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सीएम हेमंत सोरेन ने किया औषधि उद्यान का उद्घाटन, देखी 'सासु मां की जुबान'

झारखंड के सेक्रेटेरिएट प्रोजेक्ट बिल्डिंग में औषधीय उद्यान का उद्घाटन किया गया. इस मौके पर सीएम हेमंत सोरेन के साथ कई अधिकारी भी मौजूद रहे. इस उद्यान के उद्घाटन से वहां के वातावरण पर काफी बेहतर प्रभाव पड़ेगा.

CM Hemant Soren inaugurated medicine garden in ranchi
सीएम हेमंत सोरेन ने किया औषधि उद्यान का उद्घाटन
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Published : Feb 11, 2020, 3:04 PM IST

रांची: मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने मंगलवार को स्टेट सेक्रेटेरिएट प्रोजेक्ट बिल्डिंग में औषधीय उद्यान का उद्घाटन किया. इस मौके पर उन्होंने वहां लगे 60 से अधिक औषधीय पौधों का मुआयना भी किया, जिनमें एक पौधा 'सासु मां की जुबान' भी शामिल है. सबसे बड़ी बात यह है कि सुधीर पौधा वात वायु को शुद्ध करने में सहायक होता है.

देखें पूरी खबर

दरअसल प्रोजेक्ट बिल्डिंग में बने इस औषधि उद्यान में दुर्लभ और वैसे औषधीय पौधों को लगाया गया है, जो सामान्य रूप से नजर नहीं आते हैं. उनमें इंसुलिन, हड़पद, हरजोरा, गुग्गल, पत्थर चूर, अकर्करा, श्वेत चंदन, सर्पगंधा, चित्र सुदर्शन, पत्थरचट्टा समेत कई ऐसे नाम हैं जो सामान्य जीवन में न तो बोले जाते हैं और न ही इन पौधों के सामान्य रूप से पहचान भी संभव है.

इसे भी पढ़ें:- सरेंडर करने वाले नक्सलियों के परिजन CM हेमंत सोरेन से मिलने पहुंचे, कहा- नहीं मिल रहा नीति का लाभ

सीएम ने कहा संरक्षण जरूरी औषधीय पौधों का
इस मौके पर मुख्यमंत्री सोरेन ने कहा कि प्रकृति की गोद में कई ऐसी चीजें हैं, जिन्हें आम लोग नहीं जानते हैं, साथ ही आज के दिन भी ऐसी शक्तियां और औषधियां हैं जिनको लेकर बड़ी-बड़ी कंपनियां हर क्षेत्र में अपना पांव पसार रही हैं. उन्होंने कहा कि ऐसे हर्बल पौधे और औषधीय पौधों का संरक्षण बहुत जरूरी है.

राजधानी में बायोडायवर्सिटी पार्क और नक्षत्र वन भी हैं. राजधानी के लाल खटंगा क्षेत्र बायोडायवर्सिटी पार्क में भी कई ऐसे औषधीय पौधे हैं, जिन्हें राज्य सरकार की तरफ से संरक्षित किया जा रहा है. राजभवन के सामने बने नक्षत्र वन में भी कई पौधे लगाए आम जीवन में सुलभ नहीं है.

रांची: मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने मंगलवार को स्टेट सेक्रेटेरिएट प्रोजेक्ट बिल्डिंग में औषधीय उद्यान का उद्घाटन किया. इस मौके पर उन्होंने वहां लगे 60 से अधिक औषधीय पौधों का मुआयना भी किया, जिनमें एक पौधा 'सासु मां की जुबान' भी शामिल है. सबसे बड़ी बात यह है कि सुधीर पौधा वात वायु को शुद्ध करने में सहायक होता है.

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दरअसल प्रोजेक्ट बिल्डिंग में बने इस औषधि उद्यान में दुर्लभ और वैसे औषधीय पौधों को लगाया गया है, जो सामान्य रूप से नजर नहीं आते हैं. उनमें इंसुलिन, हड़पद, हरजोरा, गुग्गल, पत्थर चूर, अकर्करा, श्वेत चंदन, सर्पगंधा, चित्र सुदर्शन, पत्थरचट्टा समेत कई ऐसे नाम हैं जो सामान्य जीवन में न तो बोले जाते हैं और न ही इन पौधों के सामान्य रूप से पहचान भी संभव है.

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सीएम ने कहा संरक्षण जरूरी औषधीय पौधों का
इस मौके पर मुख्यमंत्री सोरेन ने कहा कि प्रकृति की गोद में कई ऐसी चीजें हैं, जिन्हें आम लोग नहीं जानते हैं, साथ ही आज के दिन भी ऐसी शक्तियां और औषधियां हैं जिनको लेकर बड़ी-बड़ी कंपनियां हर क्षेत्र में अपना पांव पसार रही हैं. उन्होंने कहा कि ऐसे हर्बल पौधे और औषधीय पौधों का संरक्षण बहुत जरूरी है.

राजधानी में बायोडायवर्सिटी पार्क और नक्षत्र वन भी हैं. राजधानी के लाल खटंगा क्षेत्र बायोडायवर्सिटी पार्क में भी कई ऐसे औषधीय पौधे हैं, जिन्हें राज्य सरकार की तरफ से संरक्षित किया जा रहा है. राजभवन के सामने बने नक्षत्र वन में भी कई पौधे लगाए आम जीवन में सुलभ नहीं है.

Intro:रांची। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने मंगलवार को स्टेट सेक्रेटेरिएट प्रोजेक्ट बिल्डिंग में औषधीय उद्यान का उद्घाटन किया। इस मौके पर उन्होंने वहां लगे 60 से अधिक औषधीय पौधों का मुआयना भी किया। जिनमें एक पौधा 'सासु माँ की जुबान' भी शामिल है। सबसे बड़ी बात यह है कि और सुधीर पौधा वात वायु को शुद्ध करने में सहायक होता है। दरअसल प्रोजेक्ट बिल्डिंग में बने इस औषधि बहुत उद्यान में दुर्लभ और वैसे औषधीय पौधों को लगाया गया है जो सामान्य रूप से नजर नहीं आते हैं। उनमें इंसुलिन, हड़पद, हरजोरा, गुग्गल, पत्थर चूर, अकर्करा, श्वेत चंदन, सर्पगंधा, चित्र सुदर्शन, पत्थरचट्टा समेत कई ऐसे नाम है जो सामान्य जीवन में न तो बोले जाते हैं और न ही इन पौधों के सामान्य रूप से पहचान भी संभव है।


Body:सीएम ने कहा संरक्षण जरूरी औषधीय पौधों का
इस मौके पर मुख्यमंत्री सोरेन ने कहा कि प्रकृति की गोद में कई ऐसी चीजें हैं जिन्हें आम लोग नहीं जानते हैं। साथ ही आज के दिन भी ऐसी शक्तियां और औषधियां हैं जिनको लेकर बड़ी-बड़ी कंपनियां हर क्षेत्र में अपना पांव पसार रही हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे हर्बल पौधे और औषधीय पौधों का संरक्षण बहुत जरूरी है।

राजधानी में बायोडायवर्सिटी पार्क और नक्षत्र वन भी है ऐसे केंद्र दरअसल राजधानी के लाल खटंगा क्षेत्र बायोडायवर्सिटी पार्क में भी कई ऐसे औषधीय पौधे जिन्हें राज्य सरकार की तरफ से संरक्षित किया जा रहा है। राजभवन के सामने बने नक्षत्र वन में भी कई पौधे लगाए आम जीवन में सुलभ नहीं हैं।


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