रांची: झारखंड में महागठबंधन के लिए रांची सीट पर अब भी असमंजस की स्थिति है. प्रदेश कांग्रेस ने आलाकमान को रांची सीट के लिए तय किए गए जिन उम्मीदवारों के नाम सौंपे हैं, उन उम्मीदवारों में भी असमंजस की स्थिति है कि यह सीट कांग्रेस के खाते में आती है या नहीं. हालांकि, 2014 के चुनाव में जेएमएम यहां से दूसरे स्थान पर रहा था. इस लिहाज से रांची सीट जेएमएम के खाते में भी जा सकती है.
विधानसभा चुनाव के लिए महागठबंधन की उलझन अब तक नहीं सुलझ पाई है. इसमें कुछ ऐसी सीटें हैं, जिसमें कांग्रेस और जेएमएम दोनों ही पार्टियां दावेदार हैं, जिसमें रांची सीट भी शामिल है. कांग्रेस का रांची विधानसभा सीट परंपरागत है, इसलिए वो इसे खोना नहीं चाहती है.
इसे भी पढ़ें:- विधानसभा चुनाव 2019: पहले और दूसरे फेज के लिए JVM के उम्मीदवारों की लिस्ट जल्द, मंथन का दौर जारी
जीताऊ कैंडिडेट ही लड़ेगा चुनाव
महागठबंधन में फंस रहे पेंच को लेकर कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता शमशेर आलम ने कहा कि विपक्ष का एकमात्र उद्देश्य है, बीजेपी को राज्य से बेदखल करना. ऐसे में कांग्रेस हो या फिर महागठबंधन के साथी सभी इसपर मंथन कर रहे हैं. उन्होंने कहा है कि कांग्रेस पार्टी जिताऊ कैंडिडेट को ही चुनाव में उतारना चाहती है, चाहे वह किसी भी साथी दल के हो.
रांची सीट से कांग्रेस उम्मीदवारों के लिस्ट में शामिल राजेश गुप्ता छोटू ने दावा किया है कि इस सीट से कांग्रेस ही चुनाव लड़ेगी, लेकिन उम्मीदवार कौन होगा यह आलाकमान तय करेगा. उन्होंने कहा कि रांची सीट कांग्रेस का परंपरागत सीट रहा है. हालांकि, कुछ सालों तक बीजेपी ने यहां कब्जा जरूर जमाया है. राजेश गुप्ता ने बताया कि इस बार जनता को उम्मीद है कि कांग्रेसी ही बीजेपी को रांची सीट पर हरा सकती है.