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झारखंड विधानसभा चुनाव 2019ःबीजेपी और आजसू के बीच बढ़ी दूरियां, लोहरदगा में नीरू करेंगी नामांकन

झारखंड विधानसभा चुनाव को लेकर महागठबंधन के बाद बीजेपी और आजसू गठबंधन में भी कई पेंच फंस रहे हैं. बता दें कि आजसू पार्टी ने विधानसभा चुनाव में 15 से अधिक सीटों की डिमांड एनडीए के सहयोगी के रूप में बीजेपी के आला नेताओं के पास रखी थी. उनमें वैसी सीटें भी शामिल हैं, जिन पर फिलहाल बीजेपी के विधायक हैं.

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Published : Nov 11, 2019, 1:26 PM IST

फाइल फोटो

रांचीः प्रदेश में सत्तारूढ़ बीजेपी के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलने वाली आजसू पार्टी विधानसभा चुनाव में अलग राह अख्तियार कर सकती है. पार्टी सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार सोमवार की शाम आजसू पार्टी के उम्मीदवारों का औपचारिक ऐलान होना है. पार्टी सुप्रीमो सुदेश महतो दो राउंड दिल्ली यात्रा के बाद सोमवार को रांची वापस लौट रहे हैं. अंदरूनी सूत्रों पर यकीन करें तो फिलहाल मामला हुसैनाबाद और लोहरदगा सीट को लेकर अटका हुआ है. इसको लेकर एनडीए में गांठ जस की तस पड़ी है.

देखें पूरी खबर

बता दें कि हुसैनाबाद से बसपा विधायक शिवपूजन मेहता ने हाल में ही आजसू पार्टी का दामन थामा है. दूसरी तरफ लोहरदगा पर 2014 में आजसू के कमल किशोर भगत ने चुनाव जीता था. हालांकि बाद में उस सीट पर उपचुनाव हुआ और सीट कांग्रेस के खाते में गई. इधर सुखदेव भगत ने बीजेपी का दामन थाम लिया है. सोमवार को कमल किशोर भगत की पत्नी नीरू शांति भगत आजसू कैंडिडेट के रूप में अपना नामांकन दाखिल करने जा रही हैं.

ये भी पढ़ें-सोमवार को महागठबंधन प्रत्याशी करेंगे नामांकन, तेजस्वी यादव समेत कई दिग्गज नेता रहेंगे मौजूद

आजसू के अंदरूनी सूत्रों पर यकीन करें तो पार्टी के नेता सोमवार को पहले लोहरदगा जाएंगे और वहां से लौटने के बाद अपने उम्मीदवारों का औपचारिक ऐलान कर देंगे. नाम नहीं छापने की शर्त पर पार्टी के एक केंद्रीय पदाधिकारी ने बताया कि दोपहर बाद बीजेपी अपने बाकी उम्मीदवारों की घोषणा भी कर देगी. इससे यह तस्वीर साफ हो जाएगी कि बीजेपी ने आजसू की बातों का मान रखा है या नहीं. इसके बाद आजसू अपना पता खोलेगी.

दरअसल आजसू पार्टी ने विधानसभा चुनाव में 15 से अधिक सीटों की डिमांड एनडीए के सहयोगी के रूप में बीजेपी के आला नेताओं के पास रखी थी. उनमें वैसी सीटें भी शामिल हैं, जिन पर फिलहाल बीजेपी के विधायक भी हैं. हालांकि दोनों दलों के बीच की कथित खाई को पाटने के लिए बीजेपी के दिल्ली दरबार ने काफी मशक्कत की.

ये भी पढ़ें-पलामू में महागठबंधन ने पुराने दिग्गजों को उतारा चुनावी मैदान में, पांकी से देवेंद्र सिंह के नाम पर लगी मुहर

दो राउंड में हुई बातचीत

बता दें कि एक बार सुदेश महतो बीजेपी नेता और प्रदेश में विधानसभा चुनाव के प्रभारी ओम माथुर से जाकर मिले. दूसरी बार पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व के बुलावे पर दिल्ली गए. दो राउंड की इस बातचीत के बाद फिलहाल कोई नतीजा निकल कर सामने नहीं आया है.

रांचीः प्रदेश में सत्तारूढ़ बीजेपी के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलने वाली आजसू पार्टी विधानसभा चुनाव में अलग राह अख्तियार कर सकती है. पार्टी सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार सोमवार की शाम आजसू पार्टी के उम्मीदवारों का औपचारिक ऐलान होना है. पार्टी सुप्रीमो सुदेश महतो दो राउंड दिल्ली यात्रा के बाद सोमवार को रांची वापस लौट रहे हैं. अंदरूनी सूत्रों पर यकीन करें तो फिलहाल मामला हुसैनाबाद और लोहरदगा सीट को लेकर अटका हुआ है. इसको लेकर एनडीए में गांठ जस की तस पड़ी है.

देखें पूरी खबर

बता दें कि हुसैनाबाद से बसपा विधायक शिवपूजन मेहता ने हाल में ही आजसू पार्टी का दामन थामा है. दूसरी तरफ लोहरदगा पर 2014 में आजसू के कमल किशोर भगत ने चुनाव जीता था. हालांकि बाद में उस सीट पर उपचुनाव हुआ और सीट कांग्रेस के खाते में गई. इधर सुखदेव भगत ने बीजेपी का दामन थाम लिया है. सोमवार को कमल किशोर भगत की पत्नी नीरू शांति भगत आजसू कैंडिडेट के रूप में अपना नामांकन दाखिल करने जा रही हैं.

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आजसू के अंदरूनी सूत्रों पर यकीन करें तो पार्टी के नेता सोमवार को पहले लोहरदगा जाएंगे और वहां से लौटने के बाद अपने उम्मीदवारों का औपचारिक ऐलान कर देंगे. नाम नहीं छापने की शर्त पर पार्टी के एक केंद्रीय पदाधिकारी ने बताया कि दोपहर बाद बीजेपी अपने बाकी उम्मीदवारों की घोषणा भी कर देगी. इससे यह तस्वीर साफ हो जाएगी कि बीजेपी ने आजसू की बातों का मान रखा है या नहीं. इसके बाद आजसू अपना पता खोलेगी.

दरअसल आजसू पार्टी ने विधानसभा चुनाव में 15 से अधिक सीटों की डिमांड एनडीए के सहयोगी के रूप में बीजेपी के आला नेताओं के पास रखी थी. उनमें वैसी सीटें भी शामिल हैं, जिन पर फिलहाल बीजेपी के विधायक भी हैं. हालांकि दोनों दलों के बीच की कथित खाई को पाटने के लिए बीजेपी के दिल्ली दरबार ने काफी मशक्कत की.

ये भी पढ़ें-पलामू में महागठबंधन ने पुराने दिग्गजों को उतारा चुनावी मैदान में, पांकी से देवेंद्र सिंह के नाम पर लगी मुहर

दो राउंड में हुई बातचीत

बता दें कि एक बार सुदेश महतो बीजेपी नेता और प्रदेश में विधानसभा चुनाव के प्रभारी ओम माथुर से जाकर मिले. दूसरी बार पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व के बुलावे पर दिल्ली गए. दो राउंड की इस बातचीत के बाद फिलहाल कोई नतीजा निकल कर सामने नहीं आया है.

Intro:रांची। प्रदेश में सत्तारूढ़ बीजेपी के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलने वाली आजसू पार्टी विधानसभा चुनाव में अलग राह अख्तियार कर सकती हैं। पार्टी सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार सोमवार की शाम आजसू पार्टी के उम्मीदवारों का औपचारिक ऐलान होना है। पार्टी सुप्रीमो सुदेश महतो दो राउंड की दिल्ली यात्रा के बाद सोमवार को रांची वापस लौटे हैं। लेकिन उन्होंने इस बाबत किसी तरह की टिप्पणी करने से इंकार कर दिया। अंदरूनी सूत्रों का यकीन करें तो फिलहाल मामला हुसैनाबाद और लोहरदगा सीट को लेकर अटका हुआ है। इसको लेकर एनडीए गठबंधन में गांठ जस की तस पड़ी है। दरअसल हुसैनाबाद से बसपा विधायक शिवपूजन मेहता ने हाल में ही आजसू पार्टी का दामन थामा है। वही लोहरदगा पर 2014 में आजसू के कमल किशोर भगत ने चुनाव जीता था। हालांकि बाद में उस सीट पर उपचुनाव हुआ और सीट कांग्रेस के खाते में गई इधर सुखदेव भगत ने बीजेपी का दामन थाम लिया है। वहीं सोमवार को कमल किशोर भगत की पत्नी नीरू शांति भगत सोमवार को आजसू कैंडिडेट के रूप में अपना नामांकन दाखिल करने जा रही हैं।


Body:आजसू के अंदरूनी सूत्रों का यकीन करें तो पार्टी के नेता सोमवार को पहले लोहरदगा जाएंगे और वहां से लौटने के बाद अपने उम्मीदवारों का औपचारिक ऐलान कर देंगे। नाम नहीं छापने की शर्त पर पार्टी के एक केंद्रीय पदाधिकारी ने बताया कि दोपहर बाद बीजेपी अपने बाकी उम्मीदवारों की घोषणा कर देगी। उससे यह तस्वीर साफ हो जाएगी के बीजेपी ने आजसू की बातों का मान रखा है या नहीं। उसके बाद आजसू अपना पता खोलेगी। दरअसल आजसू पार्टी ने विधानसभा चुनाव में 15 से अधिक सीटों की डिमांड एनडीए गठबंधन के सहयोगी के रूप में बीजेपी के आला नेताओं के पास रखी थी। उनमें वैसी सीटें शामिल हैं जिन पर फिलहाल बीजेपी के विधायक भी हैं। हालांकि दोनों दलों के बीच की कथित खाई को पाटने के लिए बीजेपी के दिल्ली दरबार ने काफी मशक्कत की।


Conclusion:एक बार सुदेश महतो बीजेपी नेता और प्रदेश में विधानसभा चुनाव के प्रभारी ओम माथुर से जाकर मिले। वहीं दूसरी बार पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व के बुलावे पर दिल्ली गए। दो राउंड कि इस बातचीत के बाद फिलहाल कोई नतीजा निकल कर सामने नहीं आया है।
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