रांची: विधानसभा के शीतकालीन सत्र के अंतिम दिन सरकार सदन में अपनों से ही घिरी दिखी. 11 बजे सदन की कार्यवाही शुरू होने के बाद प्रश्नकाल के दौरान कांग्रेस विधायक प्रदीप यादव ने सदन में अपने ही सरकार को घेरते नजर आए. विधायक प्रदीप यादव ने रांची के कांके में बन रहे स्लॉटर हाउस, अर्बन हाट, ड्रेनेज सिस्टम सहित कई योजनाओं पर करोड़ों रुपए खर्च होने के बाद भी शुरू नहीं होने पर चिंता जताते हुए सरकार पर निशाना साधा.
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सदन में मंत्री का मिला अटपटा जवाब-प्रदीप यादव
सदन में सरकार के मंत्री के जवाब से प्रदीप यादव खासे नाराज दिखे. मीडियाकर्मियों को संबोधित करते हुए प्रदीप यादव ने कहा कि मंत्री का जवाब स्लॉटर हाउस को लेकर जो दिया गया, उसमें हाई कोर्ट का जो हवाला दिया गया वह हकीकत से दूर है. प्रदीप यादव ने कहा कि सरकार ने जो जवाब दिया है उसमें कहा गया कि हाईकोर्ट के निर्देश से स्लॉटर हाउस बंद है. जबकि ऐसा कोई आदेश नहीं है. प्रदीप यादव ने कहा कि तीन वर्षों में यहां के अधिकारियों ने इन योजनाओं पर करोड़ों रुपए खर्च किए और जमकर लूट की. सरकार को इसके लिए जिम्मेदार अधिकारियों और लोगों पर कार्रवाई करनी चाहिए. प्रदीप यादव ने सदन से इस गंभीर मुद्दा बताते हुए विधायकों की एक सर्वदलीय जांच टीम भी गठित करने की मांग की. उन्होंने सरकार के आश्वासन पर नाराजगी जताते हुए कहा कि इस संबंध में सदन में सिर्फ मुख्यमंत्री से बात करने का आश्वासन दिया गया.
मनीष जायसवाल का निलंबन हुआ वापस
भोजनावकाश के बाद दोपहर 2 बजे शुरू हुआ सदन की कार्यवाही के दौरान सदन में भाजपा विधायक मनीष जायसवाल का निलंबन वापस लेने की घोषणा की गई. गौरतलब है कि मंगलवार को सदन की कार्यवाही के दौरान मनीष जायसवाल भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए प्रोसेडिंग पेपर को फाड़कर बेल में आकर नारेबाजी करने लगे थे. स्पीकर ने इसे सदन की मर्यादा के खिलाफ मानते हुए निलंबित कर दिया था. इसके अलावे कोर्ट फीस को लेकर कर सदन में लाया गया संशोधन विधेयक की मंजूरी दी गई.