रांची: कोल लिंकेज मामले में मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपी मो. इजहार अंसारी को प्रवर्तन निदेशालय की टीम ने छह दिन के रिमांड पर लिया है. 16 जनवरी को उसे हजारीबाग से गिरफ्तार किया गया था. ईडी की टीम ने 17 जनवरी को इजहार अंसारी को रांची के पीएमएलए कोर्ट में पेश किया. अब उससे पूछताछ की जा रही है.
दरअसल, ईडी ने इजहार अंसारी के लिए काम करने वाले ट्रक ड्राइवर सैय्यद सलमानी और इजहार अंसारी समेत अन्य के खिलाफ आईपीसी की अलग-अलग धाराओं के तहत झारखंड पुलिस द्वारा दर्ज एफआईआर के आधार पर जांच शुरु की थी. बाद में, झारखंड पुलिस ने आरोप पत्र दायर किया था. इजहार अंसारी और अन्य पर आईपीसी, 1860 और कोयला खदान अधिनियम की अलग अलग धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है. इस मामले में अवैध रूप से परिवहन किये गये 19 टन कोयले के साथ एक ट्रक को भी झारखंड पुलिस ने जब्त किया था.
सब्सिडी का कोयला खपाता था खुली मंडी में: ईडी की जांच से पता चला कि मोहम्मद इजहार अंसारी ने कोयला लिंकेज नीति का दुरुपयोग किया है, जिसके तहत कैप्टिव खपत के लिए छोटे और मध्यम उद्यम (एसएमई) को सब्सिडी वाला कोयला आवंटित किया जाता था. इजहार अंसारी की 13 (तेरह) ऐसी एसएमई फर्मों को 71 करोड़ रुपये के बाजार मूल्य वाला लगभग 86568 टन कोयला आवंटित किया गया था.
हालांकि, इसका उपयोग करने के बजाय, इजहार अंसारी ने कोयले को खुले बाजार में बेच दिया और मोटी कमाई की. आगे की जांच से पता चला कि ये 13 फर्म/संस्थाएं गैर-परिचालन/शेल इकाइयां पाई गई हैं. इससे पहले, इजहार अंसारी से जुड़े परिसरों पर 03.03.2023 को की गई तलाशी के दौरान, 3.58 करोड़ रुपये और आपत्तिजनक डिजिटल और दस्तावेज सबूतों के साथ जब्त किया गया था.
कई अधिकारियों की बढ़ सकती हैं मुश्किलें: ईडी की जांच से यह भी पता चला है कि आरोपी ने वाराणसी और धनबाद की खुली कोयला मंडी में उच्च कीमत पर सब्सिडी दर का कोयला बेचकर मोटी रकम अर्जित की है और उन पैसों को अचल संपत्तियों में भी निवेश किया है. जांच से संकेत मिला कि ऐसे सब्सिडी वाले कोयला आवंटन के बदले इजहार अंसारी कुछ लोक सेवकों को रिश्वत/कमीशन भी देता था.
जांच के उद्देश्य से पीएमएलए, 2002 की धारा 50 के तहत इजहार को बार-बार समन जारी किया जाता रहा लेकिन वह न तो ईडी के सामने पेश हुआ और ना ही कोई जवाब दिया. इसके बाद 16 जनवरी को ईडी ने उससे जुड़े हजारीबाग में 3 परिसरों पर तलाशी ली और हजारीबाग से ही गिरफ्तार कर लिया. अनुमान लगाया जा रहा है कि पूछताछ के दौरान वैसे कई सफेदपोश ईडी की रडार पर आएंगे जिन्होंने इजहार को फायदा पहुंचाकर कमीशन वसूला था.
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