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कैसे होगा खेल में झारखंड का नाम रोशन, शूटिंग रेंज को चाट रहा है दीमक

झारखंड में खेल के विकास के सरकार के दावे सिर्फ कोरी बातें ही नजर आ रही है. सरकार एक ओर खेल के विकास की बातें कर रही है तो वहीं दूसरी ओर स्पोर्ट्स स्टेडियम की अनदेखी कर रही है. इस अनदेखी के कारण रांची के अंतरराष्ट्रीय स्तर के स्टेडियम की ही हालत इतनी बदतर हो चुकी है कि स्टेडियम में जरूरत के इक्विपमेंट तक को घुन चाट रहे हैं.

बदहाल हालत में है खेल गांव का शूटिंग रेंज
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Published : Aug 3, 2019, 5:41 PM IST

Updated : Aug 17, 2019, 8:44 PM IST

रांची: एक तरफ राज्य सरकार खेल के क्षेत्र में राज्य को बढ़ावा देने की बात कर रही है तो वहीं दूसरी तरफ खेल के स्टेडियम की हालत की ओर सरकार का ध्यान ही नहीं है. आलम यह है कि करोड़ों की लागत से बनाए गए राजधानी रांची के खेल गांव स्थित मेगा स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स के शूटिंग स्टेडियम में जरूरत के इक्विपमेंट तक को घुन चाट रहे हैं.

देखें पूरी खबर


दुर्दशा का आलम
करोड़ों की लागत से बना यहां का ट्रैप शूटिंग रेंज पूरी तरह बदहाल हो चुका है. बेशकीमती इक्विपमेंट को दीमक चाट रहे हैं. खिड़कियों के शीशे टूट गए हैं और तो और रेंज की सिक्योरिटी की व्यवस्था भी नहीं है.


नहीं मिलता मेजबानी का मौका
नेशनल गेम्स के आयोजन के बाद इस शूटिंग रेंज को राष्ट्रीय स्तर के एक भी टूर्नामेंट की मेजबानी का मौका नहीं मिला है. उल्टे कई अंतरराष्ट्रीय स्तर के शूटिंग चैंपियनशिप रद्द हो चुके हैं.


क्या कहते हैं खेल निदेशक और खिलाड़ी
इस मामले को लेकर खेल निदेशक अनिल कुमार सिंह का कहना है कि जल्द ही डीपीआर तैयार कर इस दिशा में पहल की जाएगी. सीसीएल को मेंटेनेंस का जिम्मा सौंपा गया था. लेकिन सीसीएल की उदासीनता के कारण इसकी ऐसी स्थिति बनी है. वहीं खिलाड़ियों ने जल्द से जल्द शूटिंग रेंज को दुरुस्त करने की मांग की है.


सीसीएल के भरोसे है मेंटेनेंस की जिम्मेदारी
खेल गांव के मेंटेनेंस की जिम्मेदारी सीसीएल को दी गई है, लेकिन न सरकार का ही न ही सीसीएल इसपर ध्यान दे रही है. ऐसे में झारखंड में सरकार के खेल और खिलाड़ियों के विकास के दावे सिर्फ कोरे दावे ही नजर आ रहे हैं.

रांची: एक तरफ राज्य सरकार खेल के क्षेत्र में राज्य को बढ़ावा देने की बात कर रही है तो वहीं दूसरी तरफ खेल के स्टेडियम की हालत की ओर सरकार का ध्यान ही नहीं है. आलम यह है कि करोड़ों की लागत से बनाए गए राजधानी रांची के खेल गांव स्थित मेगा स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स के शूटिंग स्टेडियम में जरूरत के इक्विपमेंट तक को घुन चाट रहे हैं.

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दुर्दशा का आलम
करोड़ों की लागत से बना यहां का ट्रैप शूटिंग रेंज पूरी तरह बदहाल हो चुका है. बेशकीमती इक्विपमेंट को दीमक चाट रहे हैं. खिड़कियों के शीशे टूट गए हैं और तो और रेंज की सिक्योरिटी की व्यवस्था भी नहीं है.


नहीं मिलता मेजबानी का मौका
नेशनल गेम्स के आयोजन के बाद इस शूटिंग रेंज को राष्ट्रीय स्तर के एक भी टूर्नामेंट की मेजबानी का मौका नहीं मिला है. उल्टे कई अंतरराष्ट्रीय स्तर के शूटिंग चैंपियनशिप रद्द हो चुके हैं.


क्या कहते हैं खेल निदेशक और खिलाड़ी
इस मामले को लेकर खेल निदेशक अनिल कुमार सिंह का कहना है कि जल्द ही डीपीआर तैयार कर इस दिशा में पहल की जाएगी. सीसीएल को मेंटेनेंस का जिम्मा सौंपा गया था. लेकिन सीसीएल की उदासीनता के कारण इसकी ऐसी स्थिति बनी है. वहीं खिलाड़ियों ने जल्द से जल्द शूटिंग रेंज को दुरुस्त करने की मांग की है.


सीसीएल के भरोसे है मेंटेनेंस की जिम्मेदारी
खेल गांव के मेंटेनेंस की जिम्मेदारी सीसीएल को दी गई है, लेकिन न सरकार का ही न ही सीसीएल इसपर ध्यान दे रही है. ऐसे में झारखंड में सरकार के खेल और खिलाड़ियों के विकास के दावे सिर्फ कोरे दावे ही नजर आ रहे हैं.

Intro:डे प्लान स्पेसल।


रांची।


एक तरफ राज्य सरकार के खेल विभाग स्टेट में स्पोर्ट्स को बढ़ावा देने की बात करती है तो वहीं दूसरी तरफ खेल के स्टेडियम की हालत पर उनका ध्यान नहीं जाता है .करोड़ों की लागत से बनाए गए राजधानी रांची के खेल गांव स्थित मेगा स्पोर्ट्स कांप्लेक्स की शूटिंग स्टेडियम के इक्विपमेंट की हालत काफी खराब है .शूटिंग में जरूरत होने वाले इक्विपमेंट को घुन चाट रहा है .लेकिन इस ओर विभाग का ध्यान नहीं है .सीसीएल के भरोसे मेंटेनेंस का जिम्मा छोड़ दिया गया है .लेकिन सीसीएल भी इस शूटिंग रेंज के बदहाली को लेकर कम जिम्मेदार नहीं है.


Body:यह राजधानी रांची के अंतरराष्ट्रीय स्तर का शहीद टिकैत उरांव शूटिंग रेंज .करोड़ों की लागत से बनाए गए यह शूटिंग रेंज बदहाली का रोना रोने को मजबूर है .अब इसकी स्थिति ऐसी नहीं बची है कि प्लेयर इस रेंज का इस्तेमाल कर सके .करोड़ों की लागत से बना ट्रैप शूटिंग रेंज तो पूरी तरह बदहाल हो चुका है. खिलाड़ी यहां हर दिन प्रैक्टिस के लिए भी आते हैं. कई अंतरराष्ट्रीय स्तर के शूटिंग चैंपियनशिप इसलिए रद्द कर दिया गया कि यह अंतरराष्ट्रीय शूटिंग रेंज पूरी तरह खराब हो चुका है. बेशकीमती इक्विपमेंट को दीमक चाट रहा है. स्पेशल रेंज की स्थिति और भी खराब है .शूटिंग के यूज़ होने वाले मशीनरी सामान खराब हो रहे हैं .खिड़कियों के शीशे टूट रहे है.रेंज की सिक्योरिटी पर भी सरकार का कोई ध्यान नहीं है .नेशनल गेम्स के आयोजन के बाद इस शूटिंग रेंज में फिलहाल राष्ट्रीय स्तर के एक भी टूर्नामेंट की मेजबानी का मौका नहीं मिला है.कारण है शूटिंग रेंज की बदहाली.

डीपीआर तैयार:

इस मामले को लेकर हमारी टीम ने खेल निदेशक अनिल कुमार सिंह से भी बात की उनका कहना है कि जल्द ही डीपीआर तैयार कर इस दिशा में पहल की जाएगी .सीसीएल को मेंटेनेंस का जिम्मा सौंपा गया था. लेकिन सीसीएल की उदासीनता के कारण इसकी ऐसी स्थिति बनी है.वहीं खिलाड़ियों ने जल्द से जल्द शूटिंग रेंज को दुरुस्त करने की मांग की है.


Conclusion:कैसे होगा खेल का विकास कैसे मिलेगा स्पोर्ट्स को बढ़ावा जब करोड़ों की लागत से बने इस तरह के अंतरराष्ट्रीय स्तर के स्टेडियम को ही संजोत के रखने में विभाग नाकाम साबित हो रही है. तो आप अंदाजा लगा सकते हैं कि झारखंड में खेल-खिलाड़ी और स्टेडियम की क्या हालत है.


बाइट-अनिल कुमार सिंह,खेल निदेशक

बाइट-खिलाड़ी, शूटिंग।
Last Updated : Aug 17, 2019, 8:44 PM IST
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