रांची: झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (CM Hemant Soren) ने झारखंड हाई कोर्ट में रिट याचिका दायर कर दरख्वास्त की है कि माइन्स लीज आवंटन मामले में इलेक्शन कमीशन ऑफ इंडिया के ओपिनियन पर राज्यपाल की किसी भी कार्रवाई पर रोक लगाई जाए (Demand to stay on Governor action). अधिवक्ता पीयूष चित्रेश ने बताया है कि मुख्यमंत्री की ओर से दाखिल याचिका में कहा गया है कि राज्यपाल रमेश बैस ने एक मीडिया चैनल से बातचीत में कहा है कि उन्होंने माइन्स लीज मामले में चुनाव आयोग से सेकंड ओपिनियन मांगा है और उसके आधार पर आगे कार्रवाई कर सकते हैं. उन्होंने यहां तक कहा है कि राज्य में एकाध एटम बम फट सकता है. याचिका में राज्यपाल की ओर से सेकंड ओपिनियन मांगे जाने के प्रोसेस को असंवैधानिक बताया गया है. (Office of profit matters in High Court)
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यह भी कहा गया है कि आयोग के मुताबिक, राज्यपाल की ओर से सेकंड ओपिनियन मांगे जाने को लेकर कोई संदेश प्राप्त नहीं हुआ है. इसके बावजूद भविष्य में आयोग के किसी सेकंड ओपिनियन पर अगर किसी तरह की कार्रवाई राज्यपाल करते हैं तो उसपर मुख्यमंत्री का भी पक्ष सुना जाए. इसके अलावा आयोग की ओर से दिए गए पहले ओपिनियन को सार्वजनिक करने की मांग की गई है. कहा गया है कि इस पूरे प्रकरण को लेकर राज्य में अस्थिरता का माहौल है.
गौरतलब है कि हेमंत सोरेन ने मुख्यमंत्री रहते हुए रांची के अनगड़ा में अपने नाम 88 डिसमिल के क्षेत्रफल वाली पत्थर खदान लीज पर ली थी, जिसे बाद में उन्होंने इसे सरेंडर कर दिया था. भाजपा ने इसे ऑफिस ऑफ प्रॉफिट (लाभ का पद) एवं जन प्रतिनिधित्व कानून के उल्लंघन का मामला बताते हुए राज्यपाल के पास शिकायत की थी और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की विधानसभा सदस्यता रद्द करने की मांग की थी.
राज्यपाल ने इस पर चुनाव आयोग से ओपिनियन मांगा था. इसके बाद चुनाव आयोग ने शिकायतकर्ता और हेमंत सोरेन को नोटिस जारी कर इस मामले में उनसे जवाब मांगा और दोनों के पक्ष सुनने के बाद बीते 25 अगस्त को राजभवन को मंतव्य (ओपिनियन) भेज दिया था. चुनाव आयोग का यह ओपिनियन क्या है, यह अब तक आधिकारिक तौर पर सार्वजनिक नहीं हुआ है.
-आईएएनएस