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उद्घाटन के इंतजार में रांची का हॉकी स्टेडियम, कई काम अभी हैं अधूरे - हॉकी खिलाड़ियों का हब

रांची के बरियातू बालिका उच्च विद्यालय परिसर में एस्ट्रोटर्फ के निर्माण के 3 माह बाद भी इसे अबतक हैंडओवर नहीं किया गया है. वहीं, पानी और बिजली की व्यवस्था न होने के कारण इसे खेल दिवस पर खिलाड़ियों को सौंपने की बात की जा रही है. खेल विभाग की लापरवाही के कारण इसे अब तक उपयोग में नहीं लाया जा सका है.

एस्ट्रोटर्फ हॉकी स्टेडियम का फाइल फोटो
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Published : Aug 18, 2019, 3:19 PM IST

रांचीः लगभग 6 करोड़ रुपए की लागत से बरियातू बालिका उच्च विद्यालय परिसर में एस्ट्रोटर्फ का निर्माण करवाया गया है. 3 माह पहले इस स्टेडियम के निर्माण का काम लगभग पूरा हो चुका था. खेल विभाग का दावा है कि खेल दिवस के दिन इस स्टेडियम को खिलाड़ियों को सौंप दिया जाएगा.

देखें पूरी खबर

ईटीवी भारत की टीम ने इसकी पड़ताल की. इसके बाद मिली जानकारी के अनुसार इसमें अब तक लाइट का काम पूरा नहीं हुआ है. वहीं, बिजली की कोई व्यवस्था नहीं है. टर्फ को गीला रखने के लिए यहां पानी की व्यवस्था भी नहीं है. झारखंड को हॉकी खिलाड़ियों का हब माना जाता है. यहां के हॉकी खिलाड़ी देश में परचम लहरा रहे हैं. वहीं, हॉकी की बेहतरी के लिए यहां केंद्र से लेकर राज्य सरकार के खेल विभाग भी लगातार प्रयासरत हैं, लेकिन कुछ अधिकारियों की सुस्ती के कारण कई योजनाएं धरातल पर उतारने के लिए विभाग को काफी मशक्कत करनी पड़ रही है.

दरअसल 6 करोड़ से अधिक रुपए की लागत से राजधानी के बरियातू बालिका उच्च विद्यालय परिसर में एक वर्ल्ड लेवल का हॉकी स्टेडियम का निर्माण करवाया गया है. जिससे राज्य के हॉकी खिलाड़ियों को इसका फायदा मिल सके और सपाट मैदान की जगह, एक बेहतरीन टर्फ पर अपना खेल निखार सके. निर्माण के 3 माह के बाद भी इस हॉकी स्टेडियम को अब तक हैंडओवर नहीं किया जा सका है. वह भी कुछ छोटे-छोटे कारणों की वजह से.

गौरतलब है कि हॉकी से जुड़े बड़े आयोजनों को लेकर फ्रांस से प्रमाण पत्र लेना जरूरी होता है. जो अब तक अटका पड़ा है. मूलभूत सुविधाओं की बात करें तो इस स्टेडियम में अब तक बिजली की व्यवस्था नहीं की गई है. हाई मास्क लाइट अब तक नहीं लगे हैं. इसके अलावा टर्फ को गीला रखने के लिए पानी की व्यवस्था भी मुकम्मल नहीं हो सकी है.

ये भी पढ़ें- जम्मू-कश्मीर में लगी पाबंदियों में आई ढील, 2g नेटवर्क हुआ चालू

इस मामले को लेकर हमारी टीम ने जब खेल निदेशक अनिल कुमार सिंह से बात की तो उन्होंने कहा कि विभाग प्रमाण पत्र लेने के प्रयास कर रहा है. बिजली और पानी की व्यवस्था भी जल्द हो जाएगी. हालांकि पानी को रीसाइक्लिंग कर दोबारा उसका उपयोग किया जा सके. इस दिशा में विभाग प्रयासरत है. वह भी काम पूरा हो जाने के बाद इस स्टेडियम को हैंडओवर ले लिया जाएगा और खिलाड़ियों को सौंप दिया जाएगा.

रांचीः लगभग 6 करोड़ रुपए की लागत से बरियातू बालिका उच्च विद्यालय परिसर में एस्ट्रोटर्फ का निर्माण करवाया गया है. 3 माह पहले इस स्टेडियम के निर्माण का काम लगभग पूरा हो चुका था. खेल विभाग का दावा है कि खेल दिवस के दिन इस स्टेडियम को खिलाड़ियों को सौंप दिया जाएगा.

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ईटीवी भारत की टीम ने इसकी पड़ताल की. इसके बाद मिली जानकारी के अनुसार इसमें अब तक लाइट का काम पूरा नहीं हुआ है. वहीं, बिजली की कोई व्यवस्था नहीं है. टर्फ को गीला रखने के लिए यहां पानी की व्यवस्था भी नहीं है. झारखंड को हॉकी खिलाड़ियों का हब माना जाता है. यहां के हॉकी खिलाड़ी देश में परचम लहरा रहे हैं. वहीं, हॉकी की बेहतरी के लिए यहां केंद्र से लेकर राज्य सरकार के खेल विभाग भी लगातार प्रयासरत हैं, लेकिन कुछ अधिकारियों की सुस्ती के कारण कई योजनाएं धरातल पर उतारने के लिए विभाग को काफी मशक्कत करनी पड़ रही है.

दरअसल 6 करोड़ से अधिक रुपए की लागत से राजधानी के बरियातू बालिका उच्च विद्यालय परिसर में एक वर्ल्ड लेवल का हॉकी स्टेडियम का निर्माण करवाया गया है. जिससे राज्य के हॉकी खिलाड़ियों को इसका फायदा मिल सके और सपाट मैदान की जगह, एक बेहतरीन टर्फ पर अपना खेल निखार सके. निर्माण के 3 माह के बाद भी इस हॉकी स्टेडियम को अब तक हैंडओवर नहीं किया जा सका है. वह भी कुछ छोटे-छोटे कारणों की वजह से.

गौरतलब है कि हॉकी से जुड़े बड़े आयोजनों को लेकर फ्रांस से प्रमाण पत्र लेना जरूरी होता है. जो अब तक अटका पड़ा है. मूलभूत सुविधाओं की बात करें तो इस स्टेडियम में अब तक बिजली की व्यवस्था नहीं की गई है. हाई मास्क लाइट अब तक नहीं लगे हैं. इसके अलावा टर्फ को गीला रखने के लिए पानी की व्यवस्था भी मुकम्मल नहीं हो सकी है.

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इस मामले को लेकर हमारी टीम ने जब खेल निदेशक अनिल कुमार सिंह से बात की तो उन्होंने कहा कि विभाग प्रमाण पत्र लेने के प्रयास कर रहा है. बिजली और पानी की व्यवस्था भी जल्द हो जाएगी. हालांकि पानी को रीसाइक्लिंग कर दोबारा उसका उपयोग किया जा सके. इस दिशा में विभाग प्रयासरत है. वह भी काम पूरा हो जाने के बाद इस स्टेडियम को हैंडओवर ले लिया जाएगा और खिलाड़ियों को सौंप दिया जाएगा.

Intro:डे प्लान.... रांची। लगभग 6 करोड रुपए की लागत से बरियातू बालिका उच्च विद्यालय परिसर में एस्ट्रोटर्फ का निर्माण करवाया गया है. तीन माह पहले इस स्टेडियम का निर्माण कार्य लगभग पूरा हो चुका था. लेकिन अब तक इस हॉकी स्टेडियम को हैंडोवर नहीं लिया जा सका है.ईटीवी भारत की टीम ने पड़ताल कर इस स्टेडियम के संबंध में कई जानकारियां इकट्ठा की है .इसमें अब तक लाइट का काम पूरा नहीं हुआ है .वहीं बिजली की कोई व्यवस्था नहीं है. साथ ही टर्फ को गीला रखने के लिए यहां पानी की व्यवस्था भी नहीं है .हालांकि खेल विभाग का दावा है कि खेल दिवस के दिन इस स्टेडियम को खिलाड़ियों को सौंप दिया जाएगा.


Body:झारखंड को हॉकी खिलाड़ियों का हब माना जाता है .यहां के हॉकी खिलाड़ी देश में परचम लहरा रहे हैं .वहीं हॉकी के बेहतरी के लिए यहां केंद्र से लेकर राज्य सरकार के खेल विभाग भी लगातार प्रयासरत है .लेकिन कुछ अधिकारियों के सुस्ती के कारण कई योजनाएं धरातल पर उतारने को लेकर विभाग को एड़ी चोटी एक करना पड़ रहा है. दरअसल 6 करोड़ से अधिक रुपए की लागत से राजधानी रांची में बरियातू बालिका उच्च विद्यालय परिसर में एक वर्ल्ड लेवल का हॉकी स्टेडियम का निर्माण करवाया गया है .ताकि राज्य के हॉकी खिलाड़ियों को इसका फायदा मिल सके और सपाट मैदान की जगह वह एक बेहतरीन टर्फ में अपने खेल को निखार सके .लेकिन 3 माह से अधिक निर्माण हुए इस हॉकी स्टेडियम को अब तक हैंडोवर नहीं लिया जा सका है .वह भी कुछ छोटे-छोटे कारणों की वजह से. गौरतलब है कि हॉकी से जुड़े बड़े आयोजनों को लेकर फ्रांस से प्रमाण पत्र लेना जरूरी होता है. जो अब तक अटका पड़ा है. मूलभूत सुविधाओं की बात करें तो इस स्टेडियम में अब तक बिजली की व्यवस्था नहीं की गई है. हाई मास्क लाइट अब तक नहीं लगी है .इसके अलावा टर्फ को गिला रखने के लिए पानी की व्यवस्था भी मुकम्मल नहीं हो सकी है . इस मामले को लेकर हमारी टीम ने जब खेल निदेशक अनिल कुमार सिंह से बात की तो उन्होंने कहा कि विभाग द्वारा प्रमाण पत्र लेने को लेकर प्रयास किए जा रहे हैं .बिजली और पानी की व्यवस्था भी जल्द हो जाएगी .हालांकि पानी को रीसाइक्लिंग कर दोबारा उसका यूज़ किया जा सके इस दिशा में विभाग प्रयासरत है. वह भी काम पूरा हो जाने के बाद इस स्टेडियम को हैंडोवर ले लिया जाएगा और खिलाड़ियों को सौंप दिया जाएगा.


Conclusion:खेल विभाग कितना भी दावा कर ले कि वह खेल दिवस तक इस स्टेडियम को खिलाड़ियों को सौंप देगी लेकिन इस एस्ट्रो टर्फ की स्थिति देखकर ऐसा नहीं लगता है कि यह संभव हो पाएगा क्योंकि अभी भी कई काम बाकी है ऐसे में आनन-फानन में अगर इस स्टेडियम का उद्घाटन हो भी जाता है तो खिलाड़ियों को कई परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। बाइट-अनिल कुमार सिंह,खेल निदेशक।
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