रांचीः अवैध माइनिंग मामले में ईडी के नोटिस पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन अपने लिखित जवाब को मीडिया में सार्वजनिक (CM Hemant Soren letter to ED in Ranchi) किया. साथ ही अपने उपर लगाये गए आरोपों पर सफाई दी है.
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ईडी के सहायक निदेशक देवव्रत झा के नाम से लिखी गई मुख्यमंत्री की इस चिठ्ठी में जहां रवि केजरीवाल को जानी दुश्मन बताते हुए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने भाजपा पर अवैध खनन मामले में जान-बूझकर बयान दिलवाने का आरोप लगाया है. तीन पन्नों में ईडी के सम्मन पर लिखी गई जवाब में मुख्यमंत्री ने साहिबगंज में 1000 करोड़ का अवैध स्कैम को लेकर आये स्टेटमेंट को खारिज किया है.
मुख्यमंत्री का ईडी को जवाबः सीएम हेमंत सोरेन द्वारा ईडी को भेजे गए लिखित जवाब में कहा (CM Hemant Soren written reply to ED notice) है कि 29 दिसंबर 2019 को सरकार के कार्यभार संभालने के बाद मेरे नेतृत्व में पत्थर खनन से प्राप्त होने वाली रॉयल्टी में उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की गई है. इन पिछले 2 वर्षों में कोरोना के कारण खनन कार्य प्रभावित होने के बावजूद रॉयल्टी 270 करोड़ रुपए से बढ़कर 360 करोड़ रुपए 2021-22 के दरम्यान प्राप्त हुई, लगभग 20 प्रतिशत पत्थर खनन की रॉयल्टी साहिबगंज से राज्य को प्राप्त होता है. लेकिन आपके स्टेटमेंट से ऐसा प्रतीत होता है कि साहिबगंज में 1000 करोड़ का अवैध खनन स्कैम हुआ है. इस संबंध में निम्नाकिंत तथ्य विचारणीय है.
- खनन विभाग के पास उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार पिछले 2 वर्षों में पूरे झारखंड राज्य में लगभग 9 करोड मैट्रिक टन पत्थर का खनन हुआ है. जिसमें 60% बोल्डर, 35 % स्टोन चीप्स एवं 5% स्टोन डस्ट इत्यादि हैं. इस 9 करोड़ मैट्रिक टन में से करीब 20% पत्थर का खनन साहिबगंज जिला में हुआ है.
- राज्य को 95 रुपये प्रति मैट्रिक टन रॉयल्टी बोल्डर पर 175 रुपया प्रति मैट्रिक टन रॉयल्टी स्टोन चीप्स पर एवं 18 रुपया प्रति मेट्रिक टन स्टोन डस्ट पर रॉयल्टी प्राप्त होता है.
- दो वर्ष में 1000 करोड़ रुपए के रॉयल्टी के नुकसान के लिए करीब 8 करोड़ मेट्रिक टन पत्थर का अवैध खनन साहिबगंज जिले में करने की आवश्यकता होगी जो उस जिले में हुए अवैध खनन का 4 गुना होता है.
- दो वर्षों में आठ करोड़ मैट्रिक टन पत्थर के परिवहन के लिए 20,000 से अधिक रेलवे रैक या 33 लाख से अधिक ट्रक की आवश्यकता पड़ेगी. क्योंकि एक रेलवे रैक की क्षमता चार हजार मैट्रिक टन एवं एक ट्रक की क्षमता 25 मेट्रिक टन होती है.
- रेलवे बगैर माइनिंग/मिनरल चालान के लोडिंग की अनुमति नहीं देता है. ऐसा प्रतीत होता है कि आपने एक भी रेलवे रैक बगैर चालान के नहीं पाया है. क्योंकि अभी तक आपने किसी भी रेलवे कर्मचारी अधिकारी पर कोई कार्यवाही नहीं की है.
इसके अलावा मुख्यमंत्री ने अपने जवाब में लिखा है कि 2 वर्षों में समेकित रूप से 750 रुपया रॉयल्टी के रूप में प्राप्त हुए हैं. मुझे लगता है कि ईडी ने तथ्यों और आंकड़ों को साहिबगंज में 1000 करोड़ रुपए के अवैध खनन का आरोप लगाने के पहले ईडी द्वारा संज्ञान नहीं लिया गया है. ईडी को बगैर तथ्यों एवं आंकड़ों का सत्यापन किए 1000 रुपये का अवैध खनन संबंधी सनसनीखेज वक्तव्य जारी करना शोभा नहीं देता है. वह भी तब जब पिछले करीब 1 वर्ष से जांच की जा रही है एवं 50 से अधिक रेड किए जा चुके हैं. मुझे आशा ही नहीं पूर्ण विश्वास है कि अपने क्लेम पर ईडी पुनर्विचार करेगा एवं सनसनीखेज बयानों से परहेज करेंगे जो तथ्य एवं आंकड़ों के द्वारा सत्यापित नहीं हो. क्योंकि ऐसा गैर जिम्मेदार बयान न केवल राज्य के संबंधित विभाग एवं उसके कर्मियों की छवि धूमिल करते हैं बल्कि झारखंड राज्य की छवि खराब होती है.