रांची: पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पर सीएनटी एक्ट के उल्लंघन के आरोप का कांग्रेस ने बचाव किया है. कांग्रेस पार्टी ने कहा है कि सरकार आम लोगों का ध्यान ज्वलंत मुद्दों से भटकाने के लिए सोहराई भवन की जांच का मुद्दा सामने लेकर आई है. जबकि राज्य में कई ऐसे ज्वलंत मुद्दे हैं जिस पर केंद्र और राज्य सरकार मुंह तक नहीं खोल रही.
प्रदेश कांग्रेस के मीडिया प्रभारी राजेश ठाकुर ने बुधवार को केंद्र की मोदी सरकार और राज्य की रघुवर सरकार पर हमला बोला. उन्होंने कहा है कि एक तरफ जहां मॉब लिंचिंग से राज्य की छवि देशभर में खराब हो रही है. पूर्व डीजीपी पर अवैध जमीन की खरीद का आरोप लगा है. तो दूसरी तरफ सरकार सोहराई भवन की जांच के पीछे पड़ी है.
ये भी पढ़ें- महागठबंधन में बन रहा नया समीकरण, JVM और आरजेडी से किया जा सकता है किनारा
राज्य के मुख्यमंत्री भी चुप्पी साधे हुए हैं. ऐसे में आम लोगों का ध्यान भटकाने के लिए सोहराई भवन के मुद्दे को सामने लाया गया है. जो बेहद शर्मनाक है, उन्होंने कहा कि बिहार में बच्चों की जान जा रही है. लेकिन प्रधानमंत्री की तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं आ रही है. इससे यह साफ जाहिर होता है कि बीजेपी ज्वलंत मुद्दों से लोगों का ध्यान भटकाना चाहती है.
बता दें कि राजधानी रांची में हरमू इलाके में बने सोहराई भवन की जमीन आदिवासी समुदाय के एक व्यक्ति की है. जिसे हेमंत सोरेन की पत्नी के नाम से खरीदा गया है.
जबकि छोटानागपुर टेनेंसी एक्ट में साफ प्रावधान है कि खरीदने और बेचने वाला आदिवासी समुदाय का कोई भी व्यक्ति एक ही थाना क्षेत्र का होना चाहिए. इस बाबत राज्य सरकार के निर्देश पर कमिश्नर को जांच का आदेश दिया गया है और रांची के डिप्टी कमिश्नर इस मामले की जांच कर अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंपेंगे.