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माइनिंग लीज मामले में झारखंड हाई कोर्ट के आदेश को हेमंत सोरेन ने सुप्रीम कोर्ट में दी चुनौती, दायर की एसएलपी

माइनिंग मामले में झारखंड हाई कोर्ट के आदेश को सीएम हेमंत सोरेन ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दायर कर की है.

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Published : Jun 21, 2022, 8:40 PM IST

रांचीः झारखंड में चर्चित माइनिंग लीज से जुड़ा मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है. झारखंड हाई कोर्ट के आदेश को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दायर कर चुनौती दी है. मुख्यमंत्री के खिलाफ खनन पट्टा लेने के मामले में दायर जनहित याचिका सुनवाई योग्य है या नहीं इस बिंदु पर सुनवाई हुई. झारखंड हाई कोर्ट ने इसे सुनवाई योग्य मानते हुए सुनवाई के लिए सूचीबद्ध करने का निर्देश दिया था. अदालत के उस आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दे दी गई है.

इसे भी पढ़ें- खनन पट्टा-शेल कंपनी मामले के सुनवाई के दौरान HC नाराज, कहा- SC में समय लेते हैं और यहां आर्ग्युमेंट करते नहीं हैं

अब देखना अहम होगा कि सुप्रीम कोर्ट में इस मामले पर कब सुनवाई होती है. सुप्रीम कोर्ट से क्या कुछ आदेश दिया जाता है. सुप्रीम कोर्ट के आदेश से किसे राहत मिलती है. फिलहाल सबकी नजरें सुप्रीम कोर्ट पर टिकी हुई है. झारखंड हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डॉ रवि रंजन और न्यायाधीश एसएन प्रसाद की अदालत में इससे संबंधित मामले पर सुनवाई हुई थी. अदालत ने इस मामले में सभी पक्षों को सुनने के बाद याचिका को सुनवाई योग्य मानते हुए सुनवाई के लिए स्वीकृत कर लिया है. याचिकाकर्ता शिव शंकर शर्मा ने खनन पट्टा और शेल कंपनियों के मामले में हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर की है. मंगलवार को उस याचिका पर सुनवाई हुई थी.

क्या हुआ था 17 जून की सुनवाई मेंः मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से जुड़े शेल कंपनी सहित अन्य मामलों में शुक्रवार (17 जून) को झारखंड हाई कोर्ट में सुनवाई हुई. मुख्य न्यायाधीश डॉ रवि रंजन और जस्टिस एसएन प्रसाद की अदालत में हुई सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से कोर्ट में महाधिवक्ता के बीमार होने की बात कही गई. इसके अलावा हेमंत सोरेन की ओर से भी अधिवक्ता कपिल सिब्बल के भी बीमार होने की बात कहते हुए कोर्ट से समय की मांग की गई. सुनवाई के दौरान कोर्ट में राज्य सरकार की ओर से अधिवक्ता पीयूष चित्रेश ने पक्ष रखा. वहीं, मुख्यमंत्री की ओर से अमृतांश वत्स उपस्थित हुए. कोर्ट ने इस मामले की अगली सुनवाई 23 जून को वर्चुअल माध्यम से करने की बात कहते हुए हेमंत सोरेन के द्वारा लगातार टाइम लेने पर नाराजगी जताई. 23 जून को इस मामले की सुनवाई 10.30 बजे से होगी जिस दौरान शेल कंपनी से जुड़े मामले, मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से जुड़े खदान लीज मामला और मनरेगा घोटाला केस से जुड़ी जनहित याचिका पर सुनवाई होगी.

रांचीः झारखंड में चर्चित माइनिंग लीज से जुड़ा मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है. झारखंड हाई कोर्ट के आदेश को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दायर कर चुनौती दी है. मुख्यमंत्री के खिलाफ खनन पट्टा लेने के मामले में दायर जनहित याचिका सुनवाई योग्य है या नहीं इस बिंदु पर सुनवाई हुई. झारखंड हाई कोर्ट ने इसे सुनवाई योग्य मानते हुए सुनवाई के लिए सूचीबद्ध करने का निर्देश दिया था. अदालत के उस आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दे दी गई है.

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अब देखना अहम होगा कि सुप्रीम कोर्ट में इस मामले पर कब सुनवाई होती है. सुप्रीम कोर्ट से क्या कुछ आदेश दिया जाता है. सुप्रीम कोर्ट के आदेश से किसे राहत मिलती है. फिलहाल सबकी नजरें सुप्रीम कोर्ट पर टिकी हुई है. झारखंड हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डॉ रवि रंजन और न्यायाधीश एसएन प्रसाद की अदालत में इससे संबंधित मामले पर सुनवाई हुई थी. अदालत ने इस मामले में सभी पक्षों को सुनने के बाद याचिका को सुनवाई योग्य मानते हुए सुनवाई के लिए स्वीकृत कर लिया है. याचिकाकर्ता शिव शंकर शर्मा ने खनन पट्टा और शेल कंपनियों के मामले में हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर की है. मंगलवार को उस याचिका पर सुनवाई हुई थी.

क्या हुआ था 17 जून की सुनवाई मेंः मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से जुड़े शेल कंपनी सहित अन्य मामलों में शुक्रवार (17 जून) को झारखंड हाई कोर्ट में सुनवाई हुई. मुख्य न्यायाधीश डॉ रवि रंजन और जस्टिस एसएन प्रसाद की अदालत में हुई सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से कोर्ट में महाधिवक्ता के बीमार होने की बात कही गई. इसके अलावा हेमंत सोरेन की ओर से भी अधिवक्ता कपिल सिब्बल के भी बीमार होने की बात कहते हुए कोर्ट से समय की मांग की गई. सुनवाई के दौरान कोर्ट में राज्य सरकार की ओर से अधिवक्ता पीयूष चित्रेश ने पक्ष रखा. वहीं, मुख्यमंत्री की ओर से अमृतांश वत्स उपस्थित हुए. कोर्ट ने इस मामले की अगली सुनवाई 23 जून को वर्चुअल माध्यम से करने की बात कहते हुए हेमंत सोरेन के द्वारा लगातार टाइम लेने पर नाराजगी जताई. 23 जून को इस मामले की सुनवाई 10.30 बजे से होगी जिस दौरान शेल कंपनी से जुड़े मामले, मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से जुड़े खदान लीज मामला और मनरेगा घोटाला केस से जुड़ी जनहित याचिका पर सुनवाई होगी.

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