रांची: मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि आज कल रात में जब कभी हवाई जहाज से झारखंड के ऊपर से उड़ता हूं तो कहीं-कहीं पर कुछ दीए जलते दिखते हैं. जलते हुए दीए ये बताते हैं कि राज्य के विकास को लेकर काम हो रहा है. पहले जब हम ऊपर से जाते थे तो पता ही नहीं चलता था कि यहां कुछ है भी. यहां पूरी तरह से घुप्प अंधेरा रहता था. यह पता ही नहीं चलता था कि झारखंड में कहीं कुछ काम भी हो रहा है. एक निजी टीवी चैनल के संवाद कार्यक्रम में झारखंड के विकास पर जानकारी देते हुए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने ये बातें कहीं.
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झारखंड के विकास में सरकार कहां पहुंची इस विषय को लेकर आयोजित संवाद कार्यक्रम में झारखंड के नामी उद्यमी और सरकार के सभी मंत्री उपस्थित थे. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि झारखंड का जो विकास मॉडल है, उसकी परिस्थितियां अलग है. केंद्र से जिस तरह की चीजें बताई जाती हैं वह हर राज्य में एक जैसी नहीं हो सकती है. सबसे बड़ी बात कि गुजरात का मॉडल हर राज्य में लागू नहीं हो सकता, यह बोलने वालों के सोचना होगा.
3 सालों में झारखंड के विकास की बात कही जाती है. इसमें सबसे अहम और जरूरी बात यह है कि हमारी सरकार बनते ही पूरे देश और पूरे विश्व में कोरोना महामारीआ गई. कोरोना से निपटने में हमने पूरी ताकत लगा दी. हमने झारखंड के लोगों को लाने का काम किया. हमने ट्रेन से, बस से, हवाई जहाज से लोगों को झारखंड मंगवाया. हमारी सरकार कि कोशिश यही रही है कि करोना के समय में ज्यादा से ज्यादा लोगों तक वह सभी सुविधाएं पहुंचाई जाए ताकि झारखंड के आम जनमानस को कोई परेशानी ना हो. कोरोना के इस व्यवस्था से लड़ते-लड़ते पूरे 2 साल बीत गए. हमने झारखंड की जनता को कोरोना में एक बेहतर स्वास्थ्य व्यवस्था देने की कोशिश की है. करोना के समय में किसी को खाने पीने की दिक्कत ना हो इसका सरकार पूरा ध्यान रखी है, कोरोना में हम लोगो नें जो प्रबंधन किया उसकी देश में ही नहीं विश्व में सराहना हुई है यह भी हमारे विकास का ही एक मॉडल है.
सीएम हेमंत सोरेन ने कहा कि सभी राज्यों के विकास की एक दिशा नहीं दी जा सकती है. सभी राज्यों को विकास के एक पैरामीटर पर खड़ा करके देखना ठीक नहीं है. झारखंड सरकार द्वारा बजट को बड़ा कर लेना और उसे खर्च न कर पाने के सवाल पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि यह गलत बात है. हमारी यह प्राथमिकता होती है कि जिस विभाग के लिए जो बजट बनाया जाए उसे पूरे तौर पर खर्च किया जाए. योजनाओं के लिए जिस पैसे को रखा जाता है वह खर्च किया ही जाता है. लेकिन इसमें भी केंद्र सरकार की भूमिका अहम है. उन्होंने कहा कि हमने जो बजट बनाया है वह बहुत बेहतरीन तरीके से रहा है और उसे क्रियान्वयन के लिए हर तरीके से काम किया गया है.
राज्य के विकास और संसाधन पर बोलते हुए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि हमारे पास जो चीजें हैं उसको लेकर के केंद्र सरकार की जो योजना हम तक पहुंचती है उसका पैसा ही हमें नहीं मिलता. जीएसटी के रूप में हर साल झारखंड का लगभग 500 करोड़ रुपए का घाटा हो रहा है. जीएसटी लगा देने के बाद राज्य की सबसे बड़ी परेशानी यह हो गई जो पैसा हमें मिलता था वह नहीं मिल रहा है. केंद्र सरकार योजनाएं बना देती है उन योजनाओं के लिए हम काम भी करना शुरू कर देते हैं लेकिन जो पैसा उस काम के एवज में हमें मिलना चाहिए वह नहीं मिल पाता. राज्य सरकार अपना पैसा खर्च कर देती है लेकिन केंद्र सरकार उसका भुगतान ही नहीं करती. 8लाख घर झारखंड में बने था लेकिन उसका पैसा ही केंद्र सरकार ने नहीं दिया. राज्य सरकार अपना पैसा लगा देती है और केंद्र को हिस्सा है राज्य उसका इंतजार ही करता रहता है.
केंद्र की नीतियों को लेकर हेमंत सोरेन ने कहा कि पहले यह कहते थे कि, न खाऊंगा-न खाने दूंगा , लेकिन अब पुरा राग ही पलट गया है. क्योंकि केंद्र सरकार कुछ कर नहीं रही है. अब इनका नारा हो गया है, न करूंगा-न करने दूंगा और उसमें बहुत सारे राज्य विकास को लेकर से सफर कर रहे हैं. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि राज्यों की योजनाओं को केंद्र ले लेता है. उसे दूसरे राज्यों में भी लागू कर देता है. जब की भौगोलिक स्थिति और राज्य की संरचना को समझे बगैर किसी योजना को राज्य पर लाद देना ठीक नहीं है. झारखंड के विकास के लिए हम लोग लगातार काम कर रहे हैं और हमारी सरकार आने के बाद बहुत सारी परिस्थितियों को हमने बदला है.
झारखंड में नौकरी और पलायन को लेकर के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि माइग्रेन की जो बात कही जाती है वह आर्थिक गति को तेज ही देता है. रोजी रोटी कमाने के लिए लोग देश के भीतर एक राज्य से दूसरे राज्य में जाते हैं. जबकि विदेशों में भी जाकर के काम करते हैं. झारखंड के लोग ढंग से पैसा कमा सके उनका जीवन बेहतर हो सके उन्हें किसी तरह की दिक्कत न हो इस पर पूरे तौर पर हम नजर रखते हैं. सीएम हेमंत सोरेन ने कहा कि तमिलनाडु में जिस तरह की खबर आई, हालांकि वह खबर फर्जी निकली हमने तत्काल अपने अधिकारियों को तमिलनाडु भेज करके अपने लोगों का कुशल क्षेम पूछा और जो भी मदद की जरूरत हुई वह सरकार हमेशा देने को तैयार रहती है. लोग शौक से बाहर जाकर पैसा कमाएं यह किसी के पसंद की बात हो सकती है लेकिन मजबूरी में झारखंड से पलायन नहीं होता है.
झारखंड के विकास को लेकर के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि अगले 2 सालों में झारखंड को और विकास की गति मिलेगी. युवाओं को रोजगार देने के लिए सरकार संकल्पित है. विपक्ष जो भी आरोप लगाता है वह उनकी हताशा है. उनके पास सही मुद्दों के साथ खड़े रहने का कोई सार्थक प्रश्न नहीं है इसलिए प्रोपेगेंडा की राजनीति उनकी चलती रहती है. युवाओं को रोजगार देना, कानून व्यवस्था को बनाए रखना यह तमाम चीजें हमारी सरकार कर रही है. झारखंड में नक्सलवाद एक बड़ी परेशानी रही है उस पर भी अब रोक लगनी शुरू हुई है. और जो भी इस तरह की परेशानी है जैसे-जैसे खत्म होगी झारखंड विकास की राह पर आगे बढ़ेगा.