रांची: पूरा देश आज विजय दिवस और बांग्लादेश मुक्ति दिवस मना रहा है. लेकिन विजय दिवस के दिन रांची में दो नजारे दिखे, जो सबके लिए कई सवाल छोड़ गये. एक ओर जहां पूरा देश विजय दिवस और बांग्लादेश मुक्ति दिवस मना रहा है. वहीं दूसरी ओर एक पूर्व सैनिक अपने अधिकार के लिए कई दिनों से राजभवन के सामने धरना पर बैठा हुआ है. विजय दिवस के मौके पर कांग्रेस भवन में बड़ी स्क्रीन पर कांग्रेस नेताओं ने 1971 के युद्ध पर बनी डॉक्यूमेंट्री फिल्म देखी. लेकिन कोई भी नेता उसी 1971 युद्ध में वीरता दिखाने वाले उस 81 वर्ष के बुजुर्ग हो चुके वीर सैनिक से मिलने नहीं गया.
कांग्रेस ने वीर शहीदों को किया याद: विजय दिवस के अवसर पर प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर सहित सैकड़ों कांग्रेस नेताओं ने 1971 के युद्ध पर बनी डॉक्यूमेंट्री फिल्म को बड़े स्क्रीन (एलईडी) पर देखा. इस दौरान कांग्रेस नेताओं ने देश को अब तक की सबसे बड़ी सैन्य जीत दिलाने वाली और बांग्लादेश के निर्माण में अहम योगदान देने वाली दिवंगत प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को भी याद किया. इस दौरान प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने कहा कि भारत को पाकिस्तान पर सबसे बड़ी जीत दिलाने वाली दिवंगत प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने अपनी दृढ़ इच्छा शक्ति और त्वरित निर्णय से दुश्मन देश पाकिस्तान को दो हिस्सों में बांट दिया था. उनके कुशल नेतृत्व में भारत को मिली ऐतिहासिक जीत हर भारतीय का सीना गर्व से चौड़ा कर देती है.
राजेश ठाकुर ने कहा कि इसके साथ ही यह भी गर्व की बात है कि झारखंड राज्य के परमवीर लांस नायक अल्बर्ट एक्का इस युद्ध में शामिल थे और दुश्मनों से लड़ते हुए वीरगति को प्राप्त हुए. इस युद्ध में पोदना बलमुचु, लवनुस किंडो, नायक सूबेदार राफेल कंडुलना, हवलदार बरनबास किडो, हवलदार बनेसियस किडो ने भी योगदान दिया.
जिन्हें किया याद, वे बैठे धरने पर: राजेश ठाकुर ने जिन सैनिकों को याद किया, उनमें पोदना बलमुचू भी शामिल हैं. पोदना बलमुचू अपने परिवार के साथ 03 दिसंबर 2023 से रांची में धरने पर बैठे हैं. 1971 के युद्ध में गोली लगने के बाद उन्हें न तो पेंशन मिली और न ही अपनी पत्नी को नौकरी देने का अवसर मिला क्योंकि उन्होंने 15 साल तक की अनिवार्य सेवा पूरी नहीं की. बाद में उनके लिए कई वादे किए गए थे. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने भी उनके लिए कुछ करने का वादा किया था, लेकिन वह भी अधूरा रह गया. इसलिए 1971 के युद्ध के 81 वर्षीय वीर सैनिक अपनी पत्नी, बेटे और बेटियों के साथ धरने पर बैठ गये. आज उन्होंने राष्ट्रीय युवा शक्ति के युवाओं के साथ द्वीप जलाकर 1971 युद्ध का विजय दिवस मनाया और उन साथियों को याद किया जिनके बलिदान से पाकिस्तान को हार मिली थी.
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