रांची: मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से उनके कांके स्थित आवास पर जाकर प्रवर्तन निदेशालय के अधिकारी जमीन से जुड़े मामले में उनका बयान दर्ज करेंगे. ईडी के आठवें समन के बाद खुद मुख्यमंत्री ने 20 जनवरी की तारीख इसके लिए मुकर्रर की है. ईडी की कार्रवाई के खिलाफ जहां साहिबगंज में बंद तक किया गया, वहीं कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष बंधु तिर्की ने धमकी भरे शब्द भी कहे.
ईटीवी भारत की टीम ने रांची जिला झारखंड मुक्ति मोर्चा और उसकी सहयोगी पार्टी कांग्रेस के नेताओं से बात कर यह जानने की कोशिश की कि क्या उन्हें पार्टी की ओर से 20 जनवरी के लिए कोई दिशा निर्देश मिला है. इस सवाल पर रांची जिला झारखंड मुक्ति मोर्चा के महासचिव डॉ. हेमलाल मेहता हेमू ने कहा कि पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व द्वारा 20 जनवरी के लिए कोई दिशा निर्देश नहीं मिला है. उन्होंने कहा कि साहिबगंज में लोगों का आक्रोश स्वतःस्फूर्त था और वह इसलिए कि एक निर्वाचित, लोकप्रिय और जनता के प्रति हमेशा समर्पित रहने वाले उनके नेता हेमंत सोरेन को परेशान किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि 20 तारीख को झामुमो की ओर से कोई भी कार्यक्रम नहीं है लेकिन आम जनता में जरूर आक्रोश है और वह रांची में भी इधर उधर दिख रहा है.
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के खिलाफ ईडी की कार्रवाई को भाजपा के इशारे पर हो रही कार्रवाई बताते हुए झारखंड कांग्रेस के महासचिव राकेश सिन्हा ने कहा कि ईडी को माध्यम बनाकर पूरे देश में अराजकता फैलाने का काम भाजपा की सरकार कर रही है. उन्होंने कहा कि जिस तरह से विपक्ष के नेताओं पर ईडी कार्रवाई कर रही है, उससे न सिर्फ कार्यकर्ता बल्कि आम जनमानस में भी रोष है. ऐसे में जरूरत है कि ईडी अपनी साख को बचाएं. कांग्रेस नेता ने कहा कि जिस तरह से अब आम जनता ईडी या इस तरह के संवैधानिक संस्थाओं के खिलाफ सड़क पर उतर रहे हैं, वैसे में अब इन संस्थाओं को यह सोचना चाहिए कि ऐसा क्यों हो रहा है. कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष के ईडी को लेकर दिए गए बयान को जनभावना का प्रकटीकरण बताते हुए राकेश सिन्हा ने कहा कि ईडी को लेकर अंदेशा पहले भाजपा के नेताओं को क्यों हो जाता है, यह भी बड़ा सवाल है.
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