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तीन महीने का वादा तीन साल में भी नहीं हुआ पूरा, अब करेंगे सीएम आवास का घेराव

राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन में अनुबंध पर काम कर रहे स्वास्थ्यकर्मियों ने हेमंत सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. हेमंत सरकार की वादाखिलाफी और अपने स्थायीकरण को लेकर वे लगातार आंदोलनरत हैं. इस बार वे 16 जनवरी को सीएम आवास का घेराव करेंगे.

CM residence Gherao by Health workers
CM Residence Ranchi
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Published : Jan 15, 2023, 9:05 PM IST

हेमंत सरकार के खिलाफ स्वास्थ्यकर्मियों ने खोला मोर्चा

रांची: राज्य में अनुबंध पर राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के स्वास्थ्य विभाग में सेवा दे रहे नर्स- पारा मेडिकलकर्मी 2015 से सेवा स्थायीकरण की मांग को लेकर आंदोलन करते रहे हैं. हर बार विभाग और सरकार से आश्वासन मिलने के बाद आंदोलन स्थगित करती रहीं राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की अनुबंधित ANM-GNM नर्सों ने निर्णायक आंदोलन की घोषणा की है. उन्होंने 16 जनवरी को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के आवास का घेराव करने का फैसला लिया है.

ये भी पढ़ें: झारखंड राज्य आजीविका कैडर संघ का विरोध प्रदर्शन 24वें दिन भी जारी, सरकार और जेएसएलपीएस के खिलाफ की नारेबाजी

राज्यभर से हजारों की संख्या में रांची पहुंच रहीं अनुबंधित नर्सें मोरहाबादी मैदान से आक्रोश मार्च के रूप में मुख्यमंत्री आवास घेरने के लिए निकलेगी. अनुबंधित नर्सों और अनुबंधित पारा मेडिकलकर्मियों के संयुक्त मोर्चा ने कहा कि 2019 में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा था कि राज्य से अनुबंध शब्द को ही समाप्त कर देना है और 3 महीने में उनकी सेवा नियमित होगी, लेकिन 3 माह की जगह 3 साल हो गए और उनकी मांग पर सरकार एक कदम भी आगे नहीं बढ़ी है. पिछले दिनों जब आंदोलन किया तो नियमितीकरण के नाम पर एक कमेटी बना दी गयी, लेकिन उस कमिटी की एक भी बैठक नहीं हुई है. यानी सरकार और स्वास्थ्य महकमा उनकी मांगों को लेकर गंभीर नहीं है, इसलिए निराश होकर चरणबद्ध और निर्णायक आंदोलन शुरू करने का फैसला लिया गया है.


संघ के नेताओं ने कहा कि राज्यभर में आंदोलन को लेकर सभी जिले के डीसी/सिविल सर्जन के माध्यम से ज्ञापन सौंपने के कई दिन गुजर जाने के बाद भी कोई सार्थक पहल अभी तक नहीं किया गया है. अनुबंध कर्मियों ने अपनी वर्षों पुरानी मांग और सरकार के वादाखिलाफी, सेवा नियमितीकरण को लेकर सरकार का उदासीन रवैया का जिक्र करते हुए कहा कि आंदोलन की घोषणा का विस्तृत शेड्यूल भी जारी किया, जिसके तहत 16 जनवरी 2023 को मुख्यमंत्री आवास घेराव, सार्थक बातें नहीं होने पर 17 जनवरी 2023 से राजभवन के समक्ष धरना प्रदर्शन व हड़ताल और 24 जनवरी से आमरण अनशन का कार्यक्रम है.

क्या है अनुबंधित नर्सों और पारा मेडिकलकर्मियों की मांग: पारा मेडिकल नियमावली 2018 में आंशिक संशोधन करते हुए स्वास्थ्य विभाग के सभी पारा मेडिकल कर्मियों का वर्ष 2014 की तरह विभागीय नियमितीकरण की प्रकिया अविलंब शुरू करने की मुख्य मांग है. राज्य में NHM के तहत करीब 4600 ANM नर्सें, 1000 GNM नर्सें और 2400 के करीब अनुबंधित पारा मेडिकल स्टाफ हैं, जो 10 वर्ष से अधिक समय से अनुबंध पर सेवा दे रहे हैं, जिनकी मांग है कि उनकी सेवा अब स्थायी की जाए.

झारखंड अनुबंधित पारा चिकित्सा कर्मी संघ और फीजियोथेरेपी संघ देंगे आंदोलन का समर्थन: इधर राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन से जुड़ी नर्सों, पारा मेडिकलकर्मियों की 16 जनवरी से शुरू होने वाले चरणबद्ध आंदोलन, मुख्यमंत्री आवास घेराव, हड़ताल की वजह से राज्य में खासकर ग्रामीण इलाकों में स्वास्थ्य व्यवस्था चरमराने की उम्मीद है. वहीं टीकाकरण सहित कई राष्ट्रीय स्वास्थ्य कार्यक्रम पर भी इसका असर पड़ेगा. झारखंड अनुबंधित पारा चिकित्सा कर्मी संघ और झारखंड अनुबंधित फीजियोथेरेपी संघ ने भी NHM कर्मियों के आंदोलन को समर्थन देने की घोषणा की है.

हेमंत सरकार के खिलाफ स्वास्थ्यकर्मियों ने खोला मोर्चा

रांची: राज्य में अनुबंध पर राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के स्वास्थ्य विभाग में सेवा दे रहे नर्स- पारा मेडिकलकर्मी 2015 से सेवा स्थायीकरण की मांग को लेकर आंदोलन करते रहे हैं. हर बार विभाग और सरकार से आश्वासन मिलने के बाद आंदोलन स्थगित करती रहीं राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की अनुबंधित ANM-GNM नर्सों ने निर्णायक आंदोलन की घोषणा की है. उन्होंने 16 जनवरी को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के आवास का घेराव करने का फैसला लिया है.

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राज्यभर से हजारों की संख्या में रांची पहुंच रहीं अनुबंधित नर्सें मोरहाबादी मैदान से आक्रोश मार्च के रूप में मुख्यमंत्री आवास घेरने के लिए निकलेगी. अनुबंधित नर्सों और अनुबंधित पारा मेडिकलकर्मियों के संयुक्त मोर्चा ने कहा कि 2019 में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा था कि राज्य से अनुबंध शब्द को ही समाप्त कर देना है और 3 महीने में उनकी सेवा नियमित होगी, लेकिन 3 माह की जगह 3 साल हो गए और उनकी मांग पर सरकार एक कदम भी आगे नहीं बढ़ी है. पिछले दिनों जब आंदोलन किया तो नियमितीकरण के नाम पर एक कमेटी बना दी गयी, लेकिन उस कमिटी की एक भी बैठक नहीं हुई है. यानी सरकार और स्वास्थ्य महकमा उनकी मांगों को लेकर गंभीर नहीं है, इसलिए निराश होकर चरणबद्ध और निर्णायक आंदोलन शुरू करने का फैसला लिया गया है.


संघ के नेताओं ने कहा कि राज्यभर में आंदोलन को लेकर सभी जिले के डीसी/सिविल सर्जन के माध्यम से ज्ञापन सौंपने के कई दिन गुजर जाने के बाद भी कोई सार्थक पहल अभी तक नहीं किया गया है. अनुबंध कर्मियों ने अपनी वर्षों पुरानी मांग और सरकार के वादाखिलाफी, सेवा नियमितीकरण को लेकर सरकार का उदासीन रवैया का जिक्र करते हुए कहा कि आंदोलन की घोषणा का विस्तृत शेड्यूल भी जारी किया, जिसके तहत 16 जनवरी 2023 को मुख्यमंत्री आवास घेराव, सार्थक बातें नहीं होने पर 17 जनवरी 2023 से राजभवन के समक्ष धरना प्रदर्शन व हड़ताल और 24 जनवरी से आमरण अनशन का कार्यक्रम है.

क्या है अनुबंधित नर्सों और पारा मेडिकलकर्मियों की मांग: पारा मेडिकल नियमावली 2018 में आंशिक संशोधन करते हुए स्वास्थ्य विभाग के सभी पारा मेडिकल कर्मियों का वर्ष 2014 की तरह विभागीय नियमितीकरण की प्रकिया अविलंब शुरू करने की मुख्य मांग है. राज्य में NHM के तहत करीब 4600 ANM नर्सें, 1000 GNM नर्सें और 2400 के करीब अनुबंधित पारा मेडिकल स्टाफ हैं, जो 10 वर्ष से अधिक समय से अनुबंध पर सेवा दे रहे हैं, जिनकी मांग है कि उनकी सेवा अब स्थायी की जाए.

झारखंड अनुबंधित पारा चिकित्सा कर्मी संघ और फीजियोथेरेपी संघ देंगे आंदोलन का समर्थन: इधर राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन से जुड़ी नर्सों, पारा मेडिकलकर्मियों की 16 जनवरी से शुरू होने वाले चरणबद्ध आंदोलन, मुख्यमंत्री आवास घेराव, हड़ताल की वजह से राज्य में खासकर ग्रामीण इलाकों में स्वास्थ्य व्यवस्था चरमराने की उम्मीद है. वहीं टीकाकरण सहित कई राष्ट्रीय स्वास्थ्य कार्यक्रम पर भी इसका असर पड़ेगा. झारखंड अनुबंधित पारा चिकित्सा कर्मी संघ और झारखंड अनुबंधित फीजियोथेरेपी संघ ने भी NHM कर्मियों के आंदोलन को समर्थन देने की घोषणा की है.

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