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ओडिशा के लिंगराज मंदिर सीएम हेमंत सोरेन ने पत्नी संग की पूजा, कलिंगा यूनिवर्सिटी के कार्यक्रम में कल्पना हुईं भावुक - Jharkhand news

सीएम हेमंत सोरेन अपने ओडिशा दौरे के दौरान भुवनेश्वर के लिंगराज मंदिर में पहुंचे जहां उन्होंने पत्नी संग पूजा अर्चना की और राज्य के लिए की सुख-समृद्धि और शांति की कामना.

CM Hemant Soren worshiped at Lingaraj temple
CM Hemant Soren
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Published : Apr 28, 2023, 10:00 PM IST

Updated : Apr 28, 2023, 10:31 PM IST

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रांची/भुवनेश्वर: सीएम हेमंत सोरेन एक दिवसीय दौरे पर ओडिशा पहुंचे. यहां उन्हें कलिंगा यूनिवर्सिटी के कार्यक्रम में शामिल होना था. यूनिवर्सिटी में होने वाले कार्यक्रम से पहले सीएम अपनी पत्नी और मुख्य सचिव के साथ लिंगराज मंदिर गये और पूजा अर्चना की.

ये भी पढ़ें: Jharkhand News: एयर एंबुलेंस सेवा की शुरुआत, झारखंड के गरीबों को भी मिलेगी ये सुविधा- मुख्यमंत्री

सीएम हेमंत सोरेन ने की मंदिर में पूचा अर्चना, झारखंड के सुख शांति के लिए की प्रार्थना: कलिंगा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज में पढ़ने वाले गरीब आदिवासी बच्चों के साथ मुलाकात से पहले सीएम हेमंत सोरेन भुवनेश्वर के प्राचीन लिंगराज मंदिर पहुंचे. यहां उन्होंने अपनी पत्नी कल्पना सोरेन के साथ विधि-विधान से पूजा अर्चना की. उन्होंने राज्य की सुख-शांति, समृद्धि और सद्भाव की कामना की. इस दौरान वहां के मुख्य पुजारी ने उन्हें पूरे मंदिर परिसर में घुमाकर इसका महत्व और पौराणिक मान्यताओं से अवगत कराया. पुजारियों ने मुख्यमंत्री को प्रसाद दिया. उन्होंने विजिटर बुक पर हस्ताक्षर भी किए. यहां मुख्यमंत्री ने तस्वीरें भी खिचवाई. उनके साथ सूबे के मुख्य सचिव सुखदेव सिंह और सचिव विनय कुमार चौबे भी थे.

बेहद प्राचीन है मंदिर: लिंगराज मंदिर भुवनेश्वर में मौजूद यह मंदिर भगवान भुवनेश्वर को समर्पित है. यह बेहद प्रचीन मंदिर है. बताया जाता है कि इस मंदिर को 11वीं शताब्दी में सोमवंशी राजा ययाति केशरी ने बनवाया था. इस मंदिर की स्थापत्यकला अनुपम है. इसके हर पाषाण पर कोई न कोई कलाकृति जरूर अंकित है. इसकी खूबसूरत कलाकृति देखने और पूजा करने दूर-दूर से लोग आते हैं. धार्मिक मान्यता के मुताबिक देवी पार्वती ने यहां दो राक्षसों का वध किया था. युद्ध के बाद प्यास लगने पर भगवान शिव ने कूप बनाकर सभी पवित्र नदियों को योगदान के लिए बुलाया था. आपको बता दें कि मुख्यमंत्री आज ओड़िशा में ही रहेंगे. वह कल रांची लौटेंगे.

पूजा के बाद सीएम अपनी पत्नी के साथ कलिंगा इंस्टीट्यूट के कार्यक्रम में शामिल हुए. यहां झारखंड के सीएम ने कहा कि उनकी सरकार राज्य के चहुंमुखी विकास के लिए ठोस प्रयास कर रही है. उन्होंने कहा कि शिक्षा क्षेत्र का विकास उनकी सरकार के लिए एक प्राथमिकता वाला क्षेत्र है और KISS (कलिंगा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेस) परिसर की उनकी यात्रा का उद्देश्य संस्थान के विकास और विकास को देखना और अपने राज्य में शिक्षा क्षेत्र को फिर से मजबूत करने के बारे में डॉ. सामंत से सुझाव मांगना है.

सीएम ने कहा कि 'इस शुभ अवसर पर, मैं घोषणा करता हूं कि मैं इस KISSको एक महीने का वेतन दूंगा. यह KISS द्वारा प्रदर्शित उत्साह और गुणवत्ता है. यह समाप्त नहीं होना चाहिए, लेकिन आने वाले समय के लिए इसे बनाए रखने की जरूरत है'

यहां पर बोलते हुए सीएम हेमंत सोरेन की पत्नी कल्पना सोरेन बेहद भावुक हो गईं और उनका गला रुंध गया. यहां कल्पना ने कहा कि वे मयूरभंज की रहने वाली हैं और उन्होंने अपनी उच्च शिक्षा भुवनेश्वर में की है. एक छात्र के रूप में अपने संघर्ष के दिनों को याद करते हुए कल्पना मुर्मू सोरेन ने कहा, जब हम वे यहां ट्रेनिंग लेने आती थी तो यहां जंगल होता था. यहां जब वे ऑटो पकड़ने के लिए जाती थीं तो उन्हें डर लगता था.

कल्पना सोरेन ने बच्चों को संबोधित करते हुए कहा कि यहां पर खाने के लिए कुछ नहीं मिलता था. यहां एक साइकिल वाला दहीबड़ा लेकर आता था वही उनका खाना होता था. यहां कल्पना सोरेन ने मौजूद बच्चों को जागरूक किया. कल्पना ने कहा कि यहां उन्हें अपना बचपन याद आता है. उन्होंने कहा कि लक्ष्य को पाने के लिए बहुत कुछ खोना पड़ता था.

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रांची/भुवनेश्वर: सीएम हेमंत सोरेन एक दिवसीय दौरे पर ओडिशा पहुंचे. यहां उन्हें कलिंगा यूनिवर्सिटी के कार्यक्रम में शामिल होना था. यूनिवर्सिटी में होने वाले कार्यक्रम से पहले सीएम अपनी पत्नी और मुख्य सचिव के साथ लिंगराज मंदिर गये और पूजा अर्चना की.

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सीएम हेमंत सोरेन ने की मंदिर में पूचा अर्चना, झारखंड के सुख शांति के लिए की प्रार्थना: कलिंगा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज में पढ़ने वाले गरीब आदिवासी बच्चों के साथ मुलाकात से पहले सीएम हेमंत सोरेन भुवनेश्वर के प्राचीन लिंगराज मंदिर पहुंचे. यहां उन्होंने अपनी पत्नी कल्पना सोरेन के साथ विधि-विधान से पूजा अर्चना की. उन्होंने राज्य की सुख-शांति, समृद्धि और सद्भाव की कामना की. इस दौरान वहां के मुख्य पुजारी ने उन्हें पूरे मंदिर परिसर में घुमाकर इसका महत्व और पौराणिक मान्यताओं से अवगत कराया. पुजारियों ने मुख्यमंत्री को प्रसाद दिया. उन्होंने विजिटर बुक पर हस्ताक्षर भी किए. यहां मुख्यमंत्री ने तस्वीरें भी खिचवाई. उनके साथ सूबे के मुख्य सचिव सुखदेव सिंह और सचिव विनय कुमार चौबे भी थे.

बेहद प्राचीन है मंदिर: लिंगराज मंदिर भुवनेश्वर में मौजूद यह मंदिर भगवान भुवनेश्वर को समर्पित है. यह बेहद प्रचीन मंदिर है. बताया जाता है कि इस मंदिर को 11वीं शताब्दी में सोमवंशी राजा ययाति केशरी ने बनवाया था. इस मंदिर की स्थापत्यकला अनुपम है. इसके हर पाषाण पर कोई न कोई कलाकृति जरूर अंकित है. इसकी खूबसूरत कलाकृति देखने और पूजा करने दूर-दूर से लोग आते हैं. धार्मिक मान्यता के मुताबिक देवी पार्वती ने यहां दो राक्षसों का वध किया था. युद्ध के बाद प्यास लगने पर भगवान शिव ने कूप बनाकर सभी पवित्र नदियों को योगदान के लिए बुलाया था. आपको बता दें कि मुख्यमंत्री आज ओड़िशा में ही रहेंगे. वह कल रांची लौटेंगे.

पूजा के बाद सीएम अपनी पत्नी के साथ कलिंगा इंस्टीट्यूट के कार्यक्रम में शामिल हुए. यहां झारखंड के सीएम ने कहा कि उनकी सरकार राज्य के चहुंमुखी विकास के लिए ठोस प्रयास कर रही है. उन्होंने कहा कि शिक्षा क्षेत्र का विकास उनकी सरकार के लिए एक प्राथमिकता वाला क्षेत्र है और KISS (कलिंगा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेस) परिसर की उनकी यात्रा का उद्देश्य संस्थान के विकास और विकास को देखना और अपने राज्य में शिक्षा क्षेत्र को फिर से मजबूत करने के बारे में डॉ. सामंत से सुझाव मांगना है.

सीएम ने कहा कि 'इस शुभ अवसर पर, मैं घोषणा करता हूं कि मैं इस KISSको एक महीने का वेतन दूंगा. यह KISS द्वारा प्रदर्शित उत्साह और गुणवत्ता है. यह समाप्त नहीं होना चाहिए, लेकिन आने वाले समय के लिए इसे बनाए रखने की जरूरत है'

यहां पर बोलते हुए सीएम हेमंत सोरेन की पत्नी कल्पना सोरेन बेहद भावुक हो गईं और उनका गला रुंध गया. यहां कल्पना ने कहा कि वे मयूरभंज की रहने वाली हैं और उन्होंने अपनी उच्च शिक्षा भुवनेश्वर में की है. एक छात्र के रूप में अपने संघर्ष के दिनों को याद करते हुए कल्पना मुर्मू सोरेन ने कहा, जब हम वे यहां ट्रेनिंग लेने आती थी तो यहां जंगल होता था. यहां जब वे ऑटो पकड़ने के लिए जाती थीं तो उन्हें डर लगता था.

कल्पना सोरेन ने बच्चों को संबोधित करते हुए कहा कि यहां पर खाने के लिए कुछ नहीं मिलता था. यहां एक साइकिल वाला दहीबड़ा लेकर आता था वही उनका खाना होता था. यहां कल्पना सोरेन ने मौजूद बच्चों को जागरूक किया. कल्पना ने कहा कि यहां उन्हें अपना बचपन याद आता है. उन्होंने कहा कि लक्ष्य को पाने के लिए बहुत कुछ खोना पड़ता था.

Last Updated : Apr 28, 2023, 10:31 PM IST
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