रांचीः मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने दिवंगत रूपेश पांडेय की माता को नियुक्ति पत्र और पांच लाख की सहायता राशि देकर पीड़ित परिवार को इंसाफ दिलाने का भरोसा दिलाया है. मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार के स्तर पर रूपेश के हत्या की जांच हर दृष्टिकोण से की जा रही है. इस कांड में शामिल किसी भी दोषी को नहीं बख्शा जाएगा. उन्होंने पीड़ित परिवार से कहा कि दुख की इस घड़ी में आप अकेले नहीं है. आपकी हर समस्या और जरूरत को पूरा करने की कोशिश की जाएगी.
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आपको बता दें कि इसी साल 6 फरवरी को सरस्वती पूजा के बाद मूर्ति विसर्जन को लेकर हजारीबाग के बरही में दो गुटों में झड़प हो गई थी. इसी दौरान मारपीट की वजह से रूपेश पांडेय की जान चली गई थी. यह मामला सड़क से लेकर सदन तक गूंजा था. मुख्य विपक्षी दल भाजपा ने इसे मॉब लिंचिंग करार देते हुए दोषियों को सख्त सजा देने की मांग की थी. हालांकि सदन में सरकार की तरफ से स्पष्ट कर दिया गया था कि रूपेश की हत्या आपसी विवाद की वजह से हुई थी. यह मॉब लिंचिंग का मामला नहीं था.
सरकार की ओर से बताया गया था कि 27 आरोपियों में से ज्यादातर की गिरफ्तारी हो चुकी है. शेष को भी जल्द ही पकड़ लिया जाएगा. साथ ही स्पीडी ट्रायल कराकर दोषियों को सजा दिलवायी जाएगी. तब सत्ताधारी दल झामुमो और कांग्रेस ने भाजपा पर इस केस की आड़ में सांप्रदायिक माहौल बिगाड़ने का आरोप लगाया था. यह मामला इस कदर गरमाया था कि हजारीबाग समेत चार जिलों में इंटरनेट की सेवा बंद कर दी गई थी.
बाद के दिनों में कांग्रेस विधायक उमाशंकर अकेला ने पीड़ित परिवार को अपनी तरफ से 50 हजार की सहायता राशि दी थी जिसे रूपेश से चाचा ने लौटा दिया था. आज भी भाजपा का कहना है कि रूपेश की मॉब लिंचिंग हुई है लेकिन पुलिस इससे इत्तेफाक नहीं रखती. इस मौके पर सीएम आवास में मंत्री चंपई सोरेन, मंत्री बादल पत्रलेख, विधायक सुदिव्य कुमार, उमाशंकर अकेला, सीएम के प्रधान सचिव राजीव अरूण एक्का, हजारीबाग की डीसी नैंसी सहाय के अलावा रूपेश के पिता सिकंदर पांडेय और मां उर्मिला देवा के अलावा कई परिजन मौजूद रहे.