रांची: विधानसभा के शीतकालीन सत्र के अंतिम दिन मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने सदन को संबोधित किया. उन्होंने कहा कि आंदोलनकारियों के आश्रितों के लिए आंदोलनकारी आयोग बनाया गया है. वैसे परिवारों को पेंशन और सरकारी नौकरी में 5% आरक्षण दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि मनुवादी और झारखंड विरोधी सोच के कारण राज्य आगे नहीं बढ़ पाया है. सीएम ने कहा कि धैर्य रखें, सभी की समस्याओं का समाधान होगा. हालांकि मुख्य विपक्षी दल भाजपा के विधायकों ने सीएम के वक्तव्य पर सवाल खड़े करते हुए सदन से वाक आउट दिया है.
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शीतकालीन सत्र के अंतिम दिन मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने सदन में इस बात पर चिंता जताई कि खनिज संसाधनों से परिपूर्ण झारखंड जैसा राज्य आज भी शिक्षा, बेरोजगारी, स्वास्थ्य जैसे फ्रंट पर जूझ रहा है. उन्होंने कहा कि अब काला कोहरा छंट रहा है. अब उस जगह पर भी अधिकारी साइकिल और ट्रैक्टर से पहुंच रहे हैं जहां आज तक योजनाएं नहीं पहुंची हैं.
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि बहुत संघर्ष और शहादत के बाद यह राज्य मिला है. लिहाजा, उनकी सरकार आंदोलनकारियों के आश्रितों के लिए आंदोलनकारी आयोग बनाकर पेंशन और सरकारी नौकरी में 5% आरक्षण देने की दिशा में आगे बढ़ रही है. मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार ने जनजातियों के लिए विश्वविद्यालय बनाने का वादा किया था. उसी का नतीजा है कि आज सदन से विधेयक पारित हुआ है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि साल 2014 से पहले यहां का माहौल क्या था, उससे सभी वाकिफ हैं. हिंदू-मुस्लिम और अगड़-पिछड़ा के नाम पर इस राज्य में खाई पैदा कर दिया गया था. लेकिन अब उनकी सरकार शांत वातावरण तैयार कर रही है. इसी का नतीजा है कि मॉब लिंचिंग के खिलाफ विधेयक पारित हुआ है. मुख्यमंत्री ने भरोसा दिलाया कि समाज के हर तबके की समस्याओं का समाधान होगा. उन्होंने कहा कि उनकी सरकार ने पारा शिक्षकों की समस्याओं का समाधान निकाल लिया है.
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मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि यहां के खदानों से खनिज तो निकाला जाता है लेकिन उसे रिफिल नहीं किया जाता. आलम यह है कि अगर झरिया, धनबाद और रामगढ़ में मेडिकल कैंप लगाया जाए तो 90% से ज्यादा लोग टीबी की बीमारी से ग्रसित मिलेंगे.
मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में ईटीवी भारत की उस खबर का जिक्र किया जिसमें रांची के एक दिव्यांग दंपत्ति की बेबसी दिखाई गई थी. उन्होंने कहा कि इस खबर को देखते ही रात को उस परिवार के दरवाजे पर अधिकारी पहुंचे और पेंशन से जुड़ी उनकी समस्या का समाधान किया. उन्होंने कहा कि 29 दिसंबर से विशेष अभियान चलाकर सभी दिव्यांगों को पेंशन का लाभ दिया जाएगा. मुख्यमंत्री ने सरकार आपके द्वार कार्यक्रम की खूब तारीफ की.
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि झारखंड ऐसा पहला राज्य है जहां 60 साल से ज्यादा उम्र के सभी बुजुर्गों के साथ साथ सभी दिव्यांगों और परित्याक्ता को चिन्हित कर पेंशन देने का अभियान चलाया जा रहा है.