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झारखंड में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी ने मनाया 97वां स्थापना दिवस, नेताओं को दी गई नई जिम्मेदारियां - Ranchi news

रांची में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (Communist Party of India) ने 97वां स्थापना दिवस मनाया. स्थापना दिवस कार्यक्रम में राज्य के सैकड़ों कार्यकर्ता और नेता शामिल हुए. पार्टी नेताओं ने कहा कि पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं की कुर्बानियां बेकार नहीं जाएगी और आने वाले चुनाव में इसका असर दिखेगा.

Communist Party of India in Jharkhand
झारखंड में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी ने मनाया 97वां स्थापना दिवस
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Published : Dec 27, 2022, 7:13 AM IST

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रांची: झारखंड में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (Communist Party of India) ने अपना 97वां स्थापना दिवस मनाया, जिसमें राज्य भर के कई वरिष्ठ नेता शामिल हुए. स्थापना दिवस के मौके पर वामदल के नेताओं ने पार्टी के उत्थान और कल्याण के लिए कार्यकर्ताओं को कई महत्वपूर्ण दिशा निर्देश दिए और राजनीतिक क्षेत्र में आगे बढ़ने की अपील की. पार्टी के राज्य सचिव महेंद्र कुमार पाठक ने कार्यकर्ताओं से कहा कि भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी की विचारधारा देश के प्रत्येक व्यक्ति में शामिल है. उन्होंने कहा कि जो भी व्यक्ति अन्याय के खिलाफ लड़ रहा है, वह व्यक्ति कम्युनिस्ट विचारधारा का समर्थक है.

यह भी पढ़ेंः कॉरपोरेट घराने के इशारे पर काम कर रही मोदी सरकार, लोगों की क्रय क्षमता हुई कम: अतुल कुमार अंजान

पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने कहा कि साल 1925 में कानपुर में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी की स्थापना की गई थी. पार्टी की स्थापना सिर्फ इसलिए की गई थी कि देश के पिछड़े, दलित, आदिवासी और मूलवासी लोगों को हक मिल सके और उनकी आवाज सड़क से लेकर सदन तक बुलंद हो सके. लेकिन उसी साल राजा रजवाड़ों द्वारा आरएसएस का गठन किया गया, जिसकी राजनीतिक पार्टी भारतीय जनता पार्टी आज सरकार में शामिल है और देश में दलितों और पिछड़ों का शोषण कर रही है.

जीपी झा ने कहा कि आने वाले समय में लोग भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी का हाथ थाम कर आगे बढ़ेंगे और देश में राजनीतिक रूप से पार्टी मजबूत होगी. वरिष्ठ नेता प्रताप कुमार मल्लिक ने कहा कि जब तक देश में संवेदनहीन भारतीय जनता पार्टी का खात्मा नहीं होगा, तब तक राज्य और देश के लोगों का विकास नहीं होगा. उन्होंने कहा कि अब धीरे-धीरे लोगों को समझ में आने लगा है और वह कम्युनिस्ट विचारधारा से जुड़ने लगे हैं.

राज्य सचिव महेंद्र कुमार पाठक ने कहा कि आजादी की लड़ाई में कई कम्युनिस्ट नेताओं ने अपनी जान गवां दी. उन्होंने कहा कि किसानों मजदूरों के हक और अधिकार के लिए हमारी पार्टी के हजार कार्यकर्ताओं ने शहादत दी है और सैकड़ों लोग जेल में मर गए. उन्होंने कहा कि आजादी के बाद भी शोषित पीड़ित दलित और दबे कुचले लोगों की आवाज को मजबूत करने में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी की अहम भूमिका रही. उन्होंने बताया कि पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं की कुर्बानियां बेकार नहीं जाएगी. इस अवसर पर बाबूलाल झा, अजय कुमार सिंह, एसके रसीदी, आरपी चौधरी, सूबेदार राम, लाल देव सिंह, सच्चिदानंद मिश्रा सहित कई वरिष्ठ नेता और कार्यकर्ता मौजूद थे.

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रांची: झारखंड में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (Communist Party of India) ने अपना 97वां स्थापना दिवस मनाया, जिसमें राज्य भर के कई वरिष्ठ नेता शामिल हुए. स्थापना दिवस के मौके पर वामदल के नेताओं ने पार्टी के उत्थान और कल्याण के लिए कार्यकर्ताओं को कई महत्वपूर्ण दिशा निर्देश दिए और राजनीतिक क्षेत्र में आगे बढ़ने की अपील की. पार्टी के राज्य सचिव महेंद्र कुमार पाठक ने कार्यकर्ताओं से कहा कि भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी की विचारधारा देश के प्रत्येक व्यक्ति में शामिल है. उन्होंने कहा कि जो भी व्यक्ति अन्याय के खिलाफ लड़ रहा है, वह व्यक्ति कम्युनिस्ट विचारधारा का समर्थक है.

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पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने कहा कि साल 1925 में कानपुर में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी की स्थापना की गई थी. पार्टी की स्थापना सिर्फ इसलिए की गई थी कि देश के पिछड़े, दलित, आदिवासी और मूलवासी लोगों को हक मिल सके और उनकी आवाज सड़क से लेकर सदन तक बुलंद हो सके. लेकिन उसी साल राजा रजवाड़ों द्वारा आरएसएस का गठन किया गया, जिसकी राजनीतिक पार्टी भारतीय जनता पार्टी आज सरकार में शामिल है और देश में दलितों और पिछड़ों का शोषण कर रही है.

जीपी झा ने कहा कि आने वाले समय में लोग भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी का हाथ थाम कर आगे बढ़ेंगे और देश में राजनीतिक रूप से पार्टी मजबूत होगी. वरिष्ठ नेता प्रताप कुमार मल्लिक ने कहा कि जब तक देश में संवेदनहीन भारतीय जनता पार्टी का खात्मा नहीं होगा, तब तक राज्य और देश के लोगों का विकास नहीं होगा. उन्होंने कहा कि अब धीरे-धीरे लोगों को समझ में आने लगा है और वह कम्युनिस्ट विचारधारा से जुड़ने लगे हैं.

राज्य सचिव महेंद्र कुमार पाठक ने कहा कि आजादी की लड़ाई में कई कम्युनिस्ट नेताओं ने अपनी जान गवां दी. उन्होंने कहा कि किसानों मजदूरों के हक और अधिकार के लिए हमारी पार्टी के हजार कार्यकर्ताओं ने शहादत दी है और सैकड़ों लोग जेल में मर गए. उन्होंने कहा कि आजादी के बाद भी शोषित पीड़ित दलित और दबे कुचले लोगों की आवाज को मजबूत करने में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी की अहम भूमिका रही. उन्होंने बताया कि पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं की कुर्बानियां बेकार नहीं जाएगी. इस अवसर पर बाबूलाल झा, अजय कुमार सिंह, एसके रसीदी, आरपी चौधरी, सूबेदार राम, लाल देव सिंह, सच्चिदानंद मिश्रा सहित कई वरिष्ठ नेता और कार्यकर्ता मौजूद थे.

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