रांचीः प्रदेश में झारखंड मुक्ति मोर्चा कांग्रेस और राजद के गठबंधन वाली सरकार में भले ही 'इंजन' झारखंड मुक्ति मोर्चा का हो. लेकिन इसका सीधा लाभ 'डिब्बे' के रूप में शामिल कांग्रेस को मिलेगा. दरअसल कैबिनेट एक्सपेंशन के बाद मंत्रियों के विभाग बंटवारे को लेकर जो तस्वीर साफ हुई है, उसमें कांग्रेस को वैसे विभाग मिले हैं जिन से जुड़े मुद्दों को पार्टी बराबर उठाती रही है. हालांकि इस बात कप लेकर कांग्रेस, बीजेपी के निशाने पर भी है.
बीजेपी ने जेएमएम और कांग्रेस को आड़े हाथों लिया है
बीजेपी ने साफ तौर पर कहा कि सरकारी विभागों के बंटवारे में कांग्रेस की स्थिति ज्यादा अच्छी है. यही वजह है की इस सरकार से ज्यादा उम्मीद नहीं की जा सकती है. बीजेपी के प्रदेश प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने कहा कि बजट एलोकेशन के 35% हिस्से पर कांग्रेस के मंत्रियों का दखल होगा. उन्होंने कहा के विभाग का बंटवारा वैसे तो मुख्यमंत्री का विशेषाधिकार है लेकिन इस बंटवारे में यह साफ हो गया है कि कांग्रेस ज्यादा मजबूत स्थिति में और वह अपना एजेंडा चलाने में सफल होगी.
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जेएमएम की बीजेपी को नसीहत
इस बाबत जेएमएम ने पलटवार करते हुए कहा कि बीजेपी को मौजूदा सरकार कैबिनेट एक्सपेंशन और विभागों के बंटवारे के संबंध में बोलने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है. झामुमो के केंद्रीय प्रवक्ता मनोज पांडे ने कहा कि पिछली सरकार में एक मंत्री पद पूरे 5 साल तक खाली रह गया. तत्कालीन मुख्यमंत्री के पास कई महत्वपूर्ण विभाग पड़े रहे.
कांग्रेस ने माना मिला है मौका
वहीं, इससे इतर कांग्रेस ने माना कि मौजूदा सरकार में उसे आम लोगों से अपना कनेक्ट बढ़ाने का मौका मिला है. पार्टी ने साफ तौर पर कहा कि जिन मुद्दों को लेकर पार्टी आंदोलन करती आ रही थी. उससे जुड़े विभाग पार्टी के खाते में आए हैं. झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता आलोक कुमार दूबे ने कहा कि किसानों, युवाओं और आम लोगों से जुड़ी समस्याओं को लेकर पार्टी हमेशा आवाज उठाती रही है.
किसानों की आत्महत्या की बात हो या फिर राज्य के सबसे बड़े अस्पताल की अव्यवस्था, इन सब मुद्दों को लेकर पार्टी आंदोलनरत रही है. साथ ही भुखमरी भी एक बड़ा मुद्दा रहा है इसे कांग्रेस ने जोर शोर से उठाया है. अब यह विभाग पार्टी के पास है ऐसे में पूरा प्रयास होगा कि कांग्रेस अपने मंत्रियों के सहारे इन विभागों से जुड़े मसलों को अच्छे ढंग से हल कर सके.
11 सदस्यों की कैबिनेट में 4 हैं कांग्रेस कोटे से मंत्री
दरअसल, मौजूदा 11 सदस्यों के स्टेट केबिनेट में सात मंत्री झामुमो कोटे से हैं. जबकि 4 कांग्रेस के कोटे से मंत्री हैं. उनके जिम्मे ग्रामीण विकास विभाग, वित्त विभाग, खाद्य सार्वजनिक वितरण और उपभोक्ता मामले विभाग, कृषि पशुपालन और सहकारिता स्वास्थ्य और आपदा प्रबंधन विभाग शामिल हैं. दरअसल कांग्रेस ने अपने विधानसभा चुनाव के मेनिफेस्टो में साफ किया था कि सरकार बनते ही वह किसानों की ऋण माफी के लिए सबसे पहला कदम उठाएगी. साथ ही युवाओं को रोजगार देने और राज्य की स्वास्थ्य व्यवस्था को मजबूत करने का भी दावा किया था.