रांची: एक और जहां राज्य सरकार पंचायत स्तर पर 5000 स्कूल ऑफ एक्सीलेंस खोलने की तैयारी में है. वहीं दूसरी ओर पिछले दिनों खोले गए 80 स्कूलों में आज भी संसाधन का घोर अभाव है. क्लासरूम से लेकर छात्रावास तक में विद्यार्थियों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. बगैर संसाधन के जैसे तैसे चल रहे रांची के जिला स्कूल स्थित सीएम स्कूल ऑफ एक्सीलेंस में अव्यवस्था का आलम यह है कि ना तो क्लास रुम अपना है और ना ही छात्रों को रहने के लिए छात्रावास.
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स्कूल परिसर में बन रहा स्कूल भवन अभी तक पूर्ण नहीं होने की वजह से पुराने जिला स्कूल भवन में क्लास जैसे तैसे चल रहा है. पिछले दिनों आग लगने के कारण क्लास रुम के क्षतिग्रस्त होने से वर्तमान समय में छात्रों को भारी कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है. स्कूल प्रबंधन द्वारा वैकल्पिक व्यवस्था के तहत स्कूल कैंपस के बाहर दूसरे कार्यों के लिए बने कल्याण विभाग के बिल्डिंग में छात्रों का क्लास लिया जा रहा है.
छात्रावास पर एनआईओएस का कब्जा, स्कूल प्रबंधन ने छात्रों को भेजा घर: निजी स्कूलों के तर्ज पर झारखंड सरकार ने राज्य के विभिन्न जिलों में 80 सीएम स्कूल ऑफ एक्सीलेंस खोला है. इन स्कूलों में अत्याधुनिक सुविधा देने की बात की गई थी मगर हकीकत यह है कि रांची के जिला स्कूल स्थित सीएम स्कूल ऑफ एक्सीलेंस के छात्रावास पर नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ ओपन स्कूलिंग के द्वारा कब्जा किए जाने की वजह से इसे खाली कराकर छात्रों को घर भेज दिया गया है.
सीएम स्कूल ऑफ एक्सीलेंस जिला स्कूल के महेंद्र प्रसाद कहते हैं कि छात्रों की परेशानी को देखते हुए जिला शिक्षा पदाधिकारी और स्कूल प्राचार्य के द्वारा पत्र लिखकर खाली करने को कहा गया मगर नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ ओपन स्कूलिंग द्वारा तीन महीने के अंदर खाली करने का आश्वासन दिया गया है. ऐसे में इस हॉस्टल में रह रहे बुंडू, तमाड़ जैसे सुदूरवर्ती इलाके के करीब 100 से अधिक छात्र पढाई से दूर हैं. बहरहाल स्मार्ट क्लास के जरिए निजी स्कूलों की तरह बच्चों को सरकारी स्कूलों में भी स्मार्ट बनने की कवायद भले ही की गई हो मगर संसाधनों की कमी की वजह से यह जमीन पर नहीं उतर रहा है.