रांचीः राज्य के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल राजेंद्र इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेस (रिम्स) के शवगृह का ज्यादातर डीप फ्रीजर खराब है. इसका खुलासा बुधवार को बिहार से आये समाजसेवी विकास चंद्र उर्फ गुड्डू बाबा ने किया. बता दें कि रिम्स में एक साथ 50 शवों को सुरक्षित रखने की क्षमता वाले शव गृह बनाया गया है, जहां गुड्डू बाबा औचक निरीक्षण करने पहुंच गए.
यह भी पढ़ेंः RIMS Ambulance Workers Facing Trouble: रिम्स में घंटों तक नहीं मिलता स्ट्रेचर और बेड, 108 एंबुलेंसकर्मी परेशान
निरीक्षण के दौरान गुड्डू बाबा ने देखा कि शवगृह में रखा 24 डेड बॉडी में से 22 डेड बॉडी सुरक्षित नहीं है. यह शव सड़ रहा है.
गुड्डू बाबा ने कहा यह गंभीर अपराध है. रिम्स शवगृह की खराब स्थिति से सुप्रीम कोर्ट को अवगत करायेंगे. इसको लेकर काफी साक्ष्य इकट्ठा किया है.
रिम्स में राज्य भर से लावारिश लाशों को सुरक्षित रखने के लिए भेजा जाता है. शवगृह में 24 लावारिश शव रखे गए है. इनमें सिर्फ डीप फ्रीजर बॉक्स नंबर 37 और 38 में रखा शव ही सुरक्षित था. बाकी डीप फ्रीजर बंद पड़ा है और उसमें रखा शव अंतिम संस्कार से पहले ही सड़ चुका था. गुड्डू बाबा ने कहा कि साल 2017 में रिम्स आये थे, तब से आज तक यहां की व्यवस्था में कोई सुधार नहीं हुआ है, बल्कि और बदतर हुई है.
गुड्डू बाबा ने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय में देशभर के सरकारी अस्पतालों के शवगृह की स्थिति पर रिट पिटीशन 163/2012 दायर की थी. इस पिटीशन पर साल 2018 में सर्वोच्च न्यायालय ने गाइडलाइन जारी किया था. इसके बाद देशभर में शवगृह में सुधार हुआ. लेकिन रिम्स की स्थिति शर्मनाक है. उन्होने कहा कि रिम्स की स्थिति से सर्वोच्च न्यायालय को अवगत कराएंगे.
रिम्स के उपाधीक्षक डॉ टी शैलेश ने कहा कि शवगृह को बेहतर बनाने को लेकर लगातार कोशिश की जा रही है. ट्रॉमा सेंटर में भी शव को सुरक्षित रखने के लिए मर्चरी की व्यवस्था के लिए प्रस्ताव भेजा गया है. उन्होंने कहा कि मर्चरी के खराब पड़े डीप फ्रीजर को जल्द ठीक कराया जाएगा और पुराने शवगृह को दुरुस्त किया जाएगा.