रांची: मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से 1000 करोड़ के अवैध खनन के मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने गुरुवार को लंबी पूछताछ की. दिन के 12 बजे मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से पूछताछ शुरू हुई (ED questioning CM Hemant Soren), जो रात के 9.40 बजे तक चली. वहीं रात के करीब 8.48 मिनट पर सीएम की पत्नी कल्पना सोरेन (CM wife Kalpana Soren) भी ईडी दफ्तर पहुंची. लगभग एक घंटा ईडी दफ्तर में रहने के बाद पत्नी कल्पना सोरेन के साथ ही सीएम ईडी दफ्तर से बाहर निकले.
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ईडी ने मुख्यमंत्री से पूछे 35 सवाल: सीएम आवास पर मौजूद ईटीवी भारत के संवाददाता को सूत्रों ने बताया कि ईडी ऑफिस से लौटने पर मुख्यमंत्री ने अपने मंत्रियों और विधायकों को बताया कि ईडी ने उनसे 35 सवाल पूछे हैं. सीएम ने विधायकों को यह भी बताया कि उन्होंने ईडी के अधिकारियों से कहा कि आपके तरफ से भी पारदर्शिता दिखनी चाहिए. मुख्यमंत्री आवास पर पहुंचने के बाद यूपीए के सभी मंत्री-विधायकों से सीएम ने मुलाकात की. सीएम आवास से बाहर निकलकर जेएमएम नेता सुप्रियो भट्टाचार्या ने कहा कि लंबी पूछताछ की पहले से ही उम्मीद थी, लेकिन पूछताछ बेहतर माहौल में हुआ. सुप्रियो ने कहा कि ईडी की सभी जिज्ञासा को शांत करने की कोशिश की जाएगी. उन्होंने कहा कि अब आगे की रणनीति कल बैठक के बाद बनाई जाएगी. उन्होंने कहा कि शुक्रवार को मुख्यमंत्री कार्यकर्ताओं को संबोधित करेंगे.
पंकज मिश्रा से सम्बन्धों को लेकर हुई पूछताछ शुरू: जानकारी के अनुसार सीएम हेमंत सोरेन के ईडी के जोनल कार्यालय पहुंचने के बाद ईडी ने उनके विधायक प्रतिनिधि पंकज मिश्रा से उनके कारोबारी संबंधों को लेकर पूछताछ शुरू की गई. मुख्यमंत्री से पूछा गया कि पंकज मिश्रा के अवैध खनन में संलिप्तता के विषय में उन्हें जानकारी थी या नहीं, अगर उन्हें जानकारी थी तो उन्होंने इस संबंध में क्या कार्रवाई की? मुख्यमंत्री के पास खान विभाग का भी प्रभार हैं, उनसे अवैध खनन को लेकर हुई कार्रवाई के संबंध में भी ईडी ने जाना. वहीं सीएम की संपत्ति के पहलूओं पर भी उनसे पूछताछ की गई.
सीएम के पत्र को ईडी ने किया खारिज: जानकारी के मुताबिक, ईडी ऑफिस पहुंचने के बाद मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने अपने पक्ष के तौर पर तीन पन्नों का एक पत्र सहायक निदेशक देवव्रत झा के नाम सौंपा था. हालांकि पत्र में मुख्यमंत्री के द्वारा 1000 करोड़ के अवैध खनन को लेकर जो दलील दी गई थी, उसे ईडी ने खारिज कर दिया है. ईडी सूत्रों के मुताबिक, मुख्यमंत्री ने अपने पत्र में अवैध खनन के जरिए एक हजार करोड़ के रॉयल्टी की चोरी की बात लिखी है, जबकि यह एक हजार करोड़ के रॉयल्टी की चोरी की नहीं, बल्कि एक हजार करोड़ के अवैध खनन का मामला है. ईडी सूत्रों के मुताबिक, साहिबगंज में ईडी की टीम ने मई महीने से लेकर अबतक लगातार जांच की है. जांच में आए तथ्यों के आधार पर ईडी ने यह पाया है कि एक हजार करोड़ का अवैध खनन साहिबगंज जिले में हुआ है.