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सचिवालय घेरने में भाजपा रही विफल, सिर्फ युवाओं ने खाई लाठी, रणक्षेत्र बना धुर्वा गोलचक्कर इलाका, पढ़िए आंखों देखी रिपोर्ट - बीजेपी कार्यकर्ताओं पर लाठीचार्ज

बीजेपी झारखंड सचिवालय घेरने में विफल रही. इस कार्यक्रम के दौरान पूरा धुर्वा रणक्षेत्र बन गया, पुलिस ने लाठीचार्ज किया जिसमें कई लोग घायल हो गए.

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Published : Apr 11, 2023, 9:44 PM IST

रांची: हेमंत हटाओ, झारखंड बचाओ के स्लोगन के साथ सचिवालय घेरने की भाजपा की कोशिश पूरी नहीं हो सकी. युवा कार्यकर्ताओं ने बैरिकेडिंग तोड़ने की हिम्मत जरूर दिखायी. रांची के सांसद संजय सेठ, राज्यसभा सांसद समीर उरांव और बोकारो के विधायक बिरंची नारायण समेत कुछ युवा बैरिकेडिंग को लांघने में सफल रहे लेकिन पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया.

ये भी पढ़ें- Lathicharge on BJP Workers: पुलिस पर बोतल और पत्थरों की बौछार, उसके बाद क्या हुआ हाल, देखें VIDEO

पुलिस और भाजपा कार्यकर्ताओं में भिड़ंत: 12 बजे तक प्रभात तारा मैदान खाली नजर आ रहा था. अचानक 1 बजते-बजते कई बसों से भाजपा कार्यकर्ता मैदान में आ पहुंचे. उनका आरोप था कि जगह-जगह पुलिस रोक रही थी. भीड़ को मोबिलाइज होते-होते करीब दो बज गये. घोषणा हुई कि बैरिकेडिंग तोड़ते हुए सचिवालय तक पहुंचना है. नेतागण मंच से उतरे. हाथों में कमल छाप वाला झंडा पकड़े कार्यकर्ता पीछे-पीछे चलने लगे. प्रभात तारा मैदान से करीब एक किमी की दूरी पर सचिवालय गोलंबर से करीब पांच सौ मीटर पहले एक बैरिकेडिंग की गई थी. लेकिन भीड़ को पुलिस नहीं रोक पाई. हल्की धक्का मुक्की के बाद कार्यकर्ता गोलंबर चौक पर पहुंच गये.

बैरिकेडिंग की दूसरी तरफ मजिस्ट्रेट अनाउंस कर रहे थे कि यहां धारा 144 लागू है. कोई भी बैरिकेडिंग पार करेगा तो गिरफ्तारी होगी. चंद कार्यकर्ता बैरिकेडिंग पर चढ़ गये. माहौल बिगड़ने लगा. पुलिस ने पहले वाटर कैनन का इस्तेमाल किया. युवा कार्यकर्ताओं के पीछ हो चुके बाबूलाल मरांडी, दीपक प्रकाश और निशिकांत दूबे पूरी तरह भींग गये. थोड़ी देर वहीं सड़क पर बैठने के बाद सभी बड़े नेता गोलचक्कर मैदान में बने मंच पर चले गये और कार्यकर्ता पुलिस से जूझते रहे. भाजपा कार्यकर्ताओं की ओर से पानी के बोतल फेंके गये. शुरूआती सख्ती के दौरान दो-एक पत्थर भी आकर वज्रवाहनों से टकराए. जब लाठीचार्ज हुआ तो जमकर पुलिस पर पत्थरबाजी हुई. इस दौरान रघुवर दास कार्यकर्ताओं से संयम बरतने की अपील करते रहे. कार्यक्रम का समापन भाषण के दौरान प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश की आवाज बैठ चुकी थी. उन्होंने कार्यक्रम को सफल बताया. कार्यकर्ताओं से कहा कि यह तो शुरूआत है.

ये भी पढ़ें- 2024 की तैयारी: बीजेपी ने रांची में भरी हुंकार, संथाल साधने में लगे रहे सीएम हेमंत सोरेन

पत्थर और पानी की बोतलें फेंकीं गयीं: पुलिस और रैफ के जवानों ने पूरा संयम दिखाया. पथराव में कुछ पुलिसकर्मियों को चोट लगने के बाद लाठीचार्ज किया गया. आंसू गैस के गोले दागे गये. थोड़ी ही देर में भीड़ छंट गयी. लेकिन फिर कार्यकर्ता जमा हो गये. इस दौरान गोलबंर चौक के पास बने मंच से भाजपा के तमाम बड़े नेता कार्यकर्ताओं को संबोधित करते रहे. इसी बीच कार्यकर्ताओं ने दोबारा बैरिकेडिंग तोड़ना चाहा. लेकिन इस बार पुलिस अलग मूड में थी. जमकर लाठी चली. कई कार्यकर्ता घायल हुए. कुछ पत्रकार भी चोटिल हुए. पारस अस्पताल की एंबुलेंस से कई कार्यकर्ताओं को भेजा गया.

क्या कुछ हुआ प्रभात तारा मैदान में: दरअसल, प्रदेश भाजपा ने हेमंत हटाओ, झारखंड बचाओ के नारे के साथ रांची के प्रभात तारा मैदान में महाजुटान कर सचिवालय घेरने का ऐलान कर रखा था. सुबह से ही भाजपा के कार्यकर्ता अलग-अलग जिलों से जुटने लगे थे. तैयारी पूरी थी. मैदान में ही कार्यकर्ताओं को नाश्ता कराया गया. फिर मंच पर नेतागण पहुंचने लगे. एक मंच बना था. उसपर प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश, प्रदेश प्रभारी लक्ष्मीकांत वाजपेयी, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रघुवर दास के अलावा प्रदेश भाजपा विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी, केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा, केंद्रीय राज्य मंत्री अन्नपूर्णा देवी समेत झारखंड के सभी भाजपा सांसद और कई विधायक मौजूद थे. जयंत सिन्हा समेत कई नेता अपने समर्थकों के साथ कार में सवार होकर मंच तक पहुंचे. इस दौरान नेताओं के भाषणों का दौर चलता रहा. शेरो-शायरी भी हुई. कार्यकर्ताओं से अपील की गई कि बैरिकेडिंग को तोड़ देना है. बता देना है कि हेमंत सरकार से जनता त्रस्त हो गई है. कई नेताओं ने कहा कि मुख्यमंत्री इस कदर डर गये हैं कि रांची छोड़कर संथाल में जा बैठे हैं.

ये भी पढ़ें- Jharkhand Politics: 2024 से पहले ही चुनावी रंग में रंगी बीजेपी, निशिकांत ने कहा- भाजपा की तैयारी देख रण छोड़कर भाग गए हेमंत सोरेन

सांसद की घोषणा रह गयी अधूरी: प्रभात तारा मैदान में जमा भाजपा नेताओं ने राज्य सरकार को हर मोर्चे पर फेल बताया. भरोसा दिलाया गया कि अब यह सरकार कभी सत्ता में नहीं आएगी. इस दौरान गोड्डा से भाजपा सांसद ने कार्यकर्ताओं से कहा कि अगर आप सचिवालय में घुस जाते हैं तो आने वाले दिनों में लोकायुक्त में सुनवाई के दौरान सोरेन परिवार जेल में होगा. उन्होंने यहां तक कह दिया कि अगर आप सचिवालय में घुस जाते हैं तो चुनाव आयोग पर इतना दवाब बनाएंगे कि झारखंड में लोकसभा चुनाव के साथ विधानसभा का चुनाव हो जाएगा. निशिकांत दूबे के इस बयान की पत्रकार खेमें खूब चर्चा हुई.

बहुत लोग सचिवालय घेराव से थे अंजान: प्रभात तारा मैदान में जब भाजपा कार्यकर्ताओं का जुटान हो रहा था तो ईटीवी भारत की टीम ने कुछ लोगों से बात की. कई महिलाएं ऐसी थीं जो शिकारीपाड़ा और गोड्डा से आई थीं. उनसे प्रभात तारा मैदान आने का कारण पूछा गया तो उनका सीधा जवाब था कि मोदी जी के लिए आये हैं. मीटिंग है. भाषण सुनना है. उन्हें नहीं मालूम था कि सचिवालय भी घेरना है.

कितने लोग जुटे थे मैदान में: प्रभात तारा मैदान में कितने कार्यकर्ता पहुंचे थे. इस सवाल का कोई सटिक जवाब नहीं मिला. भाजपा के ही कुछ नेताओं ने कहा कि पचास हजार की भीड़ जमा है. कुछ ने तो यहां तक कह दिया कि 2 लाख से ज्यादा लोग जमा हुए हैं. पत्रकारों ने आंकलन कर बताया कि ज्यादा से ज्यादा 20 हजार की भीड़ होगी. पुलिस के लोगों ने कहा कि ज्यादा से ज्यादा सात से आठ हजार लोग होंगे. लेकिन एक बात साफ है कि मैदान में जितने लोग थे, अगर वे सभी बैरिकेडिंग तोड़ने पहुंचते तो पुलिस नहीं संभाल पाती. कुल मिलाकर कहें तो भाजपा ने अपनी शक्ति देखायी तो सरकार ने सख्ती और संयम.

रांची: हेमंत हटाओ, झारखंड बचाओ के स्लोगन के साथ सचिवालय घेरने की भाजपा की कोशिश पूरी नहीं हो सकी. युवा कार्यकर्ताओं ने बैरिकेडिंग तोड़ने की हिम्मत जरूर दिखायी. रांची के सांसद संजय सेठ, राज्यसभा सांसद समीर उरांव और बोकारो के विधायक बिरंची नारायण समेत कुछ युवा बैरिकेडिंग को लांघने में सफल रहे लेकिन पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया.

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पुलिस और भाजपा कार्यकर्ताओं में भिड़ंत: 12 बजे तक प्रभात तारा मैदान खाली नजर आ रहा था. अचानक 1 बजते-बजते कई बसों से भाजपा कार्यकर्ता मैदान में आ पहुंचे. उनका आरोप था कि जगह-जगह पुलिस रोक रही थी. भीड़ को मोबिलाइज होते-होते करीब दो बज गये. घोषणा हुई कि बैरिकेडिंग तोड़ते हुए सचिवालय तक पहुंचना है. नेतागण मंच से उतरे. हाथों में कमल छाप वाला झंडा पकड़े कार्यकर्ता पीछे-पीछे चलने लगे. प्रभात तारा मैदान से करीब एक किमी की दूरी पर सचिवालय गोलंबर से करीब पांच सौ मीटर पहले एक बैरिकेडिंग की गई थी. लेकिन भीड़ को पुलिस नहीं रोक पाई. हल्की धक्का मुक्की के बाद कार्यकर्ता गोलंबर चौक पर पहुंच गये.

बैरिकेडिंग की दूसरी तरफ मजिस्ट्रेट अनाउंस कर रहे थे कि यहां धारा 144 लागू है. कोई भी बैरिकेडिंग पार करेगा तो गिरफ्तारी होगी. चंद कार्यकर्ता बैरिकेडिंग पर चढ़ गये. माहौल बिगड़ने लगा. पुलिस ने पहले वाटर कैनन का इस्तेमाल किया. युवा कार्यकर्ताओं के पीछ हो चुके बाबूलाल मरांडी, दीपक प्रकाश और निशिकांत दूबे पूरी तरह भींग गये. थोड़ी देर वहीं सड़क पर बैठने के बाद सभी बड़े नेता गोलचक्कर मैदान में बने मंच पर चले गये और कार्यकर्ता पुलिस से जूझते रहे. भाजपा कार्यकर्ताओं की ओर से पानी के बोतल फेंके गये. शुरूआती सख्ती के दौरान दो-एक पत्थर भी आकर वज्रवाहनों से टकराए. जब लाठीचार्ज हुआ तो जमकर पुलिस पर पत्थरबाजी हुई. इस दौरान रघुवर दास कार्यकर्ताओं से संयम बरतने की अपील करते रहे. कार्यक्रम का समापन भाषण के दौरान प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश की आवाज बैठ चुकी थी. उन्होंने कार्यक्रम को सफल बताया. कार्यकर्ताओं से कहा कि यह तो शुरूआत है.

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पत्थर और पानी की बोतलें फेंकीं गयीं: पुलिस और रैफ के जवानों ने पूरा संयम दिखाया. पथराव में कुछ पुलिसकर्मियों को चोट लगने के बाद लाठीचार्ज किया गया. आंसू गैस के गोले दागे गये. थोड़ी ही देर में भीड़ छंट गयी. लेकिन फिर कार्यकर्ता जमा हो गये. इस दौरान गोलबंर चौक के पास बने मंच से भाजपा के तमाम बड़े नेता कार्यकर्ताओं को संबोधित करते रहे. इसी बीच कार्यकर्ताओं ने दोबारा बैरिकेडिंग तोड़ना चाहा. लेकिन इस बार पुलिस अलग मूड में थी. जमकर लाठी चली. कई कार्यकर्ता घायल हुए. कुछ पत्रकार भी चोटिल हुए. पारस अस्पताल की एंबुलेंस से कई कार्यकर्ताओं को भेजा गया.

क्या कुछ हुआ प्रभात तारा मैदान में: दरअसल, प्रदेश भाजपा ने हेमंत हटाओ, झारखंड बचाओ के नारे के साथ रांची के प्रभात तारा मैदान में महाजुटान कर सचिवालय घेरने का ऐलान कर रखा था. सुबह से ही भाजपा के कार्यकर्ता अलग-अलग जिलों से जुटने लगे थे. तैयारी पूरी थी. मैदान में ही कार्यकर्ताओं को नाश्ता कराया गया. फिर मंच पर नेतागण पहुंचने लगे. एक मंच बना था. उसपर प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश, प्रदेश प्रभारी लक्ष्मीकांत वाजपेयी, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रघुवर दास के अलावा प्रदेश भाजपा विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी, केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा, केंद्रीय राज्य मंत्री अन्नपूर्णा देवी समेत झारखंड के सभी भाजपा सांसद और कई विधायक मौजूद थे. जयंत सिन्हा समेत कई नेता अपने समर्थकों के साथ कार में सवार होकर मंच तक पहुंचे. इस दौरान नेताओं के भाषणों का दौर चलता रहा. शेरो-शायरी भी हुई. कार्यकर्ताओं से अपील की गई कि बैरिकेडिंग को तोड़ देना है. बता देना है कि हेमंत सरकार से जनता त्रस्त हो गई है. कई नेताओं ने कहा कि मुख्यमंत्री इस कदर डर गये हैं कि रांची छोड़कर संथाल में जा बैठे हैं.

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सांसद की घोषणा रह गयी अधूरी: प्रभात तारा मैदान में जमा भाजपा नेताओं ने राज्य सरकार को हर मोर्चे पर फेल बताया. भरोसा दिलाया गया कि अब यह सरकार कभी सत्ता में नहीं आएगी. इस दौरान गोड्डा से भाजपा सांसद ने कार्यकर्ताओं से कहा कि अगर आप सचिवालय में घुस जाते हैं तो आने वाले दिनों में लोकायुक्त में सुनवाई के दौरान सोरेन परिवार जेल में होगा. उन्होंने यहां तक कह दिया कि अगर आप सचिवालय में घुस जाते हैं तो चुनाव आयोग पर इतना दवाब बनाएंगे कि झारखंड में लोकसभा चुनाव के साथ विधानसभा का चुनाव हो जाएगा. निशिकांत दूबे के इस बयान की पत्रकार खेमें खूब चर्चा हुई.

बहुत लोग सचिवालय घेराव से थे अंजान: प्रभात तारा मैदान में जब भाजपा कार्यकर्ताओं का जुटान हो रहा था तो ईटीवी भारत की टीम ने कुछ लोगों से बात की. कई महिलाएं ऐसी थीं जो शिकारीपाड़ा और गोड्डा से आई थीं. उनसे प्रभात तारा मैदान आने का कारण पूछा गया तो उनका सीधा जवाब था कि मोदी जी के लिए आये हैं. मीटिंग है. भाषण सुनना है. उन्हें नहीं मालूम था कि सचिवालय भी घेरना है.

कितने लोग जुटे थे मैदान में: प्रभात तारा मैदान में कितने कार्यकर्ता पहुंचे थे. इस सवाल का कोई सटिक जवाब नहीं मिला. भाजपा के ही कुछ नेताओं ने कहा कि पचास हजार की भीड़ जमा है. कुछ ने तो यहां तक कह दिया कि 2 लाख से ज्यादा लोग जमा हुए हैं. पत्रकारों ने आंकलन कर बताया कि ज्यादा से ज्यादा 20 हजार की भीड़ होगी. पुलिस के लोगों ने कहा कि ज्यादा से ज्यादा सात से आठ हजार लोग होंगे. लेकिन एक बात साफ है कि मैदान में जितने लोग थे, अगर वे सभी बैरिकेडिंग तोड़ने पहुंचते तो पुलिस नहीं संभाल पाती. कुल मिलाकर कहें तो भाजपा ने अपनी शक्ति देखायी तो सरकार ने सख्ती और संयम.

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