रांचीः झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पांच राज्यों में हो रहे विधानसभा चुनाव में प्रचार के लिए बुलाये जाने वाले न्योता का इंतजार कर रहे हैं. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पूरे देश में आदिवासी चेहरा हैं और इकलौते आदिवासी मुख्यमंत्री हैं. ऐसी स्थिति में उन्हें चुनाव प्रचार के लिए मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान जैसे राज्यों में जाना चाहिए, इसे लेकर किए गए सवाल पर सीएम हेमंत सोरेन ने कहा कि हमने इन राज्यों में अपने पार्टी के उम्मीदवार नहीं उतारे हैं और चुनाव प्रचार में बुलाना ना बुलाना यह उन राजनीतिक दलों का काम है जो वहां चुनाव लड़ रहे हैं, इसमें हम क्या कह सकते हैं.
देश में इंडिया गठबंधन बनने के बाद हेमंत सोरेन को समन्वयक के तौर पर गठबंधन में रखा गया. यह माना जा रहा था कि विभिन्न राज्यों में होने वाले चुनाव में जो आपसी समझौता होगा उस के तहत तमाम बड़े नेता चुनाव प्रचार के लिए जाएंगे, लेकिन गठबंधन अभी अपने पैर पर खड़ा भी नहीं हुआ साथ ही गठबंधन की नीतियों पर सवाल भी उठने लगे. मध्य प्रदेश में समाजवादी पार्टी और जनता दल यू द्वारा उम्मीदवार दिए जाने के बाद इस बात की चर्चा है कि इंडिया गठबंधन में सब कुछ ठीक-ठाक नहीं चल रहा है. इसी क्रम में हेमंत सोरेन से जब चुनाव प्रचार के लिए जाने की बात हुई तो उन्होंने कहा कि हमने कहीं पर उम्मीदवार नहीं उतारे हैं लेकिन चुनाव प्रचार में बुलाना ना बुलाना उन लोगों का काम है जो चुनाव लड़ रहे हैं.
वहीं इस बाबत झारखंड मुक्ति मोर्चा के केंद्रीय महासचिव विनोद पांडे ने कहा कि हम इस बात के लिए तैयार हैं कि अगर हमें कहीं से बुलावा आता है तो हमारे पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन चुनाव प्रचार के लिए जाएंगे, लेकिन अभी तक किसी चुनाव प्रचार के लिए किसी राजनीतिक दल ने हमें बुलाया नहीं है. हम तैयार हैं, अगर हमें बुलावा आता है तो हम निश्चित तौर पर चुनाव प्रचार में जाएंगे.