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मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का वादा- खतियान आधारित स्थानीयता पर सरकार करेगी विचार, ओल्ड पेंशन स्कीम भी लागू करेगी - खतियान आधारित स्थानीयता

स्थानीयता को लेकर उठे विवाद के बीच मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने सदन में दिए गए बयान पर शुक्रवार को सफाई दी. इस दौरान खतियान आधारित स्थानीयता पर विचार करने और ओल्ड पेंशन स्कीम लागू करने का वादा किया.

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मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन
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Published : Mar 25, 2022, 11:10 PM IST

रांची: स्थानीयता को लेकर उठे विवाद के बीच मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने सदन में दिए गए बयान पर सफाई देते हुए शुक्रवार को कहा कि उनके वक्तव्य को तोड़ मरोड़कर प्रचारित किया जा रहा है. बजट सत्र के आखिरी दिन विधानसभा में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने करीब डेढ़ घंटे तक संबोधित किया.मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने बजट सत्र के समापन के दौरान सदन को संबोधित करते हुए कहा कि राज्य में बहुत जल्द ओल्ड पेंशन स्कीम लागू की जाएगी. इसके अलावा मनरेगाकर्मियों सहित सभी अनुबंधकर्मियों की समस्या का भी निदान किया जाएगा. सदन में मुख्यमंत्री द्वारा पुलिसकर्मियों की वर्दी भत्ता एवं क्षतिपूर्ति अवकाश भत्ता देने की भी घोषणा की गई.

ये भी पढ़ें-HEC का होना चाहिए पुनरुद्धार, सरयू का सवाल, सीएम बोले, भारत सरकार का रवैया अच्छा नहीं


मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में पूर्ववर्ती भाजपा सरकार को जहां आड़े हाथों लिया, वहीं खतियान आधारित स्थानीयता पर कहा कि हम खतियान का सम्मान करते हैं. यहां जो भी कानून बनेंगे यहां के जनमानस की भावना के अनुसार होंगे. इस राज्य में 1911, 1932, 1964 ,1918 ,2005 और 1993 में भी सर्वे हुआ है. इसका गजट प्रकाशन भी हुआ है.

सीएम हेमंत सोरेने ने कहा कि सदन तय करे कि कौन से सर्वे को आधार बनाया जाए. यदि 1932 को आधार बनाते हैं तो क्या 1911 को छोड़ दें. इसके लिए समग्र चिंतन की आवश्यकता है. वैधानिक पहलू और समन्वय बनाते हुए विभिन्न वर्षों के सर्वे का अध्ययन और राज्य के लोगों की भावना जानने के बाद सरकार आगे बढ़ेगी. मुख्यमंत्री ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि आग लगाना आसान है मगर आग बुझाना कठिन है. मुख्यमंत्री के संबोधन के दौरान भाजपा विधायक रणधीर सिंह एवं अन्य सदन में हंगामा मचाते रहे.


ओल्ड पेंशन योजना जल्दः मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने बजट सत्र के समापन के दौरान सदन को संबोधित करते हुए कहा कि राज्य में बहुत जल्द ओल्ड पेंशन स्कीम लागू की जाएगी. इसके अलावा मनरेगाकर्मियों सहित सभी अनुबंधकर्मियों की समस्या का भी निदान किया जाएगा. सदन में मुख्यमंत्री ने पुलिसकर्मियों को वर्दी भत्ता एवं क्षतिपूर्ति अवकाश भत्ता देने की भी घोषणा की.

इसके अलावा सीएम ने छात्रों की छात्रवृत्ति कम से कम तीन गुना बढ़ाने और कल्याण विभाग द्वारा संचालित स्कूलों के छात्रावासों को सुदृढ़ करने के साथ साथ भोजन की व्यवस्था और गार्ड की तैनाती करने की भी घोषणा की. मुख्यमंत्री ने राज्य के 35 लाख किसानों को क्रेडिट कार्ड देने के लक्ष्य को दोहराते हुए सदन को बताया कि अब तक सरकार द्वारा 3 लाख किसानों को क्रेडिट कार्ड दिया जा चुका है. इसके अलावा मुख्यमंत्री ने विधायक निधि की राशि 4 करोड़ से 5 करोड़ करने की भी घोषणा की है.

कोल कंपनियों पर बकाया वसूलेगी सरकारः राज्य सरकार का कोल कंपनियों पर 1 लाख 36 करोड़ बकाया होने की बात कहते हुए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने सदन को इसकी वसूली सरकार द्वारा सुनिश्चित कराने के लिए पहल करने की बात कही.उन्होंने कहा कि झारखंड सरकार का यह पैसा यदि कोल कंपनियां नहीं देंगी तो कोयला ढुलाई पर ताला लग जाएगा.

मुख्यमंत्री के संबोधन पर राजनीति शुरूः देर शाम तक सदन की कार्यवाही के दौरान मुख्यमंत्री के संबोधन में स्थानीयता पर कोई स्पष्ट घोषणा नहीं होने पर राजनीति शुरू हो गई है.सदन के बाहर सत्ता पक्ष और विपक्ष के विधायक मुख्यमंत्री पर हमला बोलते नजर आए. विपक्ष का तेवर जहां तल्ख था, वहीं सत्तारूढ़ झामुमो कांग्रेस के विधायक नरम ही सही मगर खतियान आधारित स्थानीयता पर अपना अपना तर्क देने में जुटे रहे.

80 घंटा चला बजट सत्रः इस बार बजट सत्र 80 घंटे तक चला.इस दौरान सदन में 1070 प्रश्न आए, जिसमें 973 प्रश्नों का जवाब विभाग द्वारा दिया गया. 97 प्रश्नों का जवाब विभाग के पास लंबित रहा.स्पीकर रबीन्द्रनाथ महतो ने सदन की कार्यवाही लंबे समय तक चलाने में सहयोग करने के लिए धन्यवाद ज्ञापित किया. अंत में एक महीने तक चले इस बजट सत्र की समापन की घोषणा करते हुए विधानसभाध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित करने की घोषणा की.

रांची: स्थानीयता को लेकर उठे विवाद के बीच मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने सदन में दिए गए बयान पर सफाई देते हुए शुक्रवार को कहा कि उनके वक्तव्य को तोड़ मरोड़कर प्रचारित किया जा रहा है. बजट सत्र के आखिरी दिन विधानसभा में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने करीब डेढ़ घंटे तक संबोधित किया.मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने बजट सत्र के समापन के दौरान सदन को संबोधित करते हुए कहा कि राज्य में बहुत जल्द ओल्ड पेंशन स्कीम लागू की जाएगी. इसके अलावा मनरेगाकर्मियों सहित सभी अनुबंधकर्मियों की समस्या का भी निदान किया जाएगा. सदन में मुख्यमंत्री द्वारा पुलिसकर्मियों की वर्दी भत्ता एवं क्षतिपूर्ति अवकाश भत्ता देने की भी घोषणा की गई.

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मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में पूर्ववर्ती भाजपा सरकार को जहां आड़े हाथों लिया, वहीं खतियान आधारित स्थानीयता पर कहा कि हम खतियान का सम्मान करते हैं. यहां जो भी कानून बनेंगे यहां के जनमानस की भावना के अनुसार होंगे. इस राज्य में 1911, 1932, 1964 ,1918 ,2005 और 1993 में भी सर्वे हुआ है. इसका गजट प्रकाशन भी हुआ है.

सीएम हेमंत सोरेने ने कहा कि सदन तय करे कि कौन से सर्वे को आधार बनाया जाए. यदि 1932 को आधार बनाते हैं तो क्या 1911 को छोड़ दें. इसके लिए समग्र चिंतन की आवश्यकता है. वैधानिक पहलू और समन्वय बनाते हुए विभिन्न वर्षों के सर्वे का अध्ययन और राज्य के लोगों की भावना जानने के बाद सरकार आगे बढ़ेगी. मुख्यमंत्री ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि आग लगाना आसान है मगर आग बुझाना कठिन है. मुख्यमंत्री के संबोधन के दौरान भाजपा विधायक रणधीर सिंह एवं अन्य सदन में हंगामा मचाते रहे.


ओल्ड पेंशन योजना जल्दः मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने बजट सत्र के समापन के दौरान सदन को संबोधित करते हुए कहा कि राज्य में बहुत जल्द ओल्ड पेंशन स्कीम लागू की जाएगी. इसके अलावा मनरेगाकर्मियों सहित सभी अनुबंधकर्मियों की समस्या का भी निदान किया जाएगा. सदन में मुख्यमंत्री ने पुलिसकर्मियों को वर्दी भत्ता एवं क्षतिपूर्ति अवकाश भत्ता देने की भी घोषणा की.

इसके अलावा सीएम ने छात्रों की छात्रवृत्ति कम से कम तीन गुना बढ़ाने और कल्याण विभाग द्वारा संचालित स्कूलों के छात्रावासों को सुदृढ़ करने के साथ साथ भोजन की व्यवस्था और गार्ड की तैनाती करने की भी घोषणा की. मुख्यमंत्री ने राज्य के 35 लाख किसानों को क्रेडिट कार्ड देने के लक्ष्य को दोहराते हुए सदन को बताया कि अब तक सरकार द्वारा 3 लाख किसानों को क्रेडिट कार्ड दिया जा चुका है. इसके अलावा मुख्यमंत्री ने विधायक निधि की राशि 4 करोड़ से 5 करोड़ करने की भी घोषणा की है.

कोल कंपनियों पर बकाया वसूलेगी सरकारः राज्य सरकार का कोल कंपनियों पर 1 लाख 36 करोड़ बकाया होने की बात कहते हुए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने सदन को इसकी वसूली सरकार द्वारा सुनिश्चित कराने के लिए पहल करने की बात कही.उन्होंने कहा कि झारखंड सरकार का यह पैसा यदि कोल कंपनियां नहीं देंगी तो कोयला ढुलाई पर ताला लग जाएगा.

मुख्यमंत्री के संबोधन पर राजनीति शुरूः देर शाम तक सदन की कार्यवाही के दौरान मुख्यमंत्री के संबोधन में स्थानीयता पर कोई स्पष्ट घोषणा नहीं होने पर राजनीति शुरू हो गई है.सदन के बाहर सत्ता पक्ष और विपक्ष के विधायक मुख्यमंत्री पर हमला बोलते नजर आए. विपक्ष का तेवर जहां तल्ख था, वहीं सत्तारूढ़ झामुमो कांग्रेस के विधायक नरम ही सही मगर खतियान आधारित स्थानीयता पर अपना अपना तर्क देने में जुटे रहे.

80 घंटा चला बजट सत्रः इस बार बजट सत्र 80 घंटे तक चला.इस दौरान सदन में 1070 प्रश्न आए, जिसमें 973 प्रश्नों का जवाब विभाग द्वारा दिया गया. 97 प्रश्नों का जवाब विभाग के पास लंबित रहा.स्पीकर रबीन्द्रनाथ महतो ने सदन की कार्यवाही लंबे समय तक चलाने में सहयोग करने के लिए धन्यवाद ज्ञापित किया. अंत में एक महीने तक चले इस बजट सत्र की समापन की घोषणा करते हुए विधानसभाध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित करने की घोषणा की.

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