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कैसा हो झारखंड का बजट? Budget गोष्ठी 2022-23 में लिए गए विशेषज्ञों के सुझाव

कैसा हो झारखंड का बजट, इसको लेकर वित्त विभाग द्वारा हमर अपन बजट के संदर्भ में बजट गोष्ठी 2022-23 रांची में आयोजित की गयी. जिसमें मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन शामिल हुए. सीएम ने कहा कि बजट के लिए लिए जा रहे सुझाव सरकार के लिए मील का पत्थर साबित होंगे.

CM Hemant Soren attended seminar of year 2022-23 budget of Jharkhand
CM Hemant Soren attended seminar of year 2022-23 budget of Jharkhand
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Published : Jan 27, 2022, 10:44 PM IST

Updated : Jan 27, 2022, 11:02 PM IST

रांचीः वित्त विभाग करीब एक माह से वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए बजट को राज्य के लिए कैसे हितकारी हो इसके लिए लगातार बेहतर प्रयास किया है. बजट बनाना मुश्किल होता है. झारखंड के लिए यह चुनौती है. राज्य प्राकृतिक संसाधन में राज्य अव्वल है लेकिन आर्थिक संसाधनों में कमजोर है. विपरीत परिस्थितियों में संभ्रांत राज्य को प्रभाव नहीं पड़ता लेकिन जो कमजोर हैं वो इससे अछूते नहीं रह पाते. इस महामारी में गरीब ही प्रभावित हुआ है. संक्रमण काल से झारखंड को भी गुजरना पड़ा. यही वजह है कि वर्तमान परिस्थिति में लोगों के नजरिए और विचारों को जानने का प्रयास किया गया ताकि राज्य को बेहतर दिशा दिया जा सके. ये तमाम बातें मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने वित्त विभाग द्वारा हमर अपन बजट के संदर्भ में आयोजित बजट गोष्ठी 2022-23 में कहीं.

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सुझाव, सरकार के लिए मील का पत्थर साबित होंगे-सीएमः मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि झारखंड अलग तरह का राज्य है, यह आदिवासी बहुल क्षेत्र है. हर क्षेत्र की मुश्किलों से राज्य को बाहर निकालने की आवश्यकता है. 40% अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति के लोगों को यहां के बैंक सहयोग नहीं करता है, झारखंड के लिए यह चुनौतीपूर्ण है. सरकार इसपर चिंतन मंथन कर रही है क्योंकि यह समय ऑनलाइन और कैशलेस का है. ऐसे में राज्य के अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के लोगों का क्या होगा? ऐसे में विशेषज्ञों, सामाजिक कार्यकर्ताओं एवं अन्य से सभी के कल्याण हेतु योजना बनाने के लिए सुझावों को जानने का प्रयास किया है. ये सभी सुझाव सरकार के लिए मिल का पत्थर साबित होंगे. इन सुझावों को लागू करने का प्रयास किया जाएगा.


हमर अपन बजट में बेहतरीन सुझाव देने वाले को सीएम ने किया सम्मानितः मुख्यमंत्री ने हमर अपन बजट के लिए बेहतरीन सुझाव देने वाले रामगढ़ के हलधर महतो, पूर्वी सिंहभूम के सुबोजित कुमार पातर, आनंद राज और बोकारो की श्रुति सुमन को प्रशंसा पत्र और शॉल ओढ़ाकर सम्मानित किया. मुख्यमंत्री ने कहा कि शिक्षा की और बेहतरी के लिए सुझाव आए हैं, उसपर सरकार गंभीरता से कार्य करेगी. पहली बार झारखंड के आदिवासी बच्चों को विदेशों में उच्च शिक्षा के लिए पहले ही वर्ष में सात बच्चों को विदेश भेजने में कामयाब रहे उन्हें शत प्रतिशत स्कॉलरशिप दी जा रही है, मॉडल स्कूल का निर्माण हो रहा है. राज्य में ट्राइबल यूनिवर्सिटी प्रारंभ करने का मार्ग प्रशस्त हुआ है, जिससे बच्चे अपनी भाषा और संस्कृति के साथ आगे बढ़ सकें. पर्यटन को लेकर कई सुझाव आए हैं. पर्यटन के क्षेत्र में यहां बड़ी संभावनाएं हैं, यहां अनछुए जगह हैं. सरकार ने खनिज संपदा से हटकर कार्य करना शुरू किया है. यहां कई व्यवस्थाएं ऐसी हैं जो केंद्र और राज्य सरकार के संयुक्त प्रयास से होता है, इसमें कई रुकावटें आतीं हैं. लेकिन बजट के लिए मिले सलाह को सरकार मार्गदर्शक के रूप में देख रही है. कृषि के क्षेत्र में हमें अधिक खर्च करना चाहिए. यह जीवन और जीविका के लिए जरूरी है.


वित्त मंत्री डॉ रामेश्वर उरांव ने कहा कि पहले टुकड़े-टुकड़े में सलाह लिए जाते थे. लेकिन झारखंड बजट 2022-23 के लिए विशेषज्ञों से लेकर आम लोगों से सुझाव लिया गया है. बजट किसी सरकार की संस्था वार्षिक लेखा जोखा रखती है, इसमें सरकार के विचार संहित होते हैं. वर्तमान सरकार गरीबों और गांव की है. यहां कई लोगों के शॉर्ट और लांग टर्म के सुझाव हमारे समक्ष हैं. उन सभी को समाहित करने का प्रयास किया जाएगा. यह सामान्य समय नहीं हैं, संक्रमण के अनुरूप ही बजट तैयार किया जा रहा है. सरकार ने संक्रमण काल में जीवन और जीविका के लिए कार्य किए हैं. बजट में राजस्व और खर्च को लेकर प्राथमिकता तय होती है. झारखंड को प्राप्त होने वाले राजस्व को लेकर भारत सरकार जिम्मेदार है. यह खनिज संसाधनों से परिपूर्ण राज्य है. आंकड़ों पर गौर करें तो 53 हजार एकड़ भूमि कोल मंत्रालय को दिया गया जबकि इसकी क्षति पूर्ति नहीं मिली. 65 हजार करोड़ से अधिक की राशि भारत सरकार के पास बकाया है. अब खर्च की बात करें तो कृषि के क्षेत्र में हमें अधिक खर्च करना चाहिए, यह जीवन और जीविका के लिए जरूरी है. इस क्षेत्र में ध्यान देने की आवश्यकता है. बजट में सरकार गांव और शहर की जरूरतों को देखते हुए बजट का निर्माण करेगी. बजट को लेकर आए सुझाव सरकार की उम्मीदों के अनुरूप हैं.

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इन विभागों के लिए आए सुझावः बजट गोष्ठी 2022-23 में कृषि, शिक्षा, स्वास्थ्य, आईटी, आधारभूत संरचना, पावर, श्रम, नियोजन, सामाजिक सुरक्षा समेत अन्य विषयों पर विभिन्न राज्यों से आए. जिसमें विशेषज्ञों, विभिन्न विभागों के प्रतिनिधियों और ऑनलाइन विशेषज्ञों ने अपने सुझावों को रखा. इसके अलावा कृषि और सिंचाई के क्षेत्र के लिए प्रदान रांची के प्रेम शंकर, सीजेएम नाबार्ड जीके नायर, आईआईपीए के पूर्व चेयरमैन प्रो अशोक विशनदास, स्वास्थ और शिक्षा के क्षेत्र में रानी चिल्ड्रेन अस्पताल के डॉ राजेश कुमार, एक्सआईएसएस रांची के डॉ अनंत, सीनियर कंसलटेंट, वर्ल्ड बैंक प्रो रतन चांद, एनआईईपीए मनीषा प्रियम, इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी, आधारभूत संरचना एवं पावर के क्षेत्र में आईआईएम रांची के प्रो अंजुम आनंद, जे-पाल साउथ एशिया श्री अपर्णा कृष्णा, सीयूजे रांची के प्रो संजय समदर्शी समेत अन्य विशेषज्ञों ने बजट गोष्ठी 2022-23 के लिए अपने सुझावों को रखा. इस मौके पर मुख्य सचिव सुखदेव सिंह, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव राजीव अरुण एक्का, मुख्यमंत्री के सचिव विनय कुमार चौबे, वित्त सचिव अजय कुमार सिंह, विभिन्न विभागों के सचिव एवं अन्य उपस्थित रहे.

रांचीः वित्त विभाग करीब एक माह से वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए बजट को राज्य के लिए कैसे हितकारी हो इसके लिए लगातार बेहतर प्रयास किया है. बजट बनाना मुश्किल होता है. झारखंड के लिए यह चुनौती है. राज्य प्राकृतिक संसाधन में राज्य अव्वल है लेकिन आर्थिक संसाधनों में कमजोर है. विपरीत परिस्थितियों में संभ्रांत राज्य को प्रभाव नहीं पड़ता लेकिन जो कमजोर हैं वो इससे अछूते नहीं रह पाते. इस महामारी में गरीब ही प्रभावित हुआ है. संक्रमण काल से झारखंड को भी गुजरना पड़ा. यही वजह है कि वर्तमान परिस्थिति में लोगों के नजरिए और विचारों को जानने का प्रयास किया गया ताकि राज्य को बेहतर दिशा दिया जा सके. ये तमाम बातें मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने वित्त विभाग द्वारा हमर अपन बजट के संदर्भ में आयोजित बजट गोष्ठी 2022-23 में कहीं.

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सुझाव, सरकार के लिए मील का पत्थर साबित होंगे-सीएमः मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि झारखंड अलग तरह का राज्य है, यह आदिवासी बहुल क्षेत्र है. हर क्षेत्र की मुश्किलों से राज्य को बाहर निकालने की आवश्यकता है. 40% अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति के लोगों को यहां के बैंक सहयोग नहीं करता है, झारखंड के लिए यह चुनौतीपूर्ण है. सरकार इसपर चिंतन मंथन कर रही है क्योंकि यह समय ऑनलाइन और कैशलेस का है. ऐसे में राज्य के अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के लोगों का क्या होगा? ऐसे में विशेषज्ञों, सामाजिक कार्यकर्ताओं एवं अन्य से सभी के कल्याण हेतु योजना बनाने के लिए सुझावों को जानने का प्रयास किया है. ये सभी सुझाव सरकार के लिए मिल का पत्थर साबित होंगे. इन सुझावों को लागू करने का प्रयास किया जाएगा.


हमर अपन बजट में बेहतरीन सुझाव देने वाले को सीएम ने किया सम्मानितः मुख्यमंत्री ने हमर अपन बजट के लिए बेहतरीन सुझाव देने वाले रामगढ़ के हलधर महतो, पूर्वी सिंहभूम के सुबोजित कुमार पातर, आनंद राज और बोकारो की श्रुति सुमन को प्रशंसा पत्र और शॉल ओढ़ाकर सम्मानित किया. मुख्यमंत्री ने कहा कि शिक्षा की और बेहतरी के लिए सुझाव आए हैं, उसपर सरकार गंभीरता से कार्य करेगी. पहली बार झारखंड के आदिवासी बच्चों को विदेशों में उच्च शिक्षा के लिए पहले ही वर्ष में सात बच्चों को विदेश भेजने में कामयाब रहे उन्हें शत प्रतिशत स्कॉलरशिप दी जा रही है, मॉडल स्कूल का निर्माण हो रहा है. राज्य में ट्राइबल यूनिवर्सिटी प्रारंभ करने का मार्ग प्रशस्त हुआ है, जिससे बच्चे अपनी भाषा और संस्कृति के साथ आगे बढ़ सकें. पर्यटन को लेकर कई सुझाव आए हैं. पर्यटन के क्षेत्र में यहां बड़ी संभावनाएं हैं, यहां अनछुए जगह हैं. सरकार ने खनिज संपदा से हटकर कार्य करना शुरू किया है. यहां कई व्यवस्थाएं ऐसी हैं जो केंद्र और राज्य सरकार के संयुक्त प्रयास से होता है, इसमें कई रुकावटें आतीं हैं. लेकिन बजट के लिए मिले सलाह को सरकार मार्गदर्शक के रूप में देख रही है. कृषि के क्षेत्र में हमें अधिक खर्च करना चाहिए. यह जीवन और जीविका के लिए जरूरी है.


वित्त मंत्री डॉ रामेश्वर उरांव ने कहा कि पहले टुकड़े-टुकड़े में सलाह लिए जाते थे. लेकिन झारखंड बजट 2022-23 के लिए विशेषज्ञों से लेकर आम लोगों से सुझाव लिया गया है. बजट किसी सरकार की संस्था वार्षिक लेखा जोखा रखती है, इसमें सरकार के विचार संहित होते हैं. वर्तमान सरकार गरीबों और गांव की है. यहां कई लोगों के शॉर्ट और लांग टर्म के सुझाव हमारे समक्ष हैं. उन सभी को समाहित करने का प्रयास किया जाएगा. यह सामान्य समय नहीं हैं, संक्रमण के अनुरूप ही बजट तैयार किया जा रहा है. सरकार ने संक्रमण काल में जीवन और जीविका के लिए कार्य किए हैं. बजट में राजस्व और खर्च को लेकर प्राथमिकता तय होती है. झारखंड को प्राप्त होने वाले राजस्व को लेकर भारत सरकार जिम्मेदार है. यह खनिज संसाधनों से परिपूर्ण राज्य है. आंकड़ों पर गौर करें तो 53 हजार एकड़ भूमि कोल मंत्रालय को दिया गया जबकि इसकी क्षति पूर्ति नहीं मिली. 65 हजार करोड़ से अधिक की राशि भारत सरकार के पास बकाया है. अब खर्च की बात करें तो कृषि के क्षेत्र में हमें अधिक खर्च करना चाहिए, यह जीवन और जीविका के लिए जरूरी है. इस क्षेत्र में ध्यान देने की आवश्यकता है. बजट में सरकार गांव और शहर की जरूरतों को देखते हुए बजट का निर्माण करेगी. बजट को लेकर आए सुझाव सरकार की उम्मीदों के अनुरूप हैं.

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इन विभागों के लिए आए सुझावः बजट गोष्ठी 2022-23 में कृषि, शिक्षा, स्वास्थ्य, आईटी, आधारभूत संरचना, पावर, श्रम, नियोजन, सामाजिक सुरक्षा समेत अन्य विषयों पर विभिन्न राज्यों से आए. जिसमें विशेषज्ञों, विभिन्न विभागों के प्रतिनिधियों और ऑनलाइन विशेषज्ञों ने अपने सुझावों को रखा. इसके अलावा कृषि और सिंचाई के क्षेत्र के लिए प्रदान रांची के प्रेम शंकर, सीजेएम नाबार्ड जीके नायर, आईआईपीए के पूर्व चेयरमैन प्रो अशोक विशनदास, स्वास्थ और शिक्षा के क्षेत्र में रानी चिल्ड्रेन अस्पताल के डॉ राजेश कुमार, एक्सआईएसएस रांची के डॉ अनंत, सीनियर कंसलटेंट, वर्ल्ड बैंक प्रो रतन चांद, एनआईईपीए मनीषा प्रियम, इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी, आधारभूत संरचना एवं पावर के क्षेत्र में आईआईएम रांची के प्रो अंजुम आनंद, जे-पाल साउथ एशिया श्री अपर्णा कृष्णा, सीयूजे रांची के प्रो संजय समदर्शी समेत अन्य विशेषज्ञों ने बजट गोष्ठी 2022-23 के लिए अपने सुझावों को रखा. इस मौके पर मुख्य सचिव सुखदेव सिंह, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव राजीव अरुण एक्का, मुख्यमंत्री के सचिव विनय कुमार चौबे, वित्त सचिव अजय कुमार सिंह, विभिन्न विभागों के सचिव एवं अन्य उपस्थित रहे.

Last Updated : Jan 27, 2022, 11:02 PM IST
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