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सीएम हेमंत सोरेन ने की निशुल्क आवासीय कोचिंग योजना की शुरुआत, आदिवासी के बच्चे भी बनेंगे अफसर - झारखंड न्यूज

गुरुवार को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने निशुल्क आवासीय कोचिंग योजना की शुरुआत की. इस योजना के तहत अति संवेदनशील जनजातीय समुदाय (PVTG) के युवक-युवतियों को निशुल्क प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कराई जाएगी.

CM Hemant Soren started free residential coaching scheme
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Published : Aug 17, 2023, 6:57 PM IST

Updated : Aug 17, 2023, 10:05 PM IST

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रांची: प्रतियोगिता परीक्षाओं के लिए झारखंड के जनजातीय समुदाय के युवक-यवतियों को निशुल्क आवासीय कोचिंग सुविधा देने के कार्यक्रम का उद्घाटन मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने किया. डॉ रामदयाल मुंडा जनजाति कल्याण शोध संस्थान में इस कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया. जिसके तहत पहले चरण में 156 छात्रों को जेएसएससी और दूसरी प्रतियोगिता परीक्षाओं की तैयारी कराई की जाएगी. दसवीं से लेकर स्नातक तक के छात्रों को इसमें शामिल किया जाएगा, जिनकी आयु 21 से 40 साल तक हो.

ये भी पढ़ें- LIVE: निशुल्क आवासीय कोचिंग योजना की शुरुआत

जनजातीय समुदाय के युवक-युवतियों के लिए निशुल्क आवासीय कोचिंग सेवा PVTG के उद्घाटन अवसर पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि हम जो कम कर रहे हैं, उसको लेकर कुछ लोगों को आश्चर्य हो रहा है कि आखिर यह सरकार कर क्या रही है. लोग यह सोच रहे हैं कि जो काम किया जा रहा है इसके मायने मतलब क्या है. लोगों को सुनकर यह आश्चर्य हो रहा है कि कैसे आदिवासी समाज के बच्चे विदेश में पढ़ने जा रहे हैं. राज्य में कैसे स्कूल ऑफ एक्सीलेंस शुरू हो गई है. हड़िया दारु बेचने वाली महिलाएं आज विकास की मुख्यधारा में जुड़ रहीं हैं. राज्य में कुल 32 आदिवासी समूह पाए जाते हैं जिनमें से 8 अति कमजोर समूह हैं, जिनके लिए आज इस योजना की शुरुआत की जा रही है. पूरे देश में यह पहला राज्य है जो इस योजना को शुरू कर रहा है.

  • इस निःशुल्क आवासीय कोचिंग प्रोग्राम के लिए अति संवेदनशील आदिवासी समुदाय (पीवीटीजी) से कुल 400 से अधिक आवेदन आये थे जिसमें स्क्रूटिनी के बाद 156 युवाओं को कोचिंग प्रदान की जाएगी। इससे भी ज्यादा मुझे खुशी इस बात की है कि कोचिंग लेने वाले 156 युवाओं में 63 युवतियां हैं।
    मुझे विश्वास… pic.twitter.com/0MdnmoIW2y

    — Hemant Soren (@HemantSorenJMM) August 17, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि आज पूरे देश के आदिवासी समाज खत्म होने के मुहाने पर खड़ा है. पूरे देश में लगभग 750 आदिवासी समूह हैं, जिसमें से 32 समूह झारखंड में पाए जाते हैं और उसमें से आठ समूह अति कमजोर समूह झारखंड में ही है.

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि राज्य से परिवारों को जो राशन मिल रहा है उसे आप कोई विकास नहीं कर सकते हैं. उससे आप ना पढ़ाई कर सकते हैं, ना व्यवसाय कर सकते हैं, ना आगे जा सकते हैं. राशन सिर्फ आप को जिंदा रखने का साधन है. उससे ज्यादा उससे कुछ नहीं किया जा सकता है. राशन चाहे जिस बीपीएल परिवार को मिल रहा हो उससे जिंदा रहने के अलावा कुछ नहीं किया जा सकता.

  • आज रांची स्थित ट्राइबल रिसर्च इंस्टीट्यूट में अति संवेदनशील आदिवासी समुदाय (पीवीटीजी) युवाओं को विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं हेतु निःशुल्क आवासीय कोचिंग के उद्घाटन समारोह कार्यक्रम में शामिल होने का अवसर मिला।
    मुझे बताया गया कि अति संवेदनशील आदिवासी समुदाय के मेरे भाई-बहनों के लिए… pic.twitter.com/uQU9KDcGhs

    — Hemant Soren (@HemantSorenJMM) August 17, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

हेमंत सोरेन ने कहा कि सरकार का काम सिर्फ राशन दे कर अपने जिम्मेदारियों से मुंह मोड़ लेना नहीं है. सरकार का काम लोगों को आगे बढ़ाना है, जहां पर लोग कमजोर हैं उन्हें समाज की मुख्यधारा से जोड़ना है. यह किसी ने सोचा नहीं था कि गरीब अल्पसंख्यक और पिछड़े के बच्चे विदेश पढ़ने जाएंगे यह किसी ने कल्पना तक नहीं की थी, लेकिन आज हमारी सरकार ने जो काम किया है वह यूनाइटेड किंगडम और सरकार के बीच चर्चा का विषय है.

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा का आदिवासी समाज को अपनी गति बढ़ानी होगी. आदिवासी समाज के सभी नौजवानों को अपनी गति बढ़ानी होगी. मैं भी आपके बीच का ही हूं और आदिवासी समाज का ही हूं, कहीं आसमान से नहीं आया. आदिवासी समाज से ही जुड़ा हुआ हूं, लेकिन मैंने अपनी गति बढ़ाई है और आज यहां आपके सामने खड़ा हूं. देश के सामने खड़ा हूं, पूरे विश्व के सामने खड़ा हूं. वह इसलिए है क्योंकि मैंने अपनी गति को बढ़ाया है और यहां पहुंचा हूं. दूसरी जगह पर लोग कम कर रहे हैं लेकिन शायद अपने बीच में आप यह पाएंगे कि आदिवासी समाज का एक मुख्यमंत्री आपके बीच में खड़ा है.

  • आज रांची स्थित डॉ रामदयाल मुण्डा जनजातीय कल्याण शोध संस्थान में PVTG युवाओं के लिए निःशुल्क आवासीय कोचिंग के उद्घाटन कार्यक्रम में शामिल होने का अवसर मिला।
    आप सभी युवाओं को अनेक-अनेक शुभकामनाएँ और जोहार।https://t.co/foL0xjw4lB

    — Hemant Soren (@HemantSorenJMM) August 17, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

हेमंत सोरेन ने कहा कि हमारे पास कई चुनौतियां हैं और उससे हम लड़ भी रहे हैं. हमने अपनी लड़ाइयों को जारी रखा है. हम लड़ते रहेंगे जूझते रहेंगे तभी हम जिंदा रह पाएंगे.

युवाओं के निशुल्क आवासीय कोचिंग व्यवस्था उपलब्ध कराने के लिए आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए झारखंड सरकार के मंत्री चंपई सोरेन ने कहा कि हमारे पूर्वज जिस तरीके से जीवन जिए हैं वह देश के विकास में अहम रहा है. स्वतंत्रता आंदोलन की लड़ाई हो या फिर देश को आगे ले जाने के लिए समर्पित भाव से काम करने का लेकिन बाद के दिनों में व्यवस्थाएं बहुत बदली है, कभी रांची में जनजातीय समुदाय बहुसंख्यक हुआ करते थे लेकिन आज उनकी संख्या बहुत घट गई है.

चंपई सोरेन ने कहा कि यह सोचने का विषय है घट क्यों रहा है. हमारा यह प्रयास है और हम एक ऐसी व्यवस्था लाने जा रहे हैं जिसमें आने वाले समय में ऊंच-नीच का भाव ही खत्म हो जाएगा. चंपई सोरेन ने कहा कि पहाड़ पर रहने वाले बच्चे और दूर गांव में रहने वाले बच्चे जब उच्च परीक्षाओं में पास होंगे और अधिकारी बनेंगे तो उससे देश और समाज में बराबरी की भागीदारी तय होगी. यही दिशोम गुरु शिबू सोरेन का सपना था और उसे पूरा करने के लिए हम लोग लगे हुए हैं.

156 जनजातीय युवक-युवतियों का हुआ है चयन: सरकार के द्वारा शुरू की गई इस योजना के तहत जनजातीय समुदाय के युवक-युक्तियों को निशुल्क आवासीय कोचिंग सुविधा मिलेगी. पहली बार शुरू हुईं इस योजना के तहत निशुल्क कोचिंग के लिए 373 आवेदन मिले थे इसमें से 156 जनजातीय युवक युवतियों का चयन किया गया है. खास बात यह है कि चयनित आवेदकों में 63 युवती और 93 युवक शामिल हैं.

चयनित जनजातीय समूहों में बिरहोर समुदाय के 3, असुर समुदाय के 33, बिरजिया समुदाय के 27, कोरबा समुदाय के 22, परहैया समुदाय के 9, सबर समुदाय के एक, माल पहाड़िया समुदाय के 38 और सौरिया पहाड़िया के 23 युवक युवती शामिल हैं. चयनित इन विद्यार्थियों को झारखंड कर्मचारी चयन आयोग द्वारा आयोजित होने वाली परीक्षा के लिए निशुल्क आवासीय कोचिंग दी जायेगी. इधर सरकार की इस योजना से लाभुक खुश थे. मुख्यमंत्री ने इन बच्चों को स्टडी मैटेरियल देकर हौसला अफजाई की और कहा कि झारखंड कर्मचारी चयन आयोग की परीक्षा में जरूर यह बच्चे सफल होंगे.

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रांची: प्रतियोगिता परीक्षाओं के लिए झारखंड के जनजातीय समुदाय के युवक-यवतियों को निशुल्क आवासीय कोचिंग सुविधा देने के कार्यक्रम का उद्घाटन मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने किया. डॉ रामदयाल मुंडा जनजाति कल्याण शोध संस्थान में इस कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया. जिसके तहत पहले चरण में 156 छात्रों को जेएसएससी और दूसरी प्रतियोगिता परीक्षाओं की तैयारी कराई की जाएगी. दसवीं से लेकर स्नातक तक के छात्रों को इसमें शामिल किया जाएगा, जिनकी आयु 21 से 40 साल तक हो.

ये भी पढ़ें- LIVE: निशुल्क आवासीय कोचिंग योजना की शुरुआत

जनजातीय समुदाय के युवक-युवतियों के लिए निशुल्क आवासीय कोचिंग सेवा PVTG के उद्घाटन अवसर पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि हम जो कम कर रहे हैं, उसको लेकर कुछ लोगों को आश्चर्य हो रहा है कि आखिर यह सरकार कर क्या रही है. लोग यह सोच रहे हैं कि जो काम किया जा रहा है इसके मायने मतलब क्या है. लोगों को सुनकर यह आश्चर्य हो रहा है कि कैसे आदिवासी समाज के बच्चे विदेश में पढ़ने जा रहे हैं. राज्य में कैसे स्कूल ऑफ एक्सीलेंस शुरू हो गई है. हड़िया दारु बेचने वाली महिलाएं आज विकास की मुख्यधारा में जुड़ रहीं हैं. राज्य में कुल 32 आदिवासी समूह पाए जाते हैं जिनमें से 8 अति कमजोर समूह हैं, जिनके लिए आज इस योजना की शुरुआत की जा रही है. पूरे देश में यह पहला राज्य है जो इस योजना को शुरू कर रहा है.

  • इस निःशुल्क आवासीय कोचिंग प्रोग्राम के लिए अति संवेदनशील आदिवासी समुदाय (पीवीटीजी) से कुल 400 से अधिक आवेदन आये थे जिसमें स्क्रूटिनी के बाद 156 युवाओं को कोचिंग प्रदान की जाएगी। इससे भी ज्यादा मुझे खुशी इस बात की है कि कोचिंग लेने वाले 156 युवाओं में 63 युवतियां हैं।
    मुझे विश्वास… pic.twitter.com/0MdnmoIW2y

    — Hemant Soren (@HemantSorenJMM) August 17, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि आज पूरे देश के आदिवासी समाज खत्म होने के मुहाने पर खड़ा है. पूरे देश में लगभग 750 आदिवासी समूह हैं, जिसमें से 32 समूह झारखंड में पाए जाते हैं और उसमें से आठ समूह अति कमजोर समूह झारखंड में ही है.

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि राज्य से परिवारों को जो राशन मिल रहा है उसे आप कोई विकास नहीं कर सकते हैं. उससे आप ना पढ़ाई कर सकते हैं, ना व्यवसाय कर सकते हैं, ना आगे जा सकते हैं. राशन सिर्फ आप को जिंदा रखने का साधन है. उससे ज्यादा उससे कुछ नहीं किया जा सकता है. राशन चाहे जिस बीपीएल परिवार को मिल रहा हो उससे जिंदा रहने के अलावा कुछ नहीं किया जा सकता.

  • आज रांची स्थित ट्राइबल रिसर्च इंस्टीट्यूट में अति संवेदनशील आदिवासी समुदाय (पीवीटीजी) युवाओं को विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं हेतु निःशुल्क आवासीय कोचिंग के उद्घाटन समारोह कार्यक्रम में शामिल होने का अवसर मिला।
    मुझे बताया गया कि अति संवेदनशील आदिवासी समुदाय के मेरे भाई-बहनों के लिए… pic.twitter.com/uQU9KDcGhs

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हेमंत सोरेन ने कहा कि सरकार का काम सिर्फ राशन दे कर अपने जिम्मेदारियों से मुंह मोड़ लेना नहीं है. सरकार का काम लोगों को आगे बढ़ाना है, जहां पर लोग कमजोर हैं उन्हें समाज की मुख्यधारा से जोड़ना है. यह किसी ने सोचा नहीं था कि गरीब अल्पसंख्यक और पिछड़े के बच्चे विदेश पढ़ने जाएंगे यह किसी ने कल्पना तक नहीं की थी, लेकिन आज हमारी सरकार ने जो काम किया है वह यूनाइटेड किंगडम और सरकार के बीच चर्चा का विषय है.

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा का आदिवासी समाज को अपनी गति बढ़ानी होगी. आदिवासी समाज के सभी नौजवानों को अपनी गति बढ़ानी होगी. मैं भी आपके बीच का ही हूं और आदिवासी समाज का ही हूं, कहीं आसमान से नहीं आया. आदिवासी समाज से ही जुड़ा हुआ हूं, लेकिन मैंने अपनी गति बढ़ाई है और आज यहां आपके सामने खड़ा हूं. देश के सामने खड़ा हूं, पूरे विश्व के सामने खड़ा हूं. वह इसलिए है क्योंकि मैंने अपनी गति को बढ़ाया है और यहां पहुंचा हूं. दूसरी जगह पर लोग कम कर रहे हैं लेकिन शायद अपने बीच में आप यह पाएंगे कि आदिवासी समाज का एक मुख्यमंत्री आपके बीच में खड़ा है.

  • आज रांची स्थित डॉ रामदयाल मुण्डा जनजातीय कल्याण शोध संस्थान में PVTG युवाओं के लिए निःशुल्क आवासीय कोचिंग के उद्घाटन कार्यक्रम में शामिल होने का अवसर मिला।
    आप सभी युवाओं को अनेक-अनेक शुभकामनाएँ और जोहार।https://t.co/foL0xjw4lB

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हेमंत सोरेन ने कहा कि हमारे पास कई चुनौतियां हैं और उससे हम लड़ भी रहे हैं. हमने अपनी लड़ाइयों को जारी रखा है. हम लड़ते रहेंगे जूझते रहेंगे तभी हम जिंदा रह पाएंगे.

युवाओं के निशुल्क आवासीय कोचिंग व्यवस्था उपलब्ध कराने के लिए आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए झारखंड सरकार के मंत्री चंपई सोरेन ने कहा कि हमारे पूर्वज जिस तरीके से जीवन जिए हैं वह देश के विकास में अहम रहा है. स्वतंत्रता आंदोलन की लड़ाई हो या फिर देश को आगे ले जाने के लिए समर्पित भाव से काम करने का लेकिन बाद के दिनों में व्यवस्थाएं बहुत बदली है, कभी रांची में जनजातीय समुदाय बहुसंख्यक हुआ करते थे लेकिन आज उनकी संख्या बहुत घट गई है.

चंपई सोरेन ने कहा कि यह सोचने का विषय है घट क्यों रहा है. हमारा यह प्रयास है और हम एक ऐसी व्यवस्था लाने जा रहे हैं जिसमें आने वाले समय में ऊंच-नीच का भाव ही खत्म हो जाएगा. चंपई सोरेन ने कहा कि पहाड़ पर रहने वाले बच्चे और दूर गांव में रहने वाले बच्चे जब उच्च परीक्षाओं में पास होंगे और अधिकारी बनेंगे तो उससे देश और समाज में बराबरी की भागीदारी तय होगी. यही दिशोम गुरु शिबू सोरेन का सपना था और उसे पूरा करने के लिए हम लोग लगे हुए हैं.

156 जनजातीय युवक-युवतियों का हुआ है चयन: सरकार के द्वारा शुरू की गई इस योजना के तहत जनजातीय समुदाय के युवक-युक्तियों को निशुल्क आवासीय कोचिंग सुविधा मिलेगी. पहली बार शुरू हुईं इस योजना के तहत निशुल्क कोचिंग के लिए 373 आवेदन मिले थे इसमें से 156 जनजातीय युवक युवतियों का चयन किया गया है. खास बात यह है कि चयनित आवेदकों में 63 युवती और 93 युवक शामिल हैं.

चयनित जनजातीय समूहों में बिरहोर समुदाय के 3, असुर समुदाय के 33, बिरजिया समुदाय के 27, कोरबा समुदाय के 22, परहैया समुदाय के 9, सबर समुदाय के एक, माल पहाड़िया समुदाय के 38 और सौरिया पहाड़िया के 23 युवक युवती शामिल हैं. चयनित इन विद्यार्थियों को झारखंड कर्मचारी चयन आयोग द्वारा आयोजित होने वाली परीक्षा के लिए निशुल्क आवासीय कोचिंग दी जायेगी. इधर सरकार की इस योजना से लाभुक खुश थे. मुख्यमंत्री ने इन बच्चों को स्टडी मैटेरियल देकर हौसला अफजाई की और कहा कि झारखंड कर्मचारी चयन आयोग की परीक्षा में जरूर यह बच्चे सफल होंगे.

Last Updated : Aug 17, 2023, 10:05 PM IST
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