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राज्य चलाएंगे कैसे? कर्मचारियों को तनख्वाह देना मुश्किल, विरासत में मिली लाचार आर्थिक व्यवस्थाः सीएम

झारखंड विधानसभा के मानसून सत्र के समापन के मौके पर अपने संबोधन में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने सरकार की नीति और नीयत का जिक्र करते हुए पूर्ववर्ती रघुवर सरकार और केंद्र सरकार को आड़े हाथों लिया.

cm hemant targeted the center and the previous government on the last day of the monsoon session
सदन में सीएम हेमंत
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Published : Sep 23, 2020, 2:10 AM IST

Updated : Sep 23, 2020, 9:31 AM IST

रांची: झारखंड विधानसभा के मानसून सत्र के समापन के मौके पर अपने संबोधन में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने सरकार की नीति और नियत का जिक्र करते हुए पूर्वर्ती रघुवर सरकार और केंद्र सरकार को आड़े हाथों लिया. उन्होंने कहा कि विरासत में लाचार आर्थिक व्यवस्था मिली है, समझ में नहीं आ रहा कि 5 वर्षों के लिए योजना कैसे बनाएं, ऊपर से महामारी है, केंद्र ने लॉकडाउन कर दिया, जो जहां था वहीं रुक गया, सब कुछ खत्म हो गया, सबसे ज्यादा पीड़ा मजदूरों को झेलनी पड़ी, जीवनयापन के लिए दूसरे राज्यों में गये मजदूरों की पीड़ा देखकर आंखों से आंसू बहते थे. मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे लोग तो लेह-लद्दाख तक जाकर रास्ते बना रहे थे, अंडमान भी गए, मैंने सपने में भी नहीं सोचा था कि हमारे लोग ऐसी जगहों पर होंगे, फिर भी हमने सभी को सकुशल वापस लाया, कई राज्यों ने हमारे मॉडल को लागू भी किया.

देखें पूरा वीडियो

'हमारे पास हैं बेहतरीन लैब'

शुरू में संक्रमितों की स्वैब जांच कोलकाता में होती थी लेकिन आठ-नौ माह में सीमित संसाधनों के बीच हमने स्वास्थ्य व्यवस्था को खड़ा किया, आज सात जगह टेस्ट हो रहे हैं, दुनिया की बेहतरीन लैब झारखंड में है. हमारी सरकार हर पंचायत में ऑक्सीजन की व्यवस्था और ऑक्सीमीटर की व्यवस्था कर रही है.

बेबुनियाद है विपक्ष का आरोपः सीएम

मुख्यमंत्री ने कहा कि मुख्य विपक्षी दल भाजपा के लोग बेबुनियाद आरोप लगा रहे हैं. मानसून सत्र की अवधि की तुलना उन्होंने भाजपा शासित राज्यों से की, उत्तर प्रदेश में सिर्फ 3 दिन विधानसभा चली और एमपी में सिर्फ 1 दिन. भाजपा शासित राज्यों के कई मंत्री और विधायक को इस वायरस की वजह से जान गवानी पड़ी. भाजपा की तरफ से दीदी किचन को लेकर उठाए गए सवाल का भी सीएम ने जवाब दिया, उन्होंने कहा कि हमारे लोग झूठ नहीं बोलते, जहां गलती हुई है उसे स्वीकार भी करते हैं और सुधार भी करते हैं.

केंद्र पर साधा निशाना

उन्होंने कहा कि उनकी सरकार फूंक-फूंक कर कदम बढ़ा रही है. अनलॉक में जल्दबाजी करने से दोबारा लॉकडाउन की नौबत आ सकती है. मुख्यमंत्री ने केंद्र सरकार को आड़े हाथों लिया और कहा कि संविधान के अनुच्छेद 123 की शक्तियों का जमकर दुरुपयोग हो रहा है. उन्होंने तबलीगी जमात के पक्ष में कोर्ट की दलील का हवाला देते हुए कहा की जमात को बलि का बकरा ना बनाया जाए. मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार के दबाव में दो ट्रेन से मजदूरों को लेह भेजा गया लेकिन जानकारी मिल रही है कि वहां मजदूरों का शोषण हो रहा है, अगर रक्षा मंत्री ने इस मामले पर संज्ञान नहीं लिया तो हम भी चुप नहीं बैठेंगे.

बीजेपी विधायक पर बरसे सीएम

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री ने केयर फंड बनाया था लेकिन राज्य को सिर्फ 8 करोड़ों रुपए मिले, इसको लेकर भाजपा के विधायक क्यों आवाज नहीं उठाते हैं. उन्होंने कहा कि 2014 में पूर्ववर्ती सरकार को सत्ता सौंपते वक्त डीवीसी पर बकाया जीरो था लेकिन पूर्वर्ती सरकार ने पैसे नहीं दिए जो बढ़कर 5000 करोड़ हो गया है. हद तो यह है कि पूर्ववर्ती रघुवर सरकार ने केंद्र के साथ एग्रीमेंट भी कर लिया था कि डीवीसी को राशि नहीं चुकाने पर केंद्र से मिलने वाली सहायता राशि को काटा जा सकता है. मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य चलाएंगे कैसे, कर्मचारियों को तनख्वाह देना हो मुश्किल जाएगा. उन्होंने कहा कि सभी अनुबंध कर्मियों के लिए उच्च स्तरीय समिति बनाई गई है, जेपीएससी की व्यवस्था को दुरुस्त किया जाएगा और ठोक बजाकर परीक्षाएं ली जाएंगी ताकि युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ ना हो. मुख्यमंत्री ने कहा कि अगले सत्र से पहले सरना धर्म कोर्ट पर प्रस्ताव लाकर केंद्र सरकार को भेजा जाएगा.

इसे भी पढ़ें- मानसून सत्र के अंतिम दिन आठ विधेयक पारित, 17 गैर सरकारी संकल्प पर सरकार ने रखा पक्ष

स्पीकर ने सत्र को बताया सफल

समापन संबोधन के दौरान विधानसभा अध्यक्ष रवींद्रनाथ महतो ने कहा कि छोटा सत्र होने के बावजूद विनियोग विधेयक समेत नौ विधेयक पारित हुए हैं. सभी माननीय ने अपनी अपनी बातें भी रखी है. संसदीय कार्य मंत्री आलमगीर आलम ने भी मानसून सत्र को सफल बताया.

रांची: झारखंड विधानसभा के मानसून सत्र के समापन के मौके पर अपने संबोधन में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने सरकार की नीति और नियत का जिक्र करते हुए पूर्वर्ती रघुवर सरकार और केंद्र सरकार को आड़े हाथों लिया. उन्होंने कहा कि विरासत में लाचार आर्थिक व्यवस्था मिली है, समझ में नहीं आ रहा कि 5 वर्षों के लिए योजना कैसे बनाएं, ऊपर से महामारी है, केंद्र ने लॉकडाउन कर दिया, जो जहां था वहीं रुक गया, सब कुछ खत्म हो गया, सबसे ज्यादा पीड़ा मजदूरों को झेलनी पड़ी, जीवनयापन के लिए दूसरे राज्यों में गये मजदूरों की पीड़ा देखकर आंखों से आंसू बहते थे. मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे लोग तो लेह-लद्दाख तक जाकर रास्ते बना रहे थे, अंडमान भी गए, मैंने सपने में भी नहीं सोचा था कि हमारे लोग ऐसी जगहों पर होंगे, फिर भी हमने सभी को सकुशल वापस लाया, कई राज्यों ने हमारे मॉडल को लागू भी किया.

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'हमारे पास हैं बेहतरीन लैब'

शुरू में संक्रमितों की स्वैब जांच कोलकाता में होती थी लेकिन आठ-नौ माह में सीमित संसाधनों के बीच हमने स्वास्थ्य व्यवस्था को खड़ा किया, आज सात जगह टेस्ट हो रहे हैं, दुनिया की बेहतरीन लैब झारखंड में है. हमारी सरकार हर पंचायत में ऑक्सीजन की व्यवस्था और ऑक्सीमीटर की व्यवस्था कर रही है.

बेबुनियाद है विपक्ष का आरोपः सीएम

मुख्यमंत्री ने कहा कि मुख्य विपक्षी दल भाजपा के लोग बेबुनियाद आरोप लगा रहे हैं. मानसून सत्र की अवधि की तुलना उन्होंने भाजपा शासित राज्यों से की, उत्तर प्रदेश में सिर्फ 3 दिन विधानसभा चली और एमपी में सिर्फ 1 दिन. भाजपा शासित राज्यों के कई मंत्री और विधायक को इस वायरस की वजह से जान गवानी पड़ी. भाजपा की तरफ से दीदी किचन को लेकर उठाए गए सवाल का भी सीएम ने जवाब दिया, उन्होंने कहा कि हमारे लोग झूठ नहीं बोलते, जहां गलती हुई है उसे स्वीकार भी करते हैं और सुधार भी करते हैं.

केंद्र पर साधा निशाना

उन्होंने कहा कि उनकी सरकार फूंक-फूंक कर कदम बढ़ा रही है. अनलॉक में जल्दबाजी करने से दोबारा लॉकडाउन की नौबत आ सकती है. मुख्यमंत्री ने केंद्र सरकार को आड़े हाथों लिया और कहा कि संविधान के अनुच्छेद 123 की शक्तियों का जमकर दुरुपयोग हो रहा है. उन्होंने तबलीगी जमात के पक्ष में कोर्ट की दलील का हवाला देते हुए कहा की जमात को बलि का बकरा ना बनाया जाए. मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार के दबाव में दो ट्रेन से मजदूरों को लेह भेजा गया लेकिन जानकारी मिल रही है कि वहां मजदूरों का शोषण हो रहा है, अगर रक्षा मंत्री ने इस मामले पर संज्ञान नहीं लिया तो हम भी चुप नहीं बैठेंगे.

बीजेपी विधायक पर बरसे सीएम

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री ने केयर फंड बनाया था लेकिन राज्य को सिर्फ 8 करोड़ों रुपए मिले, इसको लेकर भाजपा के विधायक क्यों आवाज नहीं उठाते हैं. उन्होंने कहा कि 2014 में पूर्ववर्ती सरकार को सत्ता सौंपते वक्त डीवीसी पर बकाया जीरो था लेकिन पूर्वर्ती सरकार ने पैसे नहीं दिए जो बढ़कर 5000 करोड़ हो गया है. हद तो यह है कि पूर्ववर्ती रघुवर सरकार ने केंद्र के साथ एग्रीमेंट भी कर लिया था कि डीवीसी को राशि नहीं चुकाने पर केंद्र से मिलने वाली सहायता राशि को काटा जा सकता है. मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य चलाएंगे कैसे, कर्मचारियों को तनख्वाह देना हो मुश्किल जाएगा. उन्होंने कहा कि सभी अनुबंध कर्मियों के लिए उच्च स्तरीय समिति बनाई गई है, जेपीएससी की व्यवस्था को दुरुस्त किया जाएगा और ठोक बजाकर परीक्षाएं ली जाएंगी ताकि युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ ना हो. मुख्यमंत्री ने कहा कि अगले सत्र से पहले सरना धर्म कोर्ट पर प्रस्ताव लाकर केंद्र सरकार को भेजा जाएगा.

इसे भी पढ़ें- मानसून सत्र के अंतिम दिन आठ विधेयक पारित, 17 गैर सरकारी संकल्प पर सरकार ने रखा पक्ष

स्पीकर ने सत्र को बताया सफल

समापन संबोधन के दौरान विधानसभा अध्यक्ष रवींद्रनाथ महतो ने कहा कि छोटा सत्र होने के बावजूद विनियोग विधेयक समेत नौ विधेयक पारित हुए हैं. सभी माननीय ने अपनी अपनी बातें भी रखी है. संसदीय कार्य मंत्री आलमगीर आलम ने भी मानसून सत्र को सफल बताया.

Last Updated : Sep 23, 2020, 9:31 AM IST

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