रांची: मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने सिरमटोली स्थित केंद्रीय सरना स्थल के सौंदर्यीकरण कार्य का शुभारंभ किया है. 4 करोड़ 98 लाख की लागत से इस स्थल को सौंदर्यीकृत किया जायेगा. इस अवसर पर मंत्री चंपई सोरेन, विधायक सीपी सिंह आदि मौजूद हैं. बताया जा रहा है सिरमटोली का यह केंद्रीय सरना स्थल सुविधाओं से भरा होगा. यहां आदिवासी संस्कृति की झलक दिखेगी. सौंदर्यीकरण का शिलान्यास करने आए सीएम का परांपरागत तरीके से स्वागत किया गया. सीएम ने केंद्रीय सरना स्थल में पहले पूजा अर्चना की.
सौंदर्यीकरण योजना के तहत इस स्थल पर 4 तल्ला भवन के अलावे चाहरदीवारी, भव्य गेट, बिजली टावर, गार्ड रुम आदि का निर्माण किया जायेगा. इस स्थान पर आदिवासी संस्कृति से जुड़े चित्रकारी कर इसे भव्य रुप दिया जायेगा. गौरतलब है कि केंद्रीय सरना स्थल सौदर्यीकरण राज्य की राजधानी रांची में यह पहला सरना स्थल है जहां पारंपरिक कला संस्कृति भवन का निर्माण किया जा रहा है. इस योजना का मुख्य उद्देश्य झारखंड के जनजातीय संस्कृति से संबंधित पवित्र स्थल सरना स्थलों का संपूर्ण संरक्षण एवं विकास करना है ताकि जनजातीय संस्कृति से जुड़े रीति-रिवाजों स्थलों आदि को अक्षुण्ण रखा जा सके एवं इन स्थलों को जनजातीय संस्कृति के रूप में विकसित कर संरक्षित रखा जा सके.
सिरमटोली स्थित सरना स्थल की ऐतिहासिक गाथा यह है कि बाबा कार्तिक उरांव द्वारा आदिवासियों के धार्मिक, सामाजिक व्यवस्था को सुदृढ़ करने के निमित्त 1968 ई. में अखिल भारतीय आदिवासी विकास परिषद का गठन किया गया एवं केंद्रीय सरना समिति का गठन सन् 1970 में किया गया. 1967 ई. में कुछ बुद्धिजीवी एवं समाजसेवियों के सहयोग से आदिवासी समाज को संगठित एवं जागरूक करने के उद्देश्य से सरहुल शोभायात्रा का प्रारंभ हतमा मौजा के सरना स्थल से केंद्रीय सरना स्थल सिरमटोली तक किया गया. केंद्रीय सरना स्थल सिरमटोली सभी मौजा का सरना स्थल है. जहां सभी गांव के ग्रामीण एवं पाहन आकर सरहुल में माथा टेकते हैं. इस अवसर पर मंत्री चंपाई सोरेन, विधायक सी पी सिंह आदि मौजूद थे.
मुख्यमंत्री ने सरना स्थलों को विकसित करने का दिया भरोसाः केंद्रीय सरना स्थल सिरमटोली में सौदर्यीकरण का शुभारंभ करते हुए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि राज्य के सभी सरना, मसना स्थलों का सौदर्यीकरण, जीर्णोद्धार और घेराबंदी सरकार के द्वारा कराई जायेगी. इस मौके पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने संबोधित करते हुए कहा कि आदिवासी समाज प्रकृति के पुजारी हैं और यही कारण है कि इनकी संस्कृति में प्रकृति संरक्षण हमेशा से जुड़ा हुआ है. इससे पूर्व मुख्यमंत्री ने केंद्रीय सरना स्थल सिरमटोली में मंत्री चंपाई सोरेन और कांग्रेस विधायक राजेश कच्छप के साथ आदिवासी परंपरा के तहत पूजा अर्चना की.