रांची: झारखंड में 12 जनवरी से कांग्रेस ने सदस्यता अभियान की शुरुआत की थी. लेकिन, अब सदस्यता अभियान धीमा पड़ता नजर आने लगा है. ऐसे में कहीं न कहीं यह सवाल उठ रहे हैं कि क्या प्रदेश कांग्रेस प्रभारी आरपीएन सिंह के आने के बाद भी संगठन एकजुट नहीं हो पाया है. जिसका असर सदस्यता अभियान पर पड़ रहा है. बता दें कि इस बार कांग्रेस ने 15 लाख नए सदस्य बनाने का लक्ष्य रखा है.
दरअसल, कोरोना काल की वजह से झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी का सदस्यता अभियान धीमा हो गया था. लेकिन 12 जनवरी को रामगढ़ से प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष रामेश्वर उरांव और मंत्री बादल पत्रलेख के नेतृत्व में सदस्यता अभियान को फिर लॉन्च किया गया. इसी बीच झारखंड कांग्रेस के प्रभारी भी रांची पहुंचे थे. उन्होंने पार्टी के मंत्रियों, विधायकों समेत कार्यकर्ताओं से मुलाकात कर वर्तमान स्थिति पर चर्चा की थी. उसी समय पूर्व सांसद फुरकान अंसारी ने भी प्रदेश कांग्रेस प्रभारी समेत प्रदेश अध्यक्ष, विधायक दल के नेता पर गंभीर आरोप लगाते हुए संगठन के कमजोर होने का मामला भी उठाया था. लेकिन कांग्रेस प्रभारी आरपीएन सिंह ने कहा था कि संगठन में सब कुछ ठीक चल रहा है.
महिला और युवाओं पर जोर
सदस्यता अभियान प्रभारी आलोक कुमार दुबे ने कहा है कि सदस्यता अभियान की गति धीमी नहीं पड़ी है. राज्य में जिलेवार पर्यवेक्षक और प्रभारी की नियुक्ति की जा रही है जो इस अभियान को गति देंगे. इसके साथ ही सभी जिलों का दौरा करने के बाद सदस्यता अभियान को गति दी जाएगी. उन्होंने कहा कि प्रदेश कांग्रेस प्रभारी और प्रदेश अध्यक्ष अभियान को लेकर गंभीर हैं. इसी को ध्यान में रखते हुए जिलेवार प्रभारी मनोनीत किए जा रहे हैं ताकि सदस्यता अभियान प्रखंड, पंचायत और बूथ स्तर तक काम करे. उन्होंने बताया कि खासकर युवा वर्ग और महिलाओं को इस अभियान में ज्यादा से ज्यादा जोड़ने की कोशिश होगी.
कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता राजेश गुप्ता ने कहा कि सदस्यता अभियान में कांग्रेस के एक-एक कार्यकर्ता, जिला अध्यक्ष, प्रखंड अध्यक्ष, विधायक, सांसद, पूर्व विधायक, पूर्व सांसद की अहम भूमिका होगी और सभी से काम लिया जाएगा. उन्होंने कहा कि कांग्रेस की नीति सिद्धांतों को सबके सामने रखने के साथ यह भी बताया जाएगा कि कांग्रेस ने देश को आजादी दिलाने के साथ अब तक संभाल कर रखा था. लेकिन वर्तमान में बीजेपी के शासन में देश की स्थिति खराब होती जा रही है.