रांची: झारखंड सरकार राज्य में सरकारी शिक्षा व्यवस्था को बेहतर करने के लिए लगातार प्रयास कर रही है. राज्य में 80 उत्कृष्ट विद्यालयों के शुभारंभ के बाद आज मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने राजधानी के खेलगांव स्थित टाना भगत इंडोर स्टेडियम में 3 हजार 469 माध्यमिक शिक्षकों को नियुक्ति पत्र सौंपा.
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शुक्रवार को जिन जिन अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र मिला है, उन सभी शिक्षकों को राज्य भर के सरकारी स्कूलों में पदस्थापित किए जाएगा. स्कूलों में बच्चों को उनकी भाषा में शिक्षा देने के लिए स्थानीय भाषा के शिक्षकों को भी नियुक्ति पत्र दिया गया. आज जिनको नियुक्ति पत्र मिला है, उनमें संथाली, मुंडारी, कुड़ुख समेत अन्य भाषा के टीचर्स शामिल हैं.
ये सिर्फ नियुक्ति नहीं बल्कि जिम्मेदारी है- सीएमः 3 हजार 469 नवनियुक्त माध्यमिक शिक्षकों को नियुक्ति पत्र देने के बाद मुख्यमंत्री ने सभा को संबोधित किया. सीएम ने अपने संबोधन में कहा कि जिस तरह बीमार व्यक्ति के लिए डॉक्टर्स भगवान होते हैं, उसी तरह नौनिहाल के लिए शिक्षक भगवान का रूप होते हैं. उन्होंने कहा कि यह बोलने में तकलीफ होती है कि 2000 में बना राज्य देश का सबसे गरीब और पिछड़ा राज्य है. हमारे खनिज से देश जगमग होता है और हम पिछड़े रह गए, यह दुःखद है. हमारी आने वाली पीढ़ी मानसिक, सामाजिक और बौद्धिक रूप से सबल हों, इसकी हम कोशिश कर रहे हैं.
पहले कोरोना की महामारी आयी फिर ईडी-सीबीआई की महामारी- हेमंत सोरेनः मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन के दौरान कहा कि हमारी सरकार बनते ही पहले ग्लोबल महामारी कोरोना आया और हमारी सरकार राज्य की जनता का जीवन बचाने में लगी रही. मुख्यमंत्री ने केंद्र पर तंज कसते हुए कहा कि जब कोरोना का प्रभाव कम हुआ तो देश में एक और महामारी आयी, ईडी और सीबीआई के रूप में. इसके बावजूद हम और हमारी सरकार विकास के काम में लगे रहे.
सीएम ने कहा कि पूर्व में नियुक्ति पाए सभी सहायक अभियंताओं की शनिवार से पोस्टिंग शुरू हो जायेगी. एआई के इस दौर में हमें तकनीकी रूप से मजबूत बच्चों को तैयार करना होगा. मॉडल स्कूल का प्रथम चरण में 80 स्कूल बना है, आगे चलकर यह 5000 हो जायेगे. बच्चों की संख्या के आधार पर शिक्षक की नियुक्ति होगी. सिर्फ उत्कृष्ट विद्यालय बना देना महत्वपूर्ण नहीं, उसे उत्कृष्ट बनाये रखना महत्वपूर्ण है.
उन्होंने कहा कि देश का पहला राज्य झारखंड है जहां के ओबीसी, आदिवासी, अनुसूचित जाति, अल्पसंख्यक को उच्च शिक्षा के लिए विदेश भेज रही है. मातृ भाषा में दी गयी शिक्षा को मुख्यमंत्री ने सबसे बेहतर बताया. मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में जो अच्छा काम करता है, सरकार उसका पीठ थपथपाती है, इसलिए नवनियुक्त शिक्षक जिस विद्यालय में जाएंगे उसे बेहतर बनायेगे. मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के सभी सरकारी स्कूलों की ग्रेडिंग की जाएगी और बेहतर स्कूल के शिक्षक को सम्मानित किया जाएगा.
रांची और पूर्वी सिंहभूम को मिले सबसे अधिक शिक्षकः जिन शिक्षकों को नियुक्ति पत्र दिया गया है. जिलावार शिक्षकों की जरूरतों को देखते हुए सरकार उन्हें अलग अलग जिलों में पदस्थापित करेगी. जिन जिन विषयों के शिक्षकों को नियुक्ति पत्र मिला है, उनमें इतिहास एवं नागरिक शास्त्र में 779, संस्कृत में 398, भूगोल में 341, हिंदी में 337, अर्थशास्त्र में 260, गणित एवं भौतिकी में 268, अंग्रेजी में 249, जीव तथा रसायन विज्ञान में 232, शारीरिक शिक्षा में 184, कॉमर्स में 118, संगीत में 97, उर्दू में 27, गृह विज्ञान में 50, संथाली में 42, बांग्ला में 29, कुड़ुख में 28, नागपुरी और मुंडारी में 11, कुरमाली 04, उड़िया में 02, पंचपरगनिया और हो विषय में एक-एक शिक्षक को नियुक्ति पत्र दिया गया है. रांची में सबसे ज्यादा 279, इसके बाद पूर्वी सिंहभूम में 263 टीचर्स को नियुक्ति मिली है. इसके अलावा धनबाद में 240, सरायकेला-खरसावां में 230, गोड्डा में 228, पश्चिमी सिंहभूम में 200 समेत कुल 3 हजार 469 शिक्षकों को राज्य भर के स्कूलों में पदस्थापित किया जायेगा.
लीडर स्कूल संकल्पना को करना है विकसितः राज्य में शैक्षिक अपग्रेडेशन और शैक्षणिक विकास को एक नई दिशा देने के लिए हर गांव और पंचायत स्तर पर राज्य सरकार द्वारा लीडर स्कूल की संकल्पना विकसित की गई है. यह योजना राज्य के मुख्यमंत्री के शैक्षणिक विकास की दूरदर्शिता और राज्य को शैक्षणिक सूचकांक पर अग्रणी राज्यों में शामिल करने की मजबूत इच्छाशक्ति को दर्शाता है.
आज का दिन ऐतिहासिक- सुखदेव सिंहः प्रदेश के मुख्य सचिव सुखदेव सिंह ने नवनियुक्त शिक्षकों को नियुक्ति पत्र देने के बाद कहा कि लंबी लड़ाई के बाद आपको यह नौकरी मिली है. मुख्य सचिव ने कहा कि अपने नौकरी के दौरान दो बार ही सर्वोच्च न्यायालय जाना पड़ास उसमें एक मामला आप सबों के नियुक्ति का था. स्कूल के आसपास अगर शिक्षक रहते हैं तो उनका स्कोर होगा 60 प्रतिशत और अगर छुट्टी के दिनों में अपने स्कूल के आसपास के इलाके में जाते हैं तो एक टीचर का स्कोर 80 फीसदी हो जाता है. अगर हमारे शिक्षक स्थानीय भाषा सीख कर बच्चों से संवाद करते हैं तो स्कोर 90 प्रतिश हो जाता है. अगर किताबी शिक्षा के अलावा जीवन मूल्यों का ज्ञान भी शिक्षक देते हैं तो उनका स्कोर 100 फीसदी हो जाता है.
शिक्षकों पर नेशन मेड के साथ साथ झारखंड का भविष्य बनाना है.
23 साल में पहली बार इतनी बड़ी नियुक्तिः श्रम मंत्री सत्यानंद भोक्ता ने एक साथ 3 हजार 469 शिक्षकों की नियुक्ति पर खुशी जताते हुए मुख्यमंत्री को धन्यवाद दिया. मंत्री ने कहा कि आज कम से कम 3 हजार 469 घरों में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के नाम का दीप जलना चाहिए. उन्होंने शायराना अंदाज में कहा कि जीवन जीने के लिए कुछ खास होना चाहिए और सरकारी नौकरी पाने के लिए मुख्यमंत्री पर विश्वास होना चाहिए.
समाज में शिक्षक की अहम भूमिका- आलमगीर आलमः कांग्रेस विधायक दल के नेता और ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम ने कहा कि समाज को दशा दिशा दिखाने का काम एक शिक्षक करते हैं. माता पिता के बाद शिक्षक का ही नाम आता है. सरकार बनने के बाद हमारी सरकार लगातार युवाओं को रोजगार देने की कोशिश कर रही है. यहां के नौजवानों के लिए लगातार नियोजन कार्यक्रम चलता रहेगा. हम जनता के बीच में रहकर काम कर रहे हैं किसी दल के नेता से सर्टिफिकेट नहीं लेना है. जो नौजवान रोजगार के लिए भटक रहे है वह विश्वास करें, सरकार यहां के आदिवासी-मूलवासी सभी का ख्याल रखेगी.
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