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सदन में नमाज कक्ष का विवाद सुलझाने के लिए बनी कमेटी, भानू ने कहा- भाजपा के दबाव का हुआ असर

विधानसभा में नमाज के लिए आवंटित कमरे का विवाद सुलझाने के लिए एक कमेटी बना दी गई है. कमेटी को 45 दिन के अंदर अपनी रिपोर्ट सौंपने को कहा गया है. बीजेपी ने इसे अपनी जीत बताया है.

Namaz room in vidhansabha
झारखंड विधानसभा में नमाज कक्ष
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Published : Sep 9, 2021, 1:53 PM IST

Updated : Sep 9, 2021, 3:15 PM IST

रांची: नमाज के लिए कक्ष आवंटित होने पर उपजे विवाद के निपटारे के लिए स्पीकर ने 7 सदस्यीय सर्वदलीय समिति बनाई है. यह समिति 45 दिन के भीतर अपना प्रतिवेदन सौंपेगी. स्पीकर ने आग्रह किया है कि यह समिति समय सीमा से पहले प्रतिवेदन सौंपे. सर्वदलीय समिति में वरिष्ठ विधायक स्टीफन मरांडी को संयोजक बनाया गया है. जबकि प्रदीप यादव, नीलकंठ सिंह मुंडा, सरफराज अहमद, विनोद कुमार सिंह, लंबोदर महतो और दीपिका पांडे सिंह को सदस्य बनाया गया है.

लंच से पहले सदन की कार्यवाही के दौरान विधानसभा परिसर में नमाज पढ़ने के लिए कमरा आवंटित किए जाने के खिलाफ भाजपा के विरोध का असर हुआ है. गुरुवार को सदन में जेएमएम विधायक सरफराज अहमद ने इस मसले को उठाया.

यह भी पढ़ें: विधानसभा में नमाज के लिए कमरा आवंटन का मामला पहुंचा हाई कोर्ट, आदेश रद्द करने की मांग

जेएमएम विधायक ने कहा कि पिछले 3 दिन से इस मुद्दे पर सदन में गतिरोध बना हुआ है. उन्होंने कहा कि राज्य गठन के वक्त बाबूलाल मरांडी प्रथम मुख्यमंत्री थे और इंदर सिंह नामधारी स्पीकर थे. उस वक्त भी नमाज के लिए अलग से एक कमरा दिया गया था. उसी परंपरा का निर्वाह करते हुए विधानसभा परिसर में भी नमाज के लिए कमरा आवंटित किया गया. लेकिन इसको लेकर बतंगड़ बनाया जा रहा है. धार्मिक उन्माद बढ़ा है. उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष से आग्रह किया कि इस मसले पर एक कमेटी बने जो तय समय सीमा के अंदर अपनी रिपोर्ट दे. सरफराज अहमद के इस सुझाव का विधायक प्रदीप यादव और बंधु तिर्की ने समर्थन किया.

जेएमएम विधायक के बयान पर बाबूलाल ने जताई आपत्ति

सरफराज अहमद के इस कथन पर बाबूलाल मरांडी ने आपत्ति जताई कि उनके मुख्यमंत्री रहते हुए यह व्यवस्था लागू थी. बाबूलाल मरांडी ने कहा कि मेरे कार्यकाल में किसी के लिए कमरा आवंटित नहीं था. वैसे भी इसके लिए संविधान इजाजत नहीं देता है. लोकतंत्र के मंदिर को लोकतंत्र का मंदिर ही बने रहने देना चाहिए. इसके जवाब में सरफराज अहमद ने कहा कि यह एक परिपाटी रही है. कमरा आवंटित करने का मतलब यह नहीं है कि वहां मस्जिद बना दी गई है . उन्होंने कहा कि मस्जिद की परिभाषा व्यापक होती है.

स्पीकर ने कहा कि दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद ऐसा लगता है कि इस मसले पर सदन की सहमति है. लिहाजा, दूसरी पाली में समिति की घोषणा कर दी जाएगी. प्रार्थना कक्ष को लेकर तय सीमा के अंदर समिति का जो भी निर्णय आएगा आसन उस पर सहमत होगा और फिर लंच के बाद स्पीकर ने समिति बना दी.

समिति में ये हैं शामिल

  • स्टीफन मरांडी
  • प्रदीप यादव
  • नीलकंठ सिंह मुंडा
  • सरफराज अहमद
  • विनोद कुमार सिंह
  • लंबोदर महतो
  • दीपिका पांडे

भाजपा बोली-विपक्ष के विरोध का हुआ असर

सत्ता पक्ष की तरफ से आए इस सुझाव पर भाजपा विधायक भानू प्रताप शाही ने कहा कि सरफराज अहमद की तरफ से इस विषय को पहले दिन भी लाया जा सकता था. उन्होंने कहा कि आज जिस तरीके से सत्ता पक्ष का स्टैंड बदला, इससे साफ है कि भाजपा के दबाव का असर हुआ है. बता दें कि नमाज के लिए अलग कमरा आवंटित करने के खिलाफ बुधवार को भाजपा ने विधानसभा घेराव के लिए मार्च निकाला था. इस दौरान लाठीचार्ज में कई कार्यकर्ता घायल हुए थे.

रांची: नमाज के लिए कक्ष आवंटित होने पर उपजे विवाद के निपटारे के लिए स्पीकर ने 7 सदस्यीय सर्वदलीय समिति बनाई है. यह समिति 45 दिन के भीतर अपना प्रतिवेदन सौंपेगी. स्पीकर ने आग्रह किया है कि यह समिति समय सीमा से पहले प्रतिवेदन सौंपे. सर्वदलीय समिति में वरिष्ठ विधायक स्टीफन मरांडी को संयोजक बनाया गया है. जबकि प्रदीप यादव, नीलकंठ सिंह मुंडा, सरफराज अहमद, विनोद कुमार सिंह, लंबोदर महतो और दीपिका पांडे सिंह को सदस्य बनाया गया है.

लंच से पहले सदन की कार्यवाही के दौरान विधानसभा परिसर में नमाज पढ़ने के लिए कमरा आवंटित किए जाने के खिलाफ भाजपा के विरोध का असर हुआ है. गुरुवार को सदन में जेएमएम विधायक सरफराज अहमद ने इस मसले को उठाया.

यह भी पढ़ें: विधानसभा में नमाज के लिए कमरा आवंटन का मामला पहुंचा हाई कोर्ट, आदेश रद्द करने की मांग

जेएमएम विधायक ने कहा कि पिछले 3 दिन से इस मुद्दे पर सदन में गतिरोध बना हुआ है. उन्होंने कहा कि राज्य गठन के वक्त बाबूलाल मरांडी प्रथम मुख्यमंत्री थे और इंदर सिंह नामधारी स्पीकर थे. उस वक्त भी नमाज के लिए अलग से एक कमरा दिया गया था. उसी परंपरा का निर्वाह करते हुए विधानसभा परिसर में भी नमाज के लिए कमरा आवंटित किया गया. लेकिन इसको लेकर बतंगड़ बनाया जा रहा है. धार्मिक उन्माद बढ़ा है. उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष से आग्रह किया कि इस मसले पर एक कमेटी बने जो तय समय सीमा के अंदर अपनी रिपोर्ट दे. सरफराज अहमद के इस सुझाव का विधायक प्रदीप यादव और बंधु तिर्की ने समर्थन किया.

जेएमएम विधायक के बयान पर बाबूलाल ने जताई आपत्ति

सरफराज अहमद के इस कथन पर बाबूलाल मरांडी ने आपत्ति जताई कि उनके मुख्यमंत्री रहते हुए यह व्यवस्था लागू थी. बाबूलाल मरांडी ने कहा कि मेरे कार्यकाल में किसी के लिए कमरा आवंटित नहीं था. वैसे भी इसके लिए संविधान इजाजत नहीं देता है. लोकतंत्र के मंदिर को लोकतंत्र का मंदिर ही बने रहने देना चाहिए. इसके जवाब में सरफराज अहमद ने कहा कि यह एक परिपाटी रही है. कमरा आवंटित करने का मतलब यह नहीं है कि वहां मस्जिद बना दी गई है . उन्होंने कहा कि मस्जिद की परिभाषा व्यापक होती है.

स्पीकर ने कहा कि दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद ऐसा लगता है कि इस मसले पर सदन की सहमति है. लिहाजा, दूसरी पाली में समिति की घोषणा कर दी जाएगी. प्रार्थना कक्ष को लेकर तय सीमा के अंदर समिति का जो भी निर्णय आएगा आसन उस पर सहमत होगा और फिर लंच के बाद स्पीकर ने समिति बना दी.

समिति में ये हैं शामिल

  • स्टीफन मरांडी
  • प्रदीप यादव
  • नीलकंठ सिंह मुंडा
  • सरफराज अहमद
  • विनोद कुमार सिंह
  • लंबोदर महतो
  • दीपिका पांडे

भाजपा बोली-विपक्ष के विरोध का हुआ असर

सत्ता पक्ष की तरफ से आए इस सुझाव पर भाजपा विधायक भानू प्रताप शाही ने कहा कि सरफराज अहमद की तरफ से इस विषय को पहले दिन भी लाया जा सकता था. उन्होंने कहा कि आज जिस तरीके से सत्ता पक्ष का स्टैंड बदला, इससे साफ है कि भाजपा के दबाव का असर हुआ है. बता दें कि नमाज के लिए अलग कमरा आवंटित करने के खिलाफ बुधवार को भाजपा ने विधानसभा घेराव के लिए मार्च निकाला था. इस दौरान लाठीचार्ज में कई कार्यकर्ता घायल हुए थे.

Last Updated : Sep 9, 2021, 3:15 PM IST
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