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ईडी के छठे समन पर सीएम हाजिर नहीं होते हैं तो राज्यपाल को उठाना चाहिए कदम, बोले बाबूलाल, धारा 370 पर SC के फैसले से देशवासियों का सपना साकार - धारा 370 पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला

Babulal Marandi reaction on ED summons to Hemant Soren. झारखंड बीजेपी के अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने कहा कि ईडी के छठे समन पर सीएम हाजिर नहीं होते हैं तो राज्यपाल को कदम उठाना चाहिए. उन्होंने कहा कि धारा 370 पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले से देशवासियों का सपना साकार हुआ है. Babulal Marandi reaction on Supreme Court decision on Section 370.

Babulal Marandi reaction on ED summons
Babulal Marandi reaction on ED summons
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Dec 11, 2023, 5:24 PM IST

  • देश की संसद द्वारा जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 और 35A हटाने के निर्णय को माननीय उच्चतम न्यायालय द्वारा सही ठहराए जाने का फैसला स्वागत योग्य है l pic.twitter.com/QyQ6eeKha6

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रांची: मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को ईडी ने छठा समन जारी किया है. उन्हें 12 दिसंबर को रांची स्थित क्षेत्रीय कार्यालय में पूछताछ के लिए बुलाया गया है. ईडी ने इसबार जमीन घोटाला मामले में पूछताछ का हवाला देते हुए बुलाया है. अब सवाल है कि क्या सीएम ईडी ऑफिस जाएंगे या फिर पूर्व के पांच समन की तरह अपना जवाब भेज देंगे. इस मसले पर राजनीति गरमा गई है.

प्रदेश भाजपा अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने दो टूक कहा है कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को इस बार बिना देर किए ईडी के सामने हाजिर होना चाहिए. अगर वह ऐसा नहीं करते हैं तो राज्यपाल को कदम उठाना चाहिए. पूरा मामला रांची के बड़गांई अंचल के 8.46 एकड़ जमीन से जुड़ा है.

कब-कब जारी हुआ सीएम को समन: खास बात है कि अबतक के समन पर सीएम की ओर से अपने जवाब में व्यवस्ता के साथ-साथ इस बात का जिक्र किया जाता रहा है कि आखिर ईडी उन्हें गवाह के रुप में बुला रही है या किसी मामले में अभियुक्त के रुप में. इससे पहले ईडी ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को पूछताछ के लिए 14 अगस्त, 24 अगस्त, 9 सितंबर, 23 सितंबर और 4 अक्टूबर को बुलाया गया था. सीएम की ओर से हर समन का जवाब जरुर दिया गया लेकिन वे ईडी दफ्तर नहीं गये. वह सिर्फ पिछले साल नवंबर में माइनिंग लीज आवंटन मामले में पूछताछ के लिए ईडी दफ्तर गये थे. उससे पहले झारखंड में जमकर राजनीति हुई थी.

समन पर सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट में क्या हुआ: पहला समन मिलते ही सीएम ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था. उन्होंने समन को गैर कानूनी बताते हुए चुनौती दी थी. लेकिन ईडी ने तीसरा समन जारी कर 9 सितंबर को उन्हें फिर बुलाया. इसी बीच सुप्रीम कोर्ट ने सीएम की याचिका पर निर्देश दिया कि वे इस मामले में हाईकोर्ट में अपनी बात रखें. इसके बाद सीएम की ओर से हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई. लेकिन 13 अक्टूबर को हाईकोर्ट ने भी उनकी याचिका खारिज कर दी. तब ईडी की ओर से अपनी दलील में कहा गया था कि जिस पीएमएलए एक्ट की धारा 50 और 60 को चुनौती दी गई है, उसको सुप्रीम कोर्ट ने विजय मदन लाल चौधरी के केस में पहले की डिसाइड कर दिया है. लिहाजा, एजेंसी को समन जारी करने और बयान लेने का अधिकार है. इसी आधार पर हाईकोर्ट ने सीएम की याचिका खारिज कर दी थी. इसके बाद से पूरा मामला ठंडा पड़ा हुआ था. लेकिन एक माह से थोड़ा ज्यादा वक्त बीतने के बाद ईडी ने सीएम के नाम छठा समन जारी कर दिया है.

धारा 370 पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत: बाबूलाल मरांडी ने कहा कि 140 करोड़ देशवासियों का सपना साकार हुआ है. धारा 370 पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला स्वागत योग्य है. इस मसले पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और संसद ने जो काम किया था, उसपर सुप्रीम कोर्ट ने भी मुहर लगा दी है.

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मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को ईडी ने छठी बार भेजा समन, जमीन घोटाला मामले में होगी पूछताछ

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रांची: मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को ईडी ने छठा समन जारी किया है. उन्हें 12 दिसंबर को रांची स्थित क्षेत्रीय कार्यालय में पूछताछ के लिए बुलाया गया है. ईडी ने इसबार जमीन घोटाला मामले में पूछताछ का हवाला देते हुए बुलाया है. अब सवाल है कि क्या सीएम ईडी ऑफिस जाएंगे या फिर पूर्व के पांच समन की तरह अपना जवाब भेज देंगे. इस मसले पर राजनीति गरमा गई है.

प्रदेश भाजपा अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने दो टूक कहा है कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को इस बार बिना देर किए ईडी के सामने हाजिर होना चाहिए. अगर वह ऐसा नहीं करते हैं तो राज्यपाल को कदम उठाना चाहिए. पूरा मामला रांची के बड़गांई अंचल के 8.46 एकड़ जमीन से जुड़ा है.

कब-कब जारी हुआ सीएम को समन: खास बात है कि अबतक के समन पर सीएम की ओर से अपने जवाब में व्यवस्ता के साथ-साथ इस बात का जिक्र किया जाता रहा है कि आखिर ईडी उन्हें गवाह के रुप में बुला रही है या किसी मामले में अभियुक्त के रुप में. इससे पहले ईडी ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को पूछताछ के लिए 14 अगस्त, 24 अगस्त, 9 सितंबर, 23 सितंबर और 4 अक्टूबर को बुलाया गया था. सीएम की ओर से हर समन का जवाब जरुर दिया गया लेकिन वे ईडी दफ्तर नहीं गये. वह सिर्फ पिछले साल नवंबर में माइनिंग लीज आवंटन मामले में पूछताछ के लिए ईडी दफ्तर गये थे. उससे पहले झारखंड में जमकर राजनीति हुई थी.

समन पर सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट में क्या हुआ: पहला समन मिलते ही सीएम ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था. उन्होंने समन को गैर कानूनी बताते हुए चुनौती दी थी. लेकिन ईडी ने तीसरा समन जारी कर 9 सितंबर को उन्हें फिर बुलाया. इसी बीच सुप्रीम कोर्ट ने सीएम की याचिका पर निर्देश दिया कि वे इस मामले में हाईकोर्ट में अपनी बात रखें. इसके बाद सीएम की ओर से हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई. लेकिन 13 अक्टूबर को हाईकोर्ट ने भी उनकी याचिका खारिज कर दी. तब ईडी की ओर से अपनी दलील में कहा गया था कि जिस पीएमएलए एक्ट की धारा 50 और 60 को चुनौती दी गई है, उसको सुप्रीम कोर्ट ने विजय मदन लाल चौधरी के केस में पहले की डिसाइड कर दिया है. लिहाजा, एजेंसी को समन जारी करने और बयान लेने का अधिकार है. इसी आधार पर हाईकोर्ट ने सीएम की याचिका खारिज कर दी थी. इसके बाद से पूरा मामला ठंडा पड़ा हुआ था. लेकिन एक माह से थोड़ा ज्यादा वक्त बीतने के बाद ईडी ने सीएम के नाम छठा समन जारी कर दिया है.

धारा 370 पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत: बाबूलाल मरांडी ने कहा कि 140 करोड़ देशवासियों का सपना साकार हुआ है. धारा 370 पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला स्वागत योग्य है. इस मसले पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और संसद ने जो काम किया था, उसपर सुप्रीम कोर्ट ने भी मुहर लगा दी है.

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