ETV Bharat / state

नीति आयोग के समक्ष राज्य सरकार ने बकाया को लेकर जताई नाराजगी, जानिए बैठक में क्या उठा मामला

झारखंड की राजधानी रांची पहुंची नीति आयोग की टीम के साथ मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने बैठक की. इस दौरान विभिन्न विभागों के मंत्री भी मौजूद थे. इस दौरान केंद्र पर राज्य सरकार के बकाए का भुगतान के साथ ही और भी कई मुद्दों को राज्य सरकार की ओर से उठाया गया. इसमें कोल कंपनियों द्वारा मुआवजा की राशि का भुगतान का मुद्दा भी था. नीति आयोग की टीम ने भी झारखंड सरकार को कई सुझाव दिए.

author img

By

Published : Jul 12, 2023, 10:42 PM IST

Updated : Jul 13, 2023, 7:02 AM IST

cm meeting of NITI Aayog team
cm meeting of NITI Aayog team
देखें वीडियो

रांची: राज्य सरकार ने एक बार फिर केंद्रीय योजना मद की राशि लंबित होने की शिकायत नीति आयोग से करते हुए इसके शीघ्र भुगतान कराने का आग्रह किया है. झारखंड मंत्रालय में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की मौजूदगी में नीति आयोग की टीम के साथ हुई राज्य सरकार की बैठक में यह बातें सामने आई हैं. नीति आयोग के साथ करीब चार घंटे तक चली इस बैठक में राज्य सरकार की ओर से कृषि, स्वास्थ्य, ऊर्जा, खाद्य आपूर्ति सहित विभिन्न विभागों से जुड़ी केंद्रीय योजना मद की राशि लंबे समय से लंबित होने की वजह से विकास कार्य में आ रही बाधा से अवगत कराया गया.

यह भी पढ़ें: रांची पहुंची 9 सदस्य नीति आयोग की टीम, बुधवार को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और अधिकारियों के साथ होगी अहम बैठक

इस मौके पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि झारखंड जैसे पिछड़े राज्यों के लिए यह आवश्यक है कि विकास की राह में यह कैसे आगे बढ़े. इसके लिए विशेष कार्य किए जाएं. हमें संसाधन तो मिल रहे हैं, लेकिन उसका उपयोग ऐसी जगह हो रहा है जिससे उसका जितना फायदा होना चाहिए वह नहीं मिल पा रहा है. मुख्यमंत्री ने मेडिकल कॉलेज का उदाहरण देते हुए कहा कि सुदूरवर्ती क्षेत्रों में खोले गए अस्पताल में डॉक्टर जाना नहीं चाहते और वहां संसाधन का घोर अभाव है. आनन-फानन में उद्घाटन तो कर दिया गया, मगर जो सुविधाएं होनी चाहिए, वह उपलब्ध नहीं हो पाई. नीति आयोग से झारखंड सरकार ने यह मांग किया है कि जो भी भविष्य में योजनाएं बनाई जाए वह राज्य सरकार की सहमति से केंद्र सरकार बनाए.

स्टेट्स सपोर्ट मिशन से होगा झारखंड सहित देश का विकास: नीति आयोग के सदस्य विनोद कुमार पॉल के नेतृत्व में झारखंड के दो दिवसीय दौरे पर आई टीम में वरीय सलाहकार नीरज सिन्हा, सलाहकार श्रीमती नीलम पटेल, डॉक्टर अमृत कॉल पॉल, डॉक्टर अशोक ए, डॉ. थ्यागराजू, सुमन सौरभ नमन अग्रवाल शामिल थे. बैठक के बाद नीति आयोग के सदस्य विनोद कुमार पॉल ने कहा कि स्टेट्स सपोर्ट मिशन यानी एसएसएम के जरिए अब राज्यों का विकास होगा. इसके लिए राज्य खुद भविष्य की योजना बनाएंगे. नीति आयोग और केंद्र सरकार ने इसकी शुरुआत की है और इसके तहत सभी राज्यों को इसे प्रभावी बनाने के लिए कहा गया है. उन्होंने कहा कि देश के 500 प्रखंडों को विकसित करने के लिए केंद्र सरकार ने 3 जनवरी को अभियान की शुरुआत की है. झारखंड में भी सुदूरवर्ती क्षेत्रों के ब्लॉकों को विकसित किया जाएगा. केंद्र और राज्य सरकार के बीच समन्वय बनाकर समाज के अंतिम व्यक्ति तक योजनाओं का लाभ पहुंचे, नीति आयोग का यही मकसद है.

रांची-साहिबगंज एक्सप्रेस वे का राज्य सरकार ने दिया प्रस्ताव: नीति आयोग के साथ राज्य सरकार की हुई बैठक के दौरान साहिबगंज से रांची तक ग्रीन फील्ड एक्सप्रेस बनाने का प्रस्ताव दिया गया. जिसकी लागत लगभग 2000 करोड रुपए है. इसके अलावा राज्य में 8 नए कोरिडोर भी बनाने की योजना है, जिसकी लंबाई लगभग 1600 किलोमीटर होगी. यह झारखंड के कई जिलों को जोड़ने के साथ-साथ दूसरे राज्यों को भी जोड़ने का काम करेगा. राज्य सरकार की ओर से भेजे गए दोनों प्रस्ताव पर केंद्र सरकार जल्द अमल करें, इसका आग्रह नीति आयोग से किया गया है.

बैठक में फूड सिक्योरिटी को लेकर राज्य सरकार के द्वारा आपत्ति जताते हुए कहा गया कि केंद्र द्वारा लाभुकों का जितना कोटा तय है. उससे कहीं ज्यादा लाभुकों को राशन की जरूरत है. इसलिए राज्य सरकार ने अपने स्तर पर राशन कार्ड जारी किए हैं, लेकिन राज्य सरकार के राशन कार्डधारियों के लिए सरकार को अनाज बाजार से खरीदना पड़ता है. फूड कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया द्वारा अनाज उपलब्ध नहीं कराया जाता है. ऐसे में नीति आयोग केंद्र सरकार के पास झारखंड की इस मांग को रखें कि राज्य सरकार के राशन कार्ड धारियों के लिए भी झारखंड को एफसीआई से अनाज उपलब्ध कराया जाए.

राज्य सरकार की ओर से ये रखी गई मांग: राज्य सरकार के साथ नीति आयोग की हुई बैठक में कोयला मंत्रालय, जल शक्ति मंत्रालय, वन पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, सड़क परिवहन और राष्ट्रीय राजमार्ग मंत्रालय, ऊर्जा मंत्रालय, केंद्रीय जनजातीय मंत्रालय और महिला एवं बाल कल्याण मंत्रालय से जुड़े मुद्दों पर चर्चा हुई. बैठक के दौरान कोयला मंत्रालय से जुड़े मामलों में कोल कंपनियों द्वारा जमीन अधिग्रहण के एवज में मुआवजा और कोयले पर राज्य सरकार को मिलने वाली रॉयल्टी से जुड़े मुद्दे को उठाया गया.

इस मौके पर मुख्यमंत्री ने कहा कि विभिन्न कोयला कंपनियों का जमीन अधिग्रहण को लेकर लगभग 80 हजार करोड़ रुपया दिया जाना है. लेकिन मात्र 2532 करोड़ रुपए राज्य सरकार और रैयतों को मुआवजा दिया गया है. मुख्यमंत्री ने कहा कि कोल कंपनियां जो भी जमीन अधिग्रहित करती हैं, उसका मुआवजा मिलना चाहिए. भलें ही उस पर खनन कार्य शुरू नहीं हुआ हो. बैठक में नीति आयोग के समक्ष राज्य सरकार के द्वारा मुख्यमंत्री पशुधन योजना के बारे में जानकारी देते हुए पशुओं के इंश्योरेंस की पहल केंद्र द्वारा किए जाने की मांग रखी गई. इस बैठक में राज्य सरकार के द्वारा स्वर्णरेखा बहुउद्देशीय परियोजना, प्रधानमंत्री आवास योजना, ग्रामीण विकास, वन क्षेत्र में टूरिज्म को बढ़ावा देना, गंगा नदी पर पुल, मनरेगा दर बढ़ाने और ऊर्जा को लेकर डीवीसी से जुड़े मामले को भी रखा गया.

देखें वीडियो

रांची: राज्य सरकार ने एक बार फिर केंद्रीय योजना मद की राशि लंबित होने की शिकायत नीति आयोग से करते हुए इसके शीघ्र भुगतान कराने का आग्रह किया है. झारखंड मंत्रालय में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की मौजूदगी में नीति आयोग की टीम के साथ हुई राज्य सरकार की बैठक में यह बातें सामने आई हैं. नीति आयोग के साथ करीब चार घंटे तक चली इस बैठक में राज्य सरकार की ओर से कृषि, स्वास्थ्य, ऊर्जा, खाद्य आपूर्ति सहित विभिन्न विभागों से जुड़ी केंद्रीय योजना मद की राशि लंबे समय से लंबित होने की वजह से विकास कार्य में आ रही बाधा से अवगत कराया गया.

यह भी पढ़ें: रांची पहुंची 9 सदस्य नीति आयोग की टीम, बुधवार को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और अधिकारियों के साथ होगी अहम बैठक

इस मौके पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि झारखंड जैसे पिछड़े राज्यों के लिए यह आवश्यक है कि विकास की राह में यह कैसे आगे बढ़े. इसके लिए विशेष कार्य किए जाएं. हमें संसाधन तो मिल रहे हैं, लेकिन उसका उपयोग ऐसी जगह हो रहा है जिससे उसका जितना फायदा होना चाहिए वह नहीं मिल पा रहा है. मुख्यमंत्री ने मेडिकल कॉलेज का उदाहरण देते हुए कहा कि सुदूरवर्ती क्षेत्रों में खोले गए अस्पताल में डॉक्टर जाना नहीं चाहते और वहां संसाधन का घोर अभाव है. आनन-फानन में उद्घाटन तो कर दिया गया, मगर जो सुविधाएं होनी चाहिए, वह उपलब्ध नहीं हो पाई. नीति आयोग से झारखंड सरकार ने यह मांग किया है कि जो भी भविष्य में योजनाएं बनाई जाए वह राज्य सरकार की सहमति से केंद्र सरकार बनाए.

स्टेट्स सपोर्ट मिशन से होगा झारखंड सहित देश का विकास: नीति आयोग के सदस्य विनोद कुमार पॉल के नेतृत्व में झारखंड के दो दिवसीय दौरे पर आई टीम में वरीय सलाहकार नीरज सिन्हा, सलाहकार श्रीमती नीलम पटेल, डॉक्टर अमृत कॉल पॉल, डॉक्टर अशोक ए, डॉ. थ्यागराजू, सुमन सौरभ नमन अग्रवाल शामिल थे. बैठक के बाद नीति आयोग के सदस्य विनोद कुमार पॉल ने कहा कि स्टेट्स सपोर्ट मिशन यानी एसएसएम के जरिए अब राज्यों का विकास होगा. इसके लिए राज्य खुद भविष्य की योजना बनाएंगे. नीति आयोग और केंद्र सरकार ने इसकी शुरुआत की है और इसके तहत सभी राज्यों को इसे प्रभावी बनाने के लिए कहा गया है. उन्होंने कहा कि देश के 500 प्रखंडों को विकसित करने के लिए केंद्र सरकार ने 3 जनवरी को अभियान की शुरुआत की है. झारखंड में भी सुदूरवर्ती क्षेत्रों के ब्लॉकों को विकसित किया जाएगा. केंद्र और राज्य सरकार के बीच समन्वय बनाकर समाज के अंतिम व्यक्ति तक योजनाओं का लाभ पहुंचे, नीति आयोग का यही मकसद है.

रांची-साहिबगंज एक्सप्रेस वे का राज्य सरकार ने दिया प्रस्ताव: नीति आयोग के साथ राज्य सरकार की हुई बैठक के दौरान साहिबगंज से रांची तक ग्रीन फील्ड एक्सप्रेस बनाने का प्रस्ताव दिया गया. जिसकी लागत लगभग 2000 करोड रुपए है. इसके अलावा राज्य में 8 नए कोरिडोर भी बनाने की योजना है, जिसकी लंबाई लगभग 1600 किलोमीटर होगी. यह झारखंड के कई जिलों को जोड़ने के साथ-साथ दूसरे राज्यों को भी जोड़ने का काम करेगा. राज्य सरकार की ओर से भेजे गए दोनों प्रस्ताव पर केंद्र सरकार जल्द अमल करें, इसका आग्रह नीति आयोग से किया गया है.

बैठक में फूड सिक्योरिटी को लेकर राज्य सरकार के द्वारा आपत्ति जताते हुए कहा गया कि केंद्र द्वारा लाभुकों का जितना कोटा तय है. उससे कहीं ज्यादा लाभुकों को राशन की जरूरत है. इसलिए राज्य सरकार ने अपने स्तर पर राशन कार्ड जारी किए हैं, लेकिन राज्य सरकार के राशन कार्डधारियों के लिए सरकार को अनाज बाजार से खरीदना पड़ता है. फूड कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया द्वारा अनाज उपलब्ध नहीं कराया जाता है. ऐसे में नीति आयोग केंद्र सरकार के पास झारखंड की इस मांग को रखें कि राज्य सरकार के राशन कार्ड धारियों के लिए भी झारखंड को एफसीआई से अनाज उपलब्ध कराया जाए.

राज्य सरकार की ओर से ये रखी गई मांग: राज्य सरकार के साथ नीति आयोग की हुई बैठक में कोयला मंत्रालय, जल शक्ति मंत्रालय, वन पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, सड़क परिवहन और राष्ट्रीय राजमार्ग मंत्रालय, ऊर्जा मंत्रालय, केंद्रीय जनजातीय मंत्रालय और महिला एवं बाल कल्याण मंत्रालय से जुड़े मुद्दों पर चर्चा हुई. बैठक के दौरान कोयला मंत्रालय से जुड़े मामलों में कोल कंपनियों द्वारा जमीन अधिग्रहण के एवज में मुआवजा और कोयले पर राज्य सरकार को मिलने वाली रॉयल्टी से जुड़े मुद्दे को उठाया गया.

इस मौके पर मुख्यमंत्री ने कहा कि विभिन्न कोयला कंपनियों का जमीन अधिग्रहण को लेकर लगभग 80 हजार करोड़ रुपया दिया जाना है. लेकिन मात्र 2532 करोड़ रुपए राज्य सरकार और रैयतों को मुआवजा दिया गया है. मुख्यमंत्री ने कहा कि कोल कंपनियां जो भी जमीन अधिग्रहित करती हैं, उसका मुआवजा मिलना चाहिए. भलें ही उस पर खनन कार्य शुरू नहीं हुआ हो. बैठक में नीति आयोग के समक्ष राज्य सरकार के द्वारा मुख्यमंत्री पशुधन योजना के बारे में जानकारी देते हुए पशुओं के इंश्योरेंस की पहल केंद्र द्वारा किए जाने की मांग रखी गई. इस बैठक में राज्य सरकार के द्वारा स्वर्णरेखा बहुउद्देशीय परियोजना, प्रधानमंत्री आवास योजना, ग्रामीण विकास, वन क्षेत्र में टूरिज्म को बढ़ावा देना, गंगा नदी पर पुल, मनरेगा दर बढ़ाने और ऊर्जा को लेकर डीवीसी से जुड़े मामले को भी रखा गया.

Last Updated : Jul 13, 2023, 7:02 AM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.