रांचीः झारखंड मंत्रालय में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने गुरुवार को कृषि, पशुपालन एवं सहकारिता विभाग के कामकाज की समीक्षा की. इस दौरान मुख्यमंत्री ने कृषि और किसानों के विकास को राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता बताई. साथ ही किसानों को केसीसी से जोड़ने के लिए सभी प्रखंडों में केसीसी मेला आयोजित करने के निर्देश दिए. मुख्यमंत्री ने किसान क्रेडिट कार्ड, पशुधन विकास योजना, बीज-खाद वितरण, कोल्ड स्टोरेज, लैम्प्स पैक्स, व्यापार मंडल और सहकारी समितियों के कार्य, जल स्रोतों के पुनरुद्धार आदि से संबंधित योजनाओं एवं कार्यों की प्रगति की जानकारी ली.
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प्रखंडों में केसीसी मेलाः समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि बैंकों द्वारा प्रतिदिन जितने केसीसी जारी किए जाते हैं, उसकी मॉनिटरिंग के लिए मैकेनिज्म बनाएं. अधिकारियों ने मुख्यमंत्री को बताया कि वित्तीय वर्ष 2022-23 में 29.38 लाख किसानों को केसीसी से जोड़ने का लक्ष्य है. 17.76 लाख किसानों को केसीसी उपलब्ध कराया जा चुका है. मुख्यमंत्री ने कहा कि किसान पाठशाला सरकार की एक महत्वाकांक्षी योजना है. इसका बेहतर तरीके से संचालन होना चाहिए. किसान पाठशाला के संचालन का जिम्मा प्रोग्रेसिव किसानों को देने की दिशा में कार्ययोजना बनाएं. उन्होंने किसान पाठशाला के जरिये बीज और अन्य कृषि सामग्री उपलब्ध कराने की दिशा में भी पहल करने के लिए अधिकारियों को निर्देश दिए.
राज्य में वर्तमान में 17 किसान पाठशाला खोले गए हैं ,जबकि इस वित्तीय वर्ष में 50 किसान पाठशाला खोलने का लक्ष्य है.इसके अलावा समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री ने मुख्यमंत्री पशुधन विकास योजना की समीक्षा करते हुए कहा कि ग्रामीण इलाकों में किसान-पशुपालकों को समृद्ध बनाने के लिए जरूरी है कि पशुधन का बेहतर तरीके से इस्तेमाल हो.उन्होंने कहा कि गांव में पशुओं के पालन का जिम्मा पशु मित्रों अथवा चरवाहों को देने के लिए कार्य योजना बनाएं. इन्हें प्रोत्साहन राशि दें तथा इसकी नियमित निगरानी की जाय.
खाद की कालाबाजारी पर सरकार गंभीरः मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से कहा कि खाद की कालाबाजारी हर हाल में रूकनी चाहिए. किसानों को खाद की किल्लत नहीं हो, इसकी पुख्ता व्यवस्था हो. उन्होंने खाद वितरण के लिए नए लाइसेंस जारी करने के निर्देश दिए. इसके अलावा बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा कि कृषि उत्पादों के भंडारण की बजाय उसके बाजार की बेहतर व्यवस्था होनी चाहिए. उन्होंने कृषि बाजार बनाने पर जोर दिया, ताकि किसान अपने उत्पादों को वहां आसानी से ला सकें. इसके साथ किसानों को उनके उत्पाद का बेहतर मूल्य मिले, इसका भी ध्यान रखा जाना चाहिए.
सीएम हेमंत सोरेन ने कहा कि सरकार के द्वारा जो गोदाम बनाए गए हैं, उसके संचालन का जिम्मा मार्केटिंग फेडरेशन को सौंपने की दिशा में कार्य योजना बनाई जाए. मुख्यमंत्री ने ग्रामीण इलाकों में ट्रांसपोर्टेशन की बेहतर व्यवस्था नहीं होने से किसान को हो रही परेशानी पर चिंता जताते हुए अधिकारियों से कहा कि गुड्स ट्रांसपोर्ट की व्यवस्था तैयार करें, ताकि ग्रामीण इलाकों में हाट- बाजार के दिन किसान अपने उत्पादों को गुड्स ट्रांसपोर्ट के माध्यम से ला सके.
जल स्रोतों को विकसित करने का निर्देशः कृषि विभाग की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि बेहतर फसल उत्पादन के लिए जल स्रोतों की उचित व्यवस्था होनी चाहिए. मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से कहा कि राज्य में सभी जल स्रोतों का जीर्णोद्धार किया जाए.अधिकारियों ने मुख्यमंत्री को बताया कि राज्य में 1262 तालाबों का जीर्णोद्धार किया जा रहा है, जिसमें 686 का कार्य पूर्ण हो चुका है वहीं डीप बोरिंग के 3729 में से 1038 का जीर्णोद्धार हो चुका है. इसके अलावा बैठक में निर्माणाधीन कोल्ड स्टोरेज कार्य को जल्द पूरा कर चालू करने का निर्देश दिया गया है. बैठक में अधिकारियों ने कहा कि राज्य में 5000 एमटी के 19 कोल्ड स्टोरेज में दो का निर्माण कार्य पूरा हो चुका है, जबकि 30 एमटी के 139 और 5 एमटी के 57 कोल्ड स्टोरेज बनाए जा रहे हैं.
विभाग के नए सिंगल विंडो सिस्टम का हुआ ऑनलाइन उद्घाटनः समीक्षा बैठक के दौरान मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कृषि विभाग के सिंगल विंडो सिस्टम का ऑनलाइन उद्घाटन किया. इस सिंगल विंडो से बीज, सहकारी समितियां , खाद और कीटनाशक से जुड़ी योजनाओं और कार्यों को ऑनलाइन जोड़ा गया है. समीक्षा बैठक में विभागीय मंत्री बादल, मुख्य सचिव सुखदेव सिंह, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव राजीव अरुण एक्का, मुख्यमंत्री के सचिव विनय कुमार चौबे, कृषि, पशुपालन एवं सहकारिता विभाग के सचिव अबू बकर सिद्दीक, निदेशक कृषि निशा उरांव, निदेशक भूमि संरक्षण सुभाष प्रसाद सिंह, निदेशक मत्स्य एच एम द्विवेदी आदि मौजूद थे.