रांचीः लगभग 6 करोड़ रुपए की लागत से बरियातू बालिका उच्च विद्यालय परिसर में एस्ट्रोटर्फ का निर्माण करवाया गया है. 3 माह पहले इस स्टेडियम के निर्माण का काम लगभग पूरा हो चुका था. खेल विभाग का दावा है कि खेल दिवस के दिन इस स्टेडियम को खिलाड़ियों को सौंप दिया जाएगा.
ईटीवी भारत की टीम ने इसकी पड़ताल की. इसके बाद मिली जानकारी के अनुसार इसमें अब तक लाइट का काम पूरा नहीं हुआ है. वहीं, बिजली की कोई व्यवस्था नहीं है. टर्फ को गीला रखने के लिए यहां पानी की व्यवस्था भी नहीं है. झारखंड को हॉकी खिलाड़ियों का हब माना जाता है. यहां के हॉकी खिलाड़ी देश में परचम लहरा रहे हैं. वहीं, हॉकी की बेहतरी के लिए यहां केंद्र से लेकर राज्य सरकार के खेल विभाग भी लगातार प्रयासरत हैं, लेकिन कुछ अधिकारियों की सुस्ती के कारण कई योजनाएं धरातल पर उतारने के लिए विभाग को काफी मशक्कत करनी पड़ रही है.
दरअसल 6 करोड़ से अधिक रुपए की लागत से राजधानी के बरियातू बालिका उच्च विद्यालय परिसर में एक वर्ल्ड लेवल का हॉकी स्टेडियम का निर्माण करवाया गया है. जिससे राज्य के हॉकी खिलाड़ियों को इसका फायदा मिल सके और सपाट मैदान की जगह, एक बेहतरीन टर्फ पर अपना खेल निखार सके. निर्माण के 3 माह के बाद भी इस हॉकी स्टेडियम को अब तक हैंडओवर नहीं किया जा सका है. वह भी कुछ छोटे-छोटे कारणों की वजह से.
गौरतलब है कि हॉकी से जुड़े बड़े आयोजनों को लेकर फ्रांस से प्रमाण पत्र लेना जरूरी होता है. जो अब तक अटका पड़ा है. मूलभूत सुविधाओं की बात करें तो इस स्टेडियम में अब तक बिजली की व्यवस्था नहीं की गई है. हाई मास्क लाइट अब तक नहीं लगे हैं. इसके अलावा टर्फ को गीला रखने के लिए पानी की व्यवस्था भी मुकम्मल नहीं हो सकी है.
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इस मामले को लेकर हमारी टीम ने जब खेल निदेशक अनिल कुमार सिंह से बात की तो उन्होंने कहा कि विभाग प्रमाण पत्र लेने के प्रयास कर रहा है. बिजली और पानी की व्यवस्था भी जल्द हो जाएगी. हालांकि पानी को रीसाइक्लिंग कर दोबारा उसका उपयोग किया जा सके. इस दिशा में विभाग प्रयासरत है. वह भी काम पूरा हो जाने के बाद इस स्टेडियम को हैंडओवर ले लिया जाएगा और खिलाड़ियों को सौंप दिया जाएगा.