. अनशनकारियों के समर्थन में हर दिन अलग-अलग जिलों से सैकड़ों की संख्या में अनुबंधित नर्सें राजभवन के समक्ष पहुंचती हैं और धरना देती हैं. आंदोलनकारियों ने साफ शब्दों में कहा है कि इस बार वह सरकार से सेवा नियमितीकरण लेकर ही घर लौटेंगे.

16 जनवरी के बाद से लगातार आंदोलन पर हैं अनुबंधित नर्सें: झारखंड अनुबंधित पारा चिकित्सा कर्मी संघ और झारखंड राज्य एनएचएम एएनएम/जीएनएम संघ के संयुक्त तत्वावधान में राज्य भर के समस्त पारा मेडिकलकर्मी, एएनएम/जीएनएम की अनुबंधित नर्सें/लैब टेक्नीशियन, फार्मासिस्ट, आप्थाल्मिक असिस्टेंट और फिजियोथैरेपिस्ट ने 16 जनवरी को मुख्यमंत्री आवास का घेराव किया था. 17 से 23 जनवरी तक राजभवन के समक्ष अपनी मांग को लेकर धरना भी दिया था, लेकिन फिर भी उनकी मांग पूरी नहीं हुई. अब 24 जनवरी से 21 नर्स एवं पारा मेडिकलकर्मी आमरण अनशन पर हैं.

स्वास्थ्य व्यवस्था पर पड़ रहा है प्रतिकूल असर: राज्यभर के करीब 8500 अनुबंधित नर्सें और पारा मेडिकल स्टाफ की हड़ताल की वजह से राज्य की स्वास्थ्य व्यवस्था प्रभावित हुई है.
रूटीन टीकाकरण से लेकर ग्रामीण स्वास्थ्य व्यवस्था बेपटरी हुई है. MTC सेंटर पर भी इसका असर हुआ है. स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी आउटसोर्सिंग से बहाल नर्सों के भरोसे स्वास्थ्य सेवा सुचारू रखने का दावा करते हैं, लेकिन वह पर्याप्त नहीं है. अब तक भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश, झामुमो के विधायक लोबिन हेम्ब्रम धरनास्थल पर पहुंचकर आंदोलित नर्सों को अपना समर्थन दे चुके हैं.

Last Updated : Jan 30, 2023, 7:00 PM IST
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