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प्रवासी मजदूरों के खाते में CM ने ट्रांसफर किए 1-1 हजार रुपये, कहा- बिना राशन कार्ड वाले भी ले सकेंगे अनाज - झारखंड सरकार ने प्रवासी मजदूरों को दिए पैसे

दूसरे प्रदेशों में झारखंड के फंसे मजदूरों के खाते में हेमंत सोरेन सरकार ने एक-एक हजार रुपये ट्रांसफर कर दिए. सरकार ने 1.11 लाख मजदूरों के खाते में एक-एक हजार रुपये शुक्रवार को डीबीटी किए. सीएम हेमंत सोरेन ने कहा कि आठ अलग-अलग स्टेज में 11.15 करोड़ रुपये मुख्यमंत्री कोरोना सहायता एप के जरिये मजदूरों के खाते में डीबीटी किए गए हैं.

CM Hemant transfers 1-1 thousand rupees in  account of migrant laborers
प्रवासी मजदूरों के खाते में सीएम ने ट्रांसफर किए 1-1 हजार रुपये
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Published : Apr 24, 2020, 9:04 PM IST

रांची: वैश्विक महामारी कोरोना के कारण से लगे लॉकडाउन में देश के दूसरे हिस्सों में फंसे प्रवासी मजदूरों के खाते में राज्य सरकार ने शुक्रवार को एक-एक हजार रुपये ट्रांसफर किए. 16 अप्रैल को लांच हुए मुख्यमंत्री कोरोना सहायता ऐप में अब तक 2.47 लाख मजदूरों ने रजिस्ट्रेशन कराया. उनमें से 1.11 लाख मजदूरों के खाते में एक-एक हजार शुक्रवार को डीबीटी किए गए. प्रोजेक्ट बिल्डिंग स्थित झारखंड मंत्रालय के नए सभागार में आयोजित कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि चूंकि राज्य सरकार झारखंड के उन लोगों तक अनाज नहीं पहुंचा पा रही है, इसलिए यह पैसे डीबीटी किए जा रहे हैं.

देखें पूरी खबर
बिना राशन कार्ड वाले भी करें अप्लाई, मिलेगा राशनसीएम हेमंत ने कहा कि आठ अलग-अलग स्टेज में 11.15 करोड़ रुपये डीबीटी किए गए हैं, प्रवासी मजदूर अब 29 अप्रैल तक इस ऐप में रजिस्ट्रेशन करा सकेंगे. उन्होंने कहा कि लॉकडाउन के दौरान आम लोगों को दिक्कत ना हो इसके लिए कई सामाजिक सुरक्षा के कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं, जिनकी मॉनिटरिंग राज्य के पदाधिकारी कर रहे हैं. मुख्यमंत्री ने कहा कि कई कोनों से शिकायत आ रही है कि लाभुकों को उसका लाभ नहीं मिल पा रहा है, ऐसे में राज्य सरकार ने निर्णय लिया है कि अब जिनके पास राशन कार्ड नहीं है और जिन्होंने राशन कार्ड के लिए अप्लाई किया है, उन्हें उनके घर के निकट के डीलर ही अनाज देंगे.पास के डीलर के यहां से हो सकेगा अनाज का उठावमुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि एक अनुमान के हिसाब से हजार लोगों की आबादी पर एक राशन दुकान शहरी इलाके में है, इससे वैसे सभी लोगों को अनाज मिल पाएगा, जिन्होंने राशन कार्ड के लिए आवेदन दिए हैं. मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि आवेदन देना जरूरी है. इस मौके पर उनके कैबिनेट के सहयोगी रामेश्वर उरांव, सत्यानंद भोक्ता, बन्ना गुप्ता और चंपई सोरेन भी मौजूद रहे. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री राहत कोष में शुक्रवार को झारखंड के पुलिसकर्मियों ने अपने वेतन से लगभग 8 करोड रुपए डोनेट किए हैं. वहीं रिम्स के डेंटल ट्यूटर्स ने भी 51000 की राशि मुख्यमंत्री राहत कोष में जमा की है.इसे भी पढे़ं:- रांची: कोरोना हॉटस्पॉट 'हिंदपीढ़ी' पर विशेष नजर, SSP ने की ईटीवी भारत से खास बातचीत


16 अप्रैल को लॉन्च हुआ था एप
दरअसल झारखंड से बाहर फंसे राज्य के मजदूरों की समस्याओं को ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार ने 16 अप्रैल को कोरोना सहायता ऐप लॉन्च किया था. इसमें प्रवासी मजदूरों को अपनी डिटेल के साथ रजिस्ट्रेशन कराना है. उन रजिस्टर्ड मजदूरों के संबंधित जिलों से वेरिफिकेशन के बाद उनके एकाउंट में न्यूनतम 1000 रुपये डीबीटी करने की घोषणा भी की गई थी.

रांची: वैश्विक महामारी कोरोना के कारण से लगे लॉकडाउन में देश के दूसरे हिस्सों में फंसे प्रवासी मजदूरों के खाते में राज्य सरकार ने शुक्रवार को एक-एक हजार रुपये ट्रांसफर किए. 16 अप्रैल को लांच हुए मुख्यमंत्री कोरोना सहायता ऐप में अब तक 2.47 लाख मजदूरों ने रजिस्ट्रेशन कराया. उनमें से 1.11 लाख मजदूरों के खाते में एक-एक हजार शुक्रवार को डीबीटी किए गए. प्रोजेक्ट बिल्डिंग स्थित झारखंड मंत्रालय के नए सभागार में आयोजित कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि चूंकि राज्य सरकार झारखंड के उन लोगों तक अनाज नहीं पहुंचा पा रही है, इसलिए यह पैसे डीबीटी किए जा रहे हैं.

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बिना राशन कार्ड वाले भी करें अप्लाई, मिलेगा राशनसीएम हेमंत ने कहा कि आठ अलग-अलग स्टेज में 11.15 करोड़ रुपये डीबीटी किए गए हैं, प्रवासी मजदूर अब 29 अप्रैल तक इस ऐप में रजिस्ट्रेशन करा सकेंगे. उन्होंने कहा कि लॉकडाउन के दौरान आम लोगों को दिक्कत ना हो इसके लिए कई सामाजिक सुरक्षा के कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं, जिनकी मॉनिटरिंग राज्य के पदाधिकारी कर रहे हैं. मुख्यमंत्री ने कहा कि कई कोनों से शिकायत आ रही है कि लाभुकों को उसका लाभ नहीं मिल पा रहा है, ऐसे में राज्य सरकार ने निर्णय लिया है कि अब जिनके पास राशन कार्ड नहीं है और जिन्होंने राशन कार्ड के लिए अप्लाई किया है, उन्हें उनके घर के निकट के डीलर ही अनाज देंगे.पास के डीलर के यहां से हो सकेगा अनाज का उठावमुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि एक अनुमान के हिसाब से हजार लोगों की आबादी पर एक राशन दुकान शहरी इलाके में है, इससे वैसे सभी लोगों को अनाज मिल पाएगा, जिन्होंने राशन कार्ड के लिए आवेदन दिए हैं. मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि आवेदन देना जरूरी है. इस मौके पर उनके कैबिनेट के सहयोगी रामेश्वर उरांव, सत्यानंद भोक्ता, बन्ना गुप्ता और चंपई सोरेन भी मौजूद रहे. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री राहत कोष में शुक्रवार को झारखंड के पुलिसकर्मियों ने अपने वेतन से लगभग 8 करोड रुपए डोनेट किए हैं. वहीं रिम्स के डेंटल ट्यूटर्स ने भी 51000 की राशि मुख्यमंत्री राहत कोष में जमा की है.इसे भी पढे़ं:- रांची: कोरोना हॉटस्पॉट 'हिंदपीढ़ी' पर विशेष नजर, SSP ने की ईटीवी भारत से खास बातचीत


16 अप्रैल को लॉन्च हुआ था एप
दरअसल झारखंड से बाहर फंसे राज्य के मजदूरों की समस्याओं को ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार ने 16 अप्रैल को कोरोना सहायता ऐप लॉन्च किया था. इसमें प्रवासी मजदूरों को अपनी डिटेल के साथ रजिस्ट्रेशन कराना है. उन रजिस्टर्ड मजदूरों के संबंधित जिलों से वेरिफिकेशन के बाद उनके एकाउंट में न्यूनतम 1000 रुपये डीबीटी करने की घोषणा भी की गई थी.

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